फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने कुछ शहरों में अपनी प्लेटफॉर्म फीस को बढ़ाकर 15 रुपये कर दिया है। पहले यह फीस 12 रुपये थी, जिसे अगस्त 2024 में 14 रुपये किया गया था। अब इसमें एक रुपये की और बढ़ोत्तरी की गई है। यह बदलाव उन इलाकों में किया गया है, जहां ऑर्डर की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस 15 रुपये की फीस में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) शामिल है।
स्विगी के साथ-साथ उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी जोमैटो ने भी मंगलवार को अपनी प्लेटफॉर्म फीस को 10 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये कर दिया। यह फीस जीएसटी को छोड़कर है। त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने की उम्मीद के चलते यह कदम उठाया गया है।
यह भी पढ़ेंः क्या सस्ता, क्या महंगा? GST काउंसिल की मीटिंग में मिलेगा 'तोहफा'
2023 में शुरू हुआ था सिलसिला
स्विगी ने पहली बार अप्रैल 2023 में 2 रुपये की प्लेटफॉर्म फीस शुरू की थी। धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 12 रुपये तक किया गया। जोमैटो ने भी पिछले साल अक्टूबर 2024 में अपनी फीस में बदलाव किया था। यह फीस भले ही छोटी लगे, लेकिन 500-600 रुपये के औसत ऑर्डर मूल्य के हिसाब से यह कंपनियों के मुनाफे को बढ़ाने में मदद करती है।
नेट लॉस दोगुना हुआ
स्विगी ने इस फीस की बढ़ोत्तरी पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। कंपनी का अप्रैल-जून की तिमाही में नेट लॉस पिछले साल की तुलना में दोगुना होकर 1,197 करोड़ रुपये हो गया। यह नुकसान उसकी क्विक-कॉमर्स सेवा इंस्टामार्ट में बढ़े निवेश के कारण हुआ।
यह भी पढ़ें-- GST के बदलने से राज्यों को कितने का नफा-नुकसान? समझिए पूरा गणित
इस दौरान स्विगी की ऑपरेशनल रेवेन्यू 54% बढ़कर 4,961 करोड़ रुपये रही, जबकि ऑपरेशन, इन्वेस्टमेंट और फाइनेंसिंग ऐक्टिविटी के बाद कैश आउटफ्लो 1,053 करोड़ रुपये रहा। यह फीस बढ़ोत्तरी ग्राहकों के लिए थोड़ी महंगी हो सकती है, लेकिन कंपनियों के लिए यह अपने कारोबार को मजबूत करने का एक तरीका है।