भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अमेरिका ने भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ पर रोक तो लगा दी है लेकिन बदलते व्यापारिक रिश्तों को लकेर दुनियाभर के ट्रेड विश्लेषक चिंता में हैं। दुनिया की तुलना में डोनाल्ड ट्रम्प का भारत के प्रति रवैया थोड़ा उदार है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हम कभी भी बंदूक की नोक पर बातचीत नहीं करते।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत, वैश्विक व्यापार करने के लिए जब भी राजी होता है, तब भारत प्रथम की नीति पर काम करता है। भारत अपने व्यापारिक हितों से समझौता नहीं करता है। उन्होंने कहा, 'जब तक हम अपने देश और अपने लोगों के हितों को सुरक्षित नहीं कर लेते, तब तक हम किसी भी सौदे में जल्दबाजी नहीं करते हैं।'
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'बंदूक की नोक पर नहीं समझौता करता है भारत'
पीयूष गोयल ने कहा, 'मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं कि हम बंदूक की नोक पर आकर कोई समझौता नहीं करते। समय की सीमाएं अच्छी होती हैं क्योंकि वे बातचीत को तेज करने में मदद करती हैं, लेकिन जब तक हम देश और लोगों के हितों की सुरक्षा नहीं कर पाते, तब तक जल्दबाजी करना ठीक नहीं होता।'
'अमेरिका के साथ 2030 तक दोगुना होगा व्यापार'
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और विदेश मंत्री जयशंकर के बयानों से यह साफ है कि अमेरिका भारत और यूरोपीय संघ के साथ व्यापार समझौते सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। भारत को डोनाल्ड ट्रम्प के कड़े फैसलों से राहत मिल सकती है।
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'90 दिनों के लिए मिली टैरिफ से राहत'
अमेरिका के रिवेंज टैक्स से चीन को छोड़कर दुनिया के अन्य देशों को 90 दिनों की राहत मिली है। पीयूष गोयल ने कहा है कि दोनों देशों के बीच वार्ता सही दिशा में आगे बढ़ रही है। 2030 तक, अमेरिका और भारत का व्यापार 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचेगा। पहला चरण इस साल सितंबर-अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा।
कैसे समझौते के लिए राजी हुआ अमेरिका?
जयशंकर ने बताया कि ट्रम्प प्रशासन ने भारत के प्रस्तावों का तत्काल जवाब दिया है। एक महीने में ही दोनों देशों के बीच वैचारिक सहमति बन गई है। भारत और अमेरिका 2025 की सर्दियों तक समझौते के पहले हिस्से को अंतिम रूप देने के लिए तैयार हो जाएंगे।
भारत के शर्तों पर हो रहे हैं व्यापार समझौते
पीयूष गोयल ने कहा है कि व्यापार समझौतों पर बातचीत तभी आगे बढ़ती है, जब दोनों पक्ष एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशील हों। दोनों मंत्रियों ने जोर दिया कि सभी वार्ताएं 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य को ध्यान में रखकर हो रही हैं।