बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को जीविका दीदियों और संविदाकर्मियों के लिए नौकरी का वादा किया, जिसके जवाब में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीखा हमला बोला। बीजेपी प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी के वादों को अव्यवहारिक करार देते हुए न केवल यह सवाल उठाया कि वह इसके लिए पैसे कहां से लाएंगे बल्कि, बल्कि उनके एजुकेशन और मंशा पर भी व्यक्तिगत प्रहार किए।
सुधांशु त्रिवेदी ने तेजस्वी के उस दावे पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने हर परिवार को एक सरकारी नौकरी देने की बात कही थी। त्रिवेदी ने बिहार की 13.5 करोड़ आबादी का हवाला देते हुए सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'बिहार में औसतन 4.2 व्यक्तियों वाला परिवार माना जाए तो लगभग 3 करोड़ परिवार हैं। वर्तमान में 23 लाख सरकारी नौकरियां हैं, यानी 2.9 करोड़ परिवारों को नौकरी देनी होगी। अगर प्रति नौकरी 30-35 हजार से लेकर 2 लाख तक की तनख्वाह होती है जो कि औसतन 70 हजार रुपये प्रति माह पड़ता है। इस हिसाब से सालाना प्रति व्यक्ति 10 लाख रुपये खर्च होगा। इसे 2.9 करोड़ से गुणा करें तो 29 लाख करोड़ रुपये चाहिए, जबकि बिहार का कुल बजट मात्र 3 लाख 17 हजार करोड़ रुपये है।' त्रिवेदी ने इसे 'चुनावी प्रक्रिया का मखौल' करार दिया।
यह भी पढ़ें: 1969: एक चुनाव, 5 मुख्यमंत्री, हर बार गिरी सरकार
10 लाख ‘में’ नौकरी
बीजेपी प्रवक्ता ने तेजस्वी की शिक्षा पर तंज कसते हुए कहा, 'अगर पर्याप्त और उचित शिक्षा न हो तो नेता किस तरह के वादे करते हैं।' इसके साथ ही उन्होंने तेजस्वी की मंशा पर भी सवाल उठाए। त्रिवेदी ने तंज भरे लहजे में कहा, 'तेजस्वी का 10 लाख नौकरियों का वादा अब स्पष्ट हो गया है। उनका मतलब था 10 लाख में नौकरी, 20 लाख में नौकरी, या फिर जमीन और घर ले लेंगे। पहले जमीन लेते थे, अब घर भी ले लेंगे।'
https://www.youtube.com/watch?v=hDwMyQeTqUA&list=PLBbFm31sQqQe0ViX9wwxd4bvNrvkFeHj_
तेजस्वी के जीविका दीदियों के लिए वादों पर त्रिवेदी ने लालू प्रसाद यादव के शासनकाल की याद दिलाई। उन्होंने कहा, 'आरजेडी के शासन में महिलाओं की जान और सम्मान पर खतरा था। जो लोग उस समय को याद करते हैं, वे इन वादों को गंभीरता से नहीं ले सकते।' उन्होंने हिंदी कहावत का जिक्र करते हुए कहा, 'बाप न मारे मेढकी, बिटवा तीरंदाज।'
बिहार बुद्ध की धरती
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में त्रिवेदी ने तेजस्वी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, 'बिहार बुद्ध की धरती है, इसे बुद्धू बनाने की कोशिश न करें। आपके वादे न मन में हैं, न कर्म में। यह जनता के साथ क्रूर मजाक है।' उन्होंने तेजस्वी के गठबंधन को भी 'सियासी मजाक' करार दिया।
यह भी पढ़ें: '4 दिन दिल्ली में रहा लेकिन टिकट नहीं मिला', दशरथ मांझी के बेटे को मलाल
बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही दोनों पक्षों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। तेजस्वी यादव के नौकरी वादे को बीजेपी ने अव्यवहारिक और जनता को भ्रमित करने वाला बताया है। दूसरी ओर, आरजेडी ने अभी तक इस हमले का जवाब नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह विवाद और गहराएगा।