बिहार पर विधानसभा चुनाव का रंग चढ़ चुका है। दोनों खेमों (NDA-INDIA) की सभी पार्टियां सुपर एक्टिव हो चुकी हैं। एक दूसरे पर हमला करने का कोई मौका नहीं चूक रहीं। बीजेपी, जेडीयू और चिराग पासवान एक तरफ तो आरजेडी, कांग्रेस और वाम दल एक तरफ हैं। इन सबके बीच सबसे ज्यादा चर्चा सुपर चार पार्टियों की हो रही है, जिसमें बीजेपी-जेडीयू और आरजेडी-कांग्रेस मुख्य हैं। सभी दल अपने-अपने स्तर और काबिलियत के बल पर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। बीजेपी और आरजेडी के आक्रामक कैंपेन के बीच सत्ताधारी जेडीयू के चुनाव प्रचार की चर्चा कम हो रही है।

 

दरअसल, बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार में रैलियां कर चुके हैं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अपनी बिहार अधिकार यात्रा अभी खत्म की है। इससे पहले उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ मिलकर वोटर अधिकार यात्रा की थी। मगर, बिहार में जेडीयू ही एक ऐसी पार्टी बची है, जिसने अकेले कोई यात्रा या कोई बड़ी रैली अभी तक नहीं की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री मोदी के साथ जरूर दो बार उनके साथ रैलियों में मंच पर नजर आए हैं, लेकिन वह फिलहाल अभी जनता से डायरेक्ट संवाद नहीं कर पाए हैं।

 

ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर जनता दल यूनाइटेड का चुनावी प्रचार कैसे चल रहा है। सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और उसके शीर्ष नेता किस तरह से अपनी पार्टी के मुद्दे जनता के बीच रख रहे हैं। साथ ही पार्टी अपने विरोधियों पर किस तरीके से हमले कर रही है? यह सबकुछ हम इस खबर में जानेंगे...

 

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नेताओं द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दे

जेडीयू के शीर्ष नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही जनता के बीच डायरेक्ट नहीं पहुंच रहे हैं, लेकिन वह अपनी सरकार की तरफ से जनता के लिए ताबड़तोड़ घोषणाएं कर रहे हैं। वह अपने आधिकारिक एक्स प्लेटफॉर्म से अपनी पिछली सरकारों में किए गए कामों का लेखा-जेखा जनता के सामने रख रहे हैं। इसके साथ ही युवा, महिला, किसान और अन्य वर्गों के लिए सरकार आने पर बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं।

 

21 सितंबर को सीएम ने अपने एक्स पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के उत्थान के लिए घोषणा की। उन्होंने कहा कि न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर चलते हुए समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग तक सरकार की विभिन्न विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में विकास मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसे ध्यान में रखते हुए बिहार महादलित विकास मिशन के अन्तर्गत कार्यरत प्रत्येक विकास मित्र को टैबलेट खरीदने के लिए एकमुश्त 25 हजार रूपए देने का फैसला लिया गया है।

 

 

उन्होंने इसके साथ ही कहा कि विकास मित्रों का परिवहन भत्ता 1900 रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 2500 रूपए प्रतिमाह और स्टेशनरी भत्ता 900 रूपए से बढ़ाकर 1500 रूपए किए जाने का फैसले की जानकारी दी।

 

सीएम नीतीश बिहार में सात निश्चय कार्यक्रम चला रहे हैं, जिसके अन्तर्गत उन्होंने पहले से चल रही मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का विस्तार किया है। इसमें 12वीं पास युवक/युवतियों को पहले से दी जा रही स्वयं सहायता भत्ता योजना का लाभ अब कला, विज्ञान एवं वाणिज्य उत्तीर्ण स्नातक बेरोजगार युवक/युवतियों तक विस्तार कर दिया गया है। इसमें लाभार्थी युवाओं को दो साल तक आर्थिक सहायता दी जाएगी।

 

इसके अलावा सीएम नीतीश अपनो तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से आरजेडी की पिछली सरकारों को जंगलराज की संज्ञा देते हुए हमले कर रहे हैं। वह पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को घेरने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। पार्टी नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, राज्स में मंत्री विजय चौधरी और अशोक चौधरी भी आरजेडी, लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव पर सियासी हमले करने से नहीं चूक रहे हैं। 

