वादा- युवाओं के लिए बेहतर भविष्य के लिए स्पोकन इंग्लिश को बढ़ावा
'दिल्ली में रोजगार के अवसरों और आय की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए पिछले 5 वर्षों में दिल्ली के किसी भी सरकारी या निजी स्कूल से शिक्षा पूरी कर चुके छात्रों के लिए अंग्रेजी, सॉफ्ट स्किल्स और पर्सनैलिटी डेवेलेपमेंट क्लासेज की शुरुआत करेंगे।'
दिल्ली सरकार के तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल ने 23 जुलाई 2022 को योजना लॉन्च करते वक्त यह ऐलान किया था कि 16 साल के किशोर से लेकर 35 साल तक के युवाओं को अंग्रेजी सिखाई जाएगी। बस इसके लिए छात्रों को 950 रुपये की सिक्योरिटी देनी होगी जब कोर्स पूरा हो जाएगा तब यह राशि वापस हो जाएगी।
क्यों AAP ने किया था वादा?
अरविंद केजरीवाल ने योजना लॉन्च करते हुए कहा था, 'दिल्ली में अंग्रेजी की वजह से कुछ बच्चे कमतर महसूस करते हैं। दिल्ली सरकार ने कमजोर अंग्रेजी वाले बच्चों के लिए स्पोकन इंग्लिश प्रोग्राम लाई है। उनकी कम्युनिकेशन स्किल सुधारने के लिए यह योजना लाई जा रही है। जिन बच्चों की 12वीं पूरी कर ली है। हम 1 लाख बच्चों को पहले सेशन में ट्रेनिंग देंगे। यह इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का कोर्स होगा।'
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क्या जमीन पर उतर पाई योजना?
दिल्ली सरकार की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक यह पढ़ाई शिक्षा निदेशालय के 38 स्कूलों में नियमित स्कूल के घंटों के बाद होती है। इस योजना का मकसद छात्रों सहित शिक्षार्थियों को रोजगार पर विशेष ध्यान देने, उनकी अंग्रेजी ठीक करने की है। शुरुआत में 1 लाख छात्रों के लिए इसका लक्ष्य रखा गया था।
वादे की हकीकत क्या है?
नवंबर 2022 में यह योजना आगे बढ़ी थी। दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी (DSEU) के तहत स्पोकन इंग्लिश का एक कोर्स शुरू हुआ था। अब यह ट्रेनिंग दिल्ली के 38 स्कूलों में दी जा रही है। यह कोर्स 100 से 130 घंटे का होगा। यह 3 से 4 महीने में पूरा हो जाता है। कोर्स 3 से 4 महीने की अवधि में रोलिंग सिस्टम के जरिए इसे आयोजित किया जाता है। पहला बैच 12 जून से शुरू हुआ था। यह कोर्स अभी भी चल रहा है।
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कहां तक पहुंची है यह योजना?
योजना के बारे में आखिरी बार किसी बड़े नेता ने साल 2022-2023 में बात की थी। उसके बाद से किसी भी प्रतिनिधि ने इस पर कुछ नहीं कहा है। योजना कहां तक पहुंची है इसके बारे में अभी तथ्यात्मक तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है।