राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी क्लास में अपने बच्चे की एडमिशन करवाने के लिए माता-पिता को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी, केजी और पहली क्लास में एडमिशन की प्रक्रिया अगले महीने 4 दिसंबर 2025 से शुरू होने जा रही है। डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन निदेशालय (DoE) ने 2026-27 शैक्षणिक सत्र के लिए एडमिशन की गाइडलाइंस जारी कर दी है। पैरेंट्स को कोई दिक्कत ना हो इसके लिए एडमिशन प्रोसेस को पारदर्शी बनाने की कोशिश की है। नए नियमों को लेकर पैरेंट्स के मन में कई सवाल हैं।
एजुकेशन डिपार्टमेंट ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि एजमिशन प्रोसेस को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाए। लॉटरी निकालते समय पैरेंट्स की मौजूदगी सुनिश्चित की जाए। एडमिशन की पहली मेरिट लिस्ट 23 जनवरी 2026 को जारी की जाएगी और दूसरी लिस्टे 9 फरवरी को जारी होगी। अगर किन्हीं दो बच्चों की एक समान मेरिट बनती है तो इसके लिए ड्रॉ की तारीखों की जानकारी कम से कम दो दिन पहले अपनी वेबसाइट, नोटिस बोर्ड या ईमेल के जरिए पैरेंट्स को देनी होगी।
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पैरेंट्स के सवाल
नए सत्र के लिए एडमिशन प्रोसेस शुरू होने वाला है और अब पैरेंट्स के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। पैरेंट्स को चिंता है कि कहीं उनके बच्चे एडमिशन से चूक ना जाएं। आपको बता दें कि नए दिशा निर्देशों में बच्चों की उम्र सीमा भी तय कि गई है और इसके लिए 31 मार्च 2026 को बेस माना गया है।
- नर्सरी (प्री-स्कूल): 3 से 4 साल
- केजी (प्री-प्राइमरी): 4 से 5 साल
- पहली क्लास: 5 से 6 साल
क्या उम्र सीमा में छूट मिल सकती है?
कई पैरेंट्स को इस बात की चिंता है कि क्या उनके बच्चे को उम्र सीमा में छूट मिल सकती है या नहीं। कुछ बच्चों उम्र में कुछ दिनों की कमी के कारण एडमिशन नहीं ले पाते। हालांकि, एजुकेशन डिपार्टमेंट ने इसको लेकर भी जानकारी दी है। एजुकेशन डिपार्टमेंट ने स्कूल के प्रिंसिपल को यह अधिकार दिया है कि वह कुछ मामलों में न्यूनतम और अधिकतन उम्र सीमा में छूट दे सकते हैं।
कितनी फीस लगेगी?
प्राइवेट स्कूल अब मनमाने तरीके से पैरेंट्स से पैसा नहीं वसूल पाएंगे। एजुकेशन डिपोर्ट्मेंट ने एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन करने की फीस 25 रुपये निर्धारित कर दी है। इसके अलावा दिशा निर्देशों में यह भी साफ कहा गया है कि कैपिटेशन फीस या फिर प्रोस्पेक्टस खरीदने के लिए स्कूल पैरेंट्स को बाध्य नहीं कर सकता। अगर कोई स्कूल ऐसा करता है तो पैरेंट्स उसकी शिकायत कर सकते हैं।
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किन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होगी?
- राशन कार्ड
- डोमिसाइल सर्टिफिकेट
- माता-पिता का वोटर आईडी
- बिजली, पानी या टेलीफोन बिल,
- बच्चे का पासपोर्ट (ऑप्शनल)
- माता या पिता का आधार कार्ड
क्यों मुश्किल होता है एडमिशन लेना?
दिल्ली के स्कूलों में एडमिशन मिलना मुश्किल होता है क्योंकि एडमिशन के लिए 1 सीट पर कई बच्चे अप्लाई करते हैं। नर्सरी एडमिशन प्रोसेस के तहत कोई भी स्कूल सीमित सीटों पर ही एडमिशन दे सकता है। इसके साथ ही राजधानी दिल्ली में मिड क्लास में एंट्री मिलना भी मुश्किल है। एक बार एडमिशन मिलने के बाद बहुत कम बच्चे ही अपनी सीट छोड़ते हैं यानी पहली से 12वीं तक कुछ ही सीटें खाली होती हैं। इसलिए मिड क्लास में एंट्री मिलना बेहद मुश्किल होता है। दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश पर स्कूलों में एडमिशन को लेकर दिशा निर्देश बने हैं।