सोशल मीडिया पर जारी कैंपेन

सोशल मीडिया पर कम दिखाई देने वाली नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू इस चुनाव में आक्रामक रुख अपनाए हुए है। पार्टी के 'एक्स' हैंडल से लगातार सरकार के जनकल्याणकारी कार्य, नई घोषणाएं और विरोधियों पर हमले किए जा रहे हैं। इसमें ग्राफिक्स, क्रिएटिव वीडियो, पोस्ट शेयर की जा रही है। इन सबको बनाने के लिए खासतौर से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI की मदद ली जा रही है। AI की मदद से लालू-तेजस्वी और राहुल गांधी का कार्टून बनाकर उन्हें मजाकिया अंदाज में जनता के सामने पेश किया जा रहा है।

 

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जेडीयू एक्स को खंगालने पर पता चलता है कि इसपर सबसे ज्यादा सरकारी घोषणाएं और लालू प्रसाद, तेजस्वी से लेकर राहुल गांधी पर हमले किए जा रहे हैं। एक पोस्ट में पूर्व की आरजेडी सरकार को लेकर पार्टी ने लिखा, ' फर्क साफ है.. चरवाहा विद्यालय से लेकर अत्याधुनिक साइंस सिटी तक के सफर को बिहार की जनता ने देखा है। आज हाथों में लाठियां नहीं लैपटॉप है। आज विकास का विजन है, हर हाथ रोजगार है।'

 

 

जेडीयू ने पूर्व सीएम लालू प्रसाद पर एक और हमला करते हुए लिखा, 'एक वो भी दौर था, जब लोग शाम 5 बजे के बाद घर से नहीं निकलते थे और एक आज का दौर है, जहां हर पल सुरक्षा है।

 

सुनिए इस बदलाव की कहानी एक आम बिहारी की जुबानी।' इसके आगे जेडीयू ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केवल वादे नहीं करते, बल्कि उसे पूरा भी करते हैं। उन्होंने युवाओं को रोजगार देने का वादा कहने से अधिक करके दिखाया है।

विपक्षियों के आरोपों का काउंटर

आरजेडी और कांग्रेस बीजेपी-जेडीयू पर सबसे ज्यादा वोट चोरी, पलायन, बेरोजगारी, उद्योग, राज्य में बढ़ती अपराध की घटनाएं और सीएम नीतीश के स्वास्थ्य को लेकर घेर रही हैं। क्योंकि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार हैं इसलिए दोनों दल उन्हीं पर सबसे ज्यादा हमले भी कर रही हैं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का कहना है मुख्यमंत्री नीतीश अब बुजुर्ग हो चुके हैं, उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। ऐसे में उनको मुट्ठीभर उनके करीबी अधिकारी और उनके करीबी नेता उन्हें चला रहे हैं। सारे फैसले उनके करीबी ले रहे हैं, ऐसी स्थिती में उनको रिटायर हो जाता चाहिए।

 

 

आरजेडी के आरोपों का जेडीयू सीधे तौर पर जवाब ना देने की बजाए सरकार की तरफ से योजनाओं की घोषणा करके जवाब दे रही है। जेडीयू ने अपने 'एक्स' पर सरकारी नौकरी देने, राज्य में उद्योग लगाने और अपराध पर लगाम लगाए जाने की कई जानकारियां साझा की हैं।

नीतीश के रक्षक बने ांजे मनीष कुमार

पहली बार जेडीयू सभी सोशल मीडिया मंचों पर आक्रामकता के साथ विपक्षी दलों और उनके नेताओं पर हमले कर रही है। इसके लिए पार्टी की तरफ से नए-नए टूल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। जेडीयू की इस आक्रमकता के पीछे और कोई नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भांजे मनीष कुमार हैं।

 

 

भांजे मनीष कुमार अपने मामा के लिए सोशल मीडिया पर रक्षक की भूमिका निभा रहे हैं। वह विपक्ष के किसी भी हमले का जोरदार तरीके से प्रतिवाद कर रहे हैं। दरअसल, मनीष कुमार जेडीयू के आधिकारिक तौर पर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का मुख्यालय के प्रभारी हैं। जेडीयू की सोशल मीडिया उन्हीं के निर्देशन में चल रहा है।

 

हालांकि, वह लंबे समय से पार्टी के सोशल मीडिया की जिम्मेदारी संभालते रहे हैं। वह लोकसभा चुनाव और उससे पहले के विधानसभा चुनाव में भी एक्टिव रहे थे। मनीष कुमार पार्टी की आईटी टीम का पूरा काम देख रहे हैं। वह पार्टी की बड़ी बैठकों में भी मौजूद रहते हैं। मनीश कुमार सीएम नीतीश के परिवार के इकलौते सदस्य हैं, जो राजनीति में सक्रिय हैं।