दिल्ली के विधानसभा चुनाव का आखिरी दौर लगभग शुरू ही हो गया है। वोटिंग में अब 2 हफ्ते से कम का समय बाकी है। चुनाव के आखिरी वक्त में हर पार्टी ने अपना प्रचार अभियान तेज कर दिया है। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अब अपने चर्चित मुख्यमंत्रियों को मैदान में उतार दिया है। अब से लेकर चुनाव के आखिर तक बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपनी उपलब्धता के मुताबिक, दिल्ली में प्रचार करते नजर आएंगे। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, हरियाणा के सीएम नायब सैनी और मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने दिल्ली में चुनावी रैलियों की शुरुआत भी कर दी है। योगी आदित्यनाथ की पहली ही रैली के बाद AAP के मुखिया अरविंद केजरीवाल भी काउंटर अटैक करते नजर आए और जोरदार बहस भी छिड़ चुकी है।
दिल्ली में लगभग 30 प्रतिशत जनसंख्या प्रवासी ही हैं यानी ज्यादातर लोग दूसरे राज्यों के हैं। इनमें से पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों के लोग सबसे ज्यादा हैं। बिहार और पूर्वांचल के मतदाता तो लगभग डेढ़ दर्जन सीटों पर निर्णायक भूमिका में हैं। इसी तरह पश्चिमी दिल्ली और उत्तर-पश्चिमी जिले में पंजाबी प्रवासी मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। इन्हीं दोनों जिलों में 40 पर्सेंट प्रवासी मतदाता बिहार के हैं। वहीं, दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में ओडिशा के प्रवासी मतदाताओं की संख्या लगभग प्रतिशत है।
यह भी पढ़ें- योगी के बयान पर उलझी BJP, कैसा दांव चल गए अरविंद केजरीवाल?
योगी आदित्यनाथ की चुनाव में एंट्री
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ अब बीजेपी के शीर्ष नेताओं में गिने जाते हैं। दिल्ली में कुल प्रवासियों में से सबसे ज्यादा हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश के लोगों की ही है। लगभग एक तिहाई सीटों पर उत्तर प्रदेश से आने वाले मतदाता निर्णायक होते हैं। यही वजह है कि दिल्ली में सीएम योगी आदित्यनाथ लगभग 14 रैलियां करने वाले हैं। पहले ही दिन उन्होंने तीन रैलियां कीं। योगी आदित्यनाथ ने किराड़ी, जनकपुरी और करोल बाग सीट पर चुनाव प्रचार किया। इसमें से किराड़ी और जनकपुरी सीट पर उत्तर प्रदेश से जुड़े मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है। इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में जिन सीटों पर प्रचार किया था उनमें से कई सीटों पर बीजेपी को सफलता भी मिली इसके चलते दिल्ली में भी उन्हें कई सीटों पर उतारने का प्लान बनाया गया है।
पुष्कर सिंह धामी भी लगा रहे जोर
दिल्ली में उत्तराखंडी मतदाता कुछ सीटों पर निर्णायक भूमिका में हैं। कई अन्य सीटें ऐसी हैं जहां वे अच्छी-खासी तादाद में हैं। यही वजह है कि उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को भी दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए उतारा गया है। वह उत्तराखंडी मतदाताओं को रिझाने के साथ-साथ अन्य लोगों को भी अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। अभी तक वह दिल्ली की 5 विधानसभा सीटों पर रैलियों और सभाओं को संबोधित कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें- नांगलोई जाट विधानसभा: गढ़ बचा ले जाएंगे रघुविंदर शौकीन?
मोहन यादव
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव धीरे-धीरे अपनी साख बनाते जा रहे हैं। ओबीसी सीएम होने के साथ-साथ उनकी छवि भी साफ है। इसका इस्तेमाल बीजेपी दिल्ली में करना चाह रही है। गुरुवार को मोहन यादव ने तीन विधानसभा सीटों पर रैलियों को संबोधित किया। उन्होंने AAP को घेरने के साथ-साथ यह भी बताया कि बीजेपी मध्य प्रदेश में किए अपने वादे पूरे कर रही है।
नायब सिंह सैनी
हरियाणा राज्य दिल्ली के सबसे पास है। अभी तक नायब सिंह सैनी ज्यादा सक्रिय तो नहीं दिखे हैं लेकिन उन्होंने दिल्ली के चुनाव में एंट्री जरूर मार ली है। वह शालीमार विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार करने उतरे थे। आने वाले समय में उनकी रैलियां और सभाएं बढ़ाई जा सकती हैं, ताकि हरियाणा से आने वाले मतदाताओं को पार्टी के साथ जोड़ा जा सके।
मुख्यमंत्रियों के अलावा, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, दिल्ली के सातों सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, प्रभारी बैजयंत पांडा, प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा समेत संगठन से जुड़े तमाम नेता जमकर पसीना बहा रहे हैं। वहीं, AAP की ओर से पंजाब से सीएम भगवंत मान और अन्य मंत्री भी हर दिन दिल्ली में अलग-अलग सभाओं को संबोधित कर रहे हैं।