बिहार में चुनाव से पहले राजधानी पटना में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग होने जा रही है। इस मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत समिति के 170 से ज्यादा सदस्य शामिल होंगे। इस बैठक में न सिर्फ बिहार चुनाव की रणनीति बनाई जाएगी, बल्कि 'वोट चोरी' और ट्रंप टैरिफ पर मोदी सरकार को घेरने की रणनीति पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा, इस मीटिंग में इंडिया ब्लॉक में सीट बंटवारे पर भी चर्चा हो सकती है। 


कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की यह मीटिंग इसलिए ऐतिहासिक है, क्योंकि पटना में 85 साल बाद यह मीटिंग हो रही है। पटना में कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की आखिरी मीटिंग 1940 में हुई थी। यह मीटिंग पटना के सदाकत आश्रम में हो रही है। आजादी के लड़ाई के दौरान सदाकत आश्रम एक बड़ा केंद्र था।


माना जा रहा है कि पटना में CWC मीटिंग रखकर कांग्रेस 2023 का तेलंगाना चुनाव दोहराने की उम्मीद कर रही है। 2023 में तेलंगाना में CWC की बैठक हुई थी। इसके बाद सोनिया गांधी ने एक बड़ी रैली को भी संबोधित किया था। इस चुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त वापसी करते हुए तेलंगाना में पहली बार सरकार बनाई थी।

 

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मीटिंग में कौन-कौन होगा शामिल?

पटना में होने वाली इस मीटिंग में कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मौजूद रहेंगे। मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा तो इस मीटिंग में शामिल होंगे ही लेकिन उनके साथ-साथ 170 बड़े नेता भी इसमें शामिल रहेंगे।

 


इस मीटिंग में बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, सचिन पायलट, रणदीप सुरजेवाला, भूपेश बघेल और जीतू पटवारी समेत बड़े नेता शामिल होंगे।

पटना ही क्यों चुना गया?

कांग्रेस नेताओं ने CWC की पटना में होने जा रही इस मीटिंग की तुलना आजादी की लड़ाई से की। प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि 1921 में स्वतंत्रता सेनानी मौलाना मजहरुल हक ने सदाकत आश्रम की स्थापना के लिए 21 एकड़ जमीन दान में दी थी। यहीं पर महात्मा गांधी, राजेंद्र प्रसाद और जवाहर लाल नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम की रणनीति बनाई थी। 

 


कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'आज बिहार दोराहे पर खड़ा है। एक ओर आशा, सामाजित न्याय और विकास की राजनीति है तो दूसरी ओर घृणा, हिंसा और बेरोजगारी है। हमारी बैठक बिहार की जनता को बिबार के कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का संदेश देने के लिए यहां आयोजित की जा रही है।'

 

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मीटिंग का क्या है एजेंडा?

इस मीटिंग में बिहार चुनाव और सरकार को घेरने की रणनीति पर मंथन किया जाएगा। बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने बताया कि मीटिंग के दौरान वोट चोरी और ट्रंप टैरिफ समेत कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होगी।


उन्होंने कहा, 'CWC की बैठकों में हम राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श के बाद प्रस्ताव पास करते हैं। इस बार चर्चा के विषयों में वोट चोरी और ट्रंप टैरिफ का मुद्दा भी शामिल होगा।'

 


बीजेपी आरोप लगा रही है कि CWC की बैठक हमेशा दिल्ली में होती है लेकिन इस बार चुनाव को देखते हुए इसे बिहार में किया जा रहा है। इस पर जवाब देते हुए राजेश राम ने कहा, 'आजादी के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक कई जगहों पर हुई हैं। हाल ही में गुजरात में CWC की बैठक हुई थी।'


ऐसा भी बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में बिहार चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर भी चर्चा हो सकती है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की भी अलग से मीटिंग हो सकती है, जिसमें सीट बंटवारे पर चर्चा होगी।

बिहार में कुछ महीने में होने हैं चुनाव

बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को खत्म हो रहा है। उससे पहले नई सरकार का गठन हो जाएगा। माना जा रहा है कि अक्टूबर के पहले हफ्ते में चुनाव तारीखों का ऐलान हो सकता है। 2020 में बिहार चुनाव में महागठबंधन चुनाव हार गया था। महागठबंधन ने 243 में से 110 सीटें जीती थीं। कांग्रेस सिर्फ 19 सीटें ही जीत पाई थी।