जैसे-जैसे 31 दिसंबर की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे पैन-आधार को लिंक करने को लेकर टैक्सपेयर के बीच कन्फ्यूज़न बढ़ता जा रहा है कि किसे पैन-आधार लिंक करना जरूरी है और कौन-कौन इससे मुक्त है। जबकि पैन को आधार से लिंक करना ज्यादातर लोगों के लिए जरूरी है, वहीं इनकम टैक्स ऐक्ट कुछ लोगों को इससे छूट भी देता है।
कुछ लोगों को पैन-आधार लिंक करना जरूरी नहीं होता है। इनमें इनकम टैक्स ऐक्ट के अंतर्गत आने वाले नॉन-रेजिडेंट इंडियन्स शामिल हैं, साथ ही वे लोग जिनके लिए सरकार आधार बनवाने से छूट दे रखी है, उनको भी आधार-पैन लिंक करने से छूट मिली हुई है। बता दें कि असम, मेघालय, जम्मू कश्मीर और लद्दाख के कुछ विशिष्ट परिस्थितियों वाले लोगों के लिए आधार-पैन लिंकिंग से छूट मिली हुई है। इसके अलावा 80 साल से ज्यादा उम्र के (सुपर सीनियर सिटीजन) के लिए भी आधार-पैन को लिंक करना जरूरी नहीं है।
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ऐसे लोग क्या करें?
जिन लोगों के लिए आधार बनवाना अनिवार्य नहीं है, उन लोगों के लिए पैन-आधार को लिंक करना भी जरूरी नहीं है। अगर किसी के पास आधार नहीं है तो ऐसी परिस्थिति में उसका पैन काम करना बंद नहीं कर देता। हालांकि, जिसको भी आधार जारी किया गया है उसके लिए आधार को पैन से लिंक करना जरूरी है, भले ही आपको इससे छूट मिली हई हो।
ज्वाइंट होल्डर्स के लिए नियम
चूंकि आधार किसी व्यक्ति का ही बनता है न कि किसी संस्था का इसलिए ज्वाइंट बैंक अकाउंट, ज्वाइंट डीमैट अकाउंट और ज्वाइंट इन्वेस्टमेंट की स्थिति में दोनों व्यक्तियों के आधार का पैन से लिंक होना जरूरी है। ऐसी स्थिति में अगर एक होल्डर का PAN इनएक्टिव हो जाता है, तो उस PAN से जुड़े ट्रांजैक्शन पर रोक लग सकती है, भले ही दूसरे होल्डर का PAN पूरी तरह से कम्प्लायंट हो।
नाबालिगों के बारे में क्या?
जिन नाबालिगों को PAN अलॉट किया गया है, उन्हें बालिग होने तक इसे आधार से लिंक करने की ज़रूरत नहीं है। एक बार जब कोई नाबालिग 18 साल का हो जाता है और आधार ज़रूरी हो जाता है, तो PAN को इनएक्टिव होने से बचाने के लिए PAN को आधार से लिंक करना जरूरी होगा।
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मृत व्यक्तियों के लिए नियम
मृत व्यक्तियों के लिए PAN-आधार लिंकिंग की ज़रूरत नहीं है। अगर PAN किसी ऐसे व्यक्ति का है जिसकी मृत्यु हो गई है, तो परिवार के सदस्यों या कानूनी वारिसों को लिंकिंग पूरी करने की ज़रूरत नहीं है। हालांकि, भविष्य में कम्प्लायंस की समस्याओं से बचने के लिए PAN को तय प्रोसेस के ज़रिए सरेंडर कर देना चाहिए।
