भारत में एक बार फिर अमीरों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल में करोड़पतियों की संख्या में लगभग छह प्रतिशत का इजाफा हुआ है। करोड़पतियों के साथ-साथ अरबपतियों की संख्या भी पिछले कुछ सालों में बढ़ती जा रही है। हाल ही में आई रिपोर्ट में ऐसे लोगों की गिनती की गई है जिनकी संपत्ति एक करोड़ डॉलर यानी 87 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इस रिपोर्ट के आधार पर यह माना जा रहा है कि भारत में निवेश का माहौल अच्छा है और कारोबारियों को कमाई करने में आसानी हो रही है। 

 

यह जानकारी रियल एस्टेट कंपनी नाइट फ्रैंक की बुधवार को आई 'द वेल्थ रिपोर्ट-2025' में सामने आई है। साल 2023 में भारत में कुल करोड़पतियों की संख्या 80,686 थी। नाइट फ्रैंक की नई रिपोर्ट आने के बाद पता चला है कि यह संख्या बढ़कर 85,698 तक पहुंच चुकी है। रिपोर्ट की मानें तो भारत में उच्च नेटवर्थ वालों (एचएनडब्ल्यूआई) की संख्या साल 2028 तक बढ़कर 93,753 तक पहुंचने की उम्मीद है। नाइट फ्रैंक कंपनी ने बताया है कि भारत में अरबपतियों की संख्या में भी काफी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पिछले पांच सालों में भारत के अरबपतियों की संख्या में 25 गुना से ज्यादा की बढ़त हुई है। 

 

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अधिक संपत्ति से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था

भारत में बढ़ रहे अधिक संपत्ति वालों की संख्या देश की मजबूत अर्थव्यवस्था को दर्शाती है। साथ ही, देश में बढ़ते निवेश अवसरों और यहां के बाजारों में बढ़ती लग्जरी को भी दर्शाती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आने वाले समय में इन आंकड़ों के और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद लगाई जा रही है। 

 

रिपोर्ट देने वाली कंपनी ने बताया कि भारत के अरबपतियों की संख्या में अन्य सालों की अपेक्षा साल 2024 में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। कंपनी ने बताया मौजूदा समय में भारत में कुल 191 अरबपति हैं। इनमें से 26 लोग पिछले ही साल इस श्रेणी में शामिल हुए हैं, जबकि साल 2019 की रिपोर्ट देखें तो भारत में उस समय केवल यह संख्या 7 थी। यानी पांच सालों में इनकी संख्या 27 गुना तक बढ़ गई है। 

 

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नाइट फ्रैंक के चेयरमैन ने की तरीफ

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन शिशिर बैजल ने कहा, 'भारत में बढ़ती संपत्ति इसकी आर्थिक मजबूती और लंबे समय की वृद्धि क्षमता को दर्शाती है। देश में बढ़ते व्यापार, दुनियाभर से आयात-निर्यात और उभरते उद्योगों के साथ हाई नेटवर्थ वैल्यू वाले व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।'

 

शिशिर बैजल ने कहा, 'भारत का उच्च नेटवर्थ वाला वर्ग अपनी निवेश प्राथमिकताओं में रियल एस्टेट से लेकर ग्लोबल इक्विटी तक को तवज्जो दे रहा है। आने वाले दशक में ग्लोबल इकोनॉमी में भारत का प्रभाव और मजबूत होगा।'