जब हम नौकरी के लिए अप्लाई करते हैं तो आमतौर पर सिलेक्शन के अंतिम चरण में इंटरव्यू होता है। इस इंटरव्यू का सिलेक्शन में अहम रोल होता है। UPSC से लेकर मल्टी नेशनल कंपनी तक सब जगह नौकरी पाने के लिए इंटरव्यू तो देना ही पड़ता है। कई बार उम्मीदवारों को लगता है कि उनका इंटरव्यू तो बहुत अच्छा गया था लेकिन फिर भी वे असफल हो गए। उन्हें समझ नहीं आता कि वे ऐसा क्या करें जिससे इंटरव्यू पास करके नौकरी हासिल कर लें। इसी समस्या को लेकर मशहूर कॉन्टेंट क्रिएटर और लेखक अंकुर वारिकू ने 7-38-55 रूल के बारे में बताया है।
अंकुर वारिकू ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में उन्होंने जॉब इंटरव्यू क्रैक करने का 7-38-55 फॉर्मूला दिया गया है। इस फॉर्मूले को लेकर अब सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। अंकुर ने अपनी पोस्ट में यह भी बताया कि जॉब इंटरव्यू के समय कैंडिडेट अक्सर कौन-सी गलतियां कर देते हैं, जिनकी वजह से उन्हें रिजेक्ट कर दिया जाता है और वे अपनी पसंदीदा जॉब हासिल नहीं कर सकते।
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क्या है 7-38-55 रूल?
अंकुर वारिकू ने बताया कि इंटरव्यू की सफलता इस बात पर कम निर्भर करती है कि आप क्या कहते हैं बल्कि इस बात पर ज्यादा निर्भर करती है कि आप कैसे दिखते हैं। उन्होंने जो 7-38-55 फॉर्मूला दिया है, उसके अनुसार, कम्युनिकेशन साइकोलॉजी के आधार पर आपकी बॉडी लैंग्वेज, शब्द और लहजा मिलकर आपकी इमेज यानी छवि इंटरव्यू में बनाते हैं।
कम्युनिकेशन साइकोलॉजी का यह रूल सबसे पहले मनोवैज्ञानिक अल्बर्ट मेहराबियन ने दिया था। उनके अनुसार, जो आप बोलते हैं और जो आपकी बॉडी लैंग्वेज होती है उसमें टकराव होता है। अगर आप इंटरव्यू में कह रहे हैं कि मैं ठीक हूं लेकिन आपके चेहरे से दिखाई दे रहा है कि आप उदास हैं तब लहजे और बॉडी लैंग्लेज के जरिए ही आपको जज करते हैं। इसी रूल को अंकुर ने जॉब इंटरव्यू से जोड़कर कुछ रूल्स बताए हैं।
कैसे क्रैक होगा इंटरव्यू?
अंकुर के 7-38-55 रूल के अनुसार, आप जॉब इंटरव्यू में क्या कहते हैं इससे केवल 7 प्रतिशत अर्थ ही शब्दों के जरिए बताया जाता है। 38 प्रतिशत जॉब इंटरव्यू इस पर निर्भर करते हैं कि आप कैसे कहते हैं, जिसमें लहजा, कॉन्फिडेंस और क्लैरिटी शामिल होती है। इस रूल में बताए गए 55 प्रतिशत का मतलब है कि आपके जॉब इंटरव्यू का 55 प्रतिशत आपकी बॉडी लैंग्वेज, पोस्चर, चेहरे के भाव और हावभाव पर निर्भर करता है।
इंटरव्यू के बाद क्यों नहीं मिलती नौकरी?
अंकुर वारिकू ने अपनी पोस्ट में इस बात का भी जिक्र किया है कि इंटरव्यू अच्छा जाने के बाद भी जॉब क्यों नहीं मिलती। इस बारे में उन्होंने कहा, 'जॉब इंटरव्यू में 93 प्रतिशत चीजें आपके बिना बोले ही तय हो जाती हैं। आप क्या बोलते हैं यह सिर्फ 7 प्रतिशत ही मायने रखता है। इंटरव्यू में सिलेक्ट ना हो पाने के पीछे 55 प्रतिशत यानी आपकी बॉडी लैंग्वेज, पोस्चर, चेहरे के हावभाव में अंतर होता है। आप कैसे हाथ मिलाते हैं और जवाब देते समय आपकी बॉडी लैंग्वेज मिलती है या नहीं इस बात का आपकी सिलेक्शन पर बहुत असर होता है।'
अंकुर ने बताया कि 67 प्रतिशत लोग ठीक से आई कॉन्टेक्ट ही नहीं कर पाते और वे जवाब देते समय भी इधर-उधर देखते रहते हैं। इंटरव्यू में 45 प्रतिशत लोग हाथ-पैर हिलाते हैं या फिर शरीर की ज्यादा एक्टिविटी करते हैं। 30 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो ठीक से हाथ ही नहीं मिलाते और 40 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनका बैठने का तरीका ठीक नहीं होता है। इन सभी कारणों के कारण सही जवाब देने पर भी आपको नौकरी नहीं मिल पाती।
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इंटरव्यू में क्या करना चाहिए?
अंकुर वारिकू ने बताया कि जॉब इंटरव्यू में कैंडिडेट्स को सिर्फ कॉन्फिडेंट दिखने का लक्ष्य नहीं होना चाहिए। अगर आप ऐसी कोशिश करते हैं तो ज्यादा चांस हैं कि आप गलती करें। आप अंदर से जो महसूस कर रहे हैं वैसे ही रहें ताकि आपकी बॉडी लैंग्वेज खुद ब खुद वैसा परफॉर्म करे जैसा असल में करना चाहिए। इंटरव्यू में आपको सहज दिखाने के बजाय सहज और कॉन्फिडेंट महसूस करना चाहिए।
कौन हैं अंकुर वारिकू
अंकुर वारिकू एक ऐसा नाम है जो अक्सर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना रहता है। सेल्फ ग्रोथ से जुड़ा कॉन्टेंट वह अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करते हैं। उन्होंने कई मशहूर किताबें भी लिखी हैं। वह स्टूड़ेंट्स से लेकर अपने करियर के शुरुआती फेज में संघर्ष कर रहे लोगों को गाइ़ड करते हैं। वह फाइनेंश से जुड़ा कॉन्टेंट भी बनाते हैं। वह वेबवेदा नाम की एक कंपनी भी चलाते हैं और उन्होंने बताया कि इस कंपनी से ही उनकी सबसे ज्यादा इनकम आती है। इसके अलावा वह सोशल मीडिया, बुक रॉयल्टी और ब्रांड के साथ काम करके काम करते हैं।


