हाल ही में इंदौर में व्यापारियों द्वारा यूपीआई पेमेंट को स्वीकार न किए जाने का मामला सामने आया था, जिससे शहर में काफी हलचल का माहौल था. हम सभी जानते हैं कि सरकार डिजिटल लेनदेने और को बढ़ावा दे रही है। डिजिटल लेनदेन में भी सर्वाधिक प्रयोग जिसका किया जाता है वह है यूपीआई पेमेंट। क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड का प्रयोग भी लोग करते हैं लेकिन आमतौर पर उसका प्रयोग छोटे पेमेंट के लिए नहीं किया जाता है।

 

दरअसल, शहर के रेडीमेट गारमेंट व्यापारियों ने साइबर फ्रॉड और बैंक खातों के सीज होने की आशंका के कारण यूपीआई पेमेंट लेने से इनकार कर दिया। जब पुलिस अधिकारियों को इस बात का पता चला उन्होंने व्यापारियों को मनाने की कोशिश की। 

क्या था पूरा मामला

इंदौर के व्यापारियों के मुताबिक जब वे ग्राहकों से यूपीआई पेमेंट के माध्यम से पेमेंट लेते हैं और यदि उनका अकाउंट साइबर क्राइम से जुड़ा हुआ होता है तो पुलिस उनके खातों को भी सीज कर देती है, इसकी वजह से उन्हें कानूनी परेशानी का सामना करना पड़ता है। 

इस परेशानी की वजह से शहर के करीब 6000 व्यापारियों  ने छह दिनों तक यूपीआई पेमेंट लेने  से इनकार कर दिया और दुकानों के बाहर पोस्टर लगा दिए मामले ने काफी तूल पकड़ लिया। फिर मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रशासन और क्राइम ब्रांच ने हस्तक्षेप किया।

फिर से पेमेंट लेना शुरू

हालांकि, लोगों की परेशानी को देखते हुए जब एसोसिएशन के पदाधिकारियों से मुलाकात की और समस्या का समाधान निकालने के लिए एसोसिएशन के पदाधिकारियों से मुलाकात की। समस्या का समाधान होने के बाद व्यापारियों ने फिर से यूपीआई पेमेंट लेना शुरू कर दिया।

बढ़ रहे साइबर फ्रॉड

बता दें कि साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पेमेंट गेटवे से लेकर डिजिटल अरेस्ट तक कई तरह से लोगों के साथ डिजिटल फ्रॉड किए जा रहे हैं। हालांकि, आरबीआई इसको लेकर लगातार जागरुकता फैलाने की कोशिश करती है, फिर भी इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लग सकी है।