दिल्ली विधानसभा चुनाव में अबतक सभी राजनीतिक दलों ने 70 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। सभी प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र (17 जनवरी) दाखिल कर दिया है, 20 नवंबर को नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है। इस तरह से राजधानी का सियासी रण आगे बढ़ चला है।
पार्टियों की बयानबाजियां, पार्टियों की चुनावी योजना, पार्टियों के घोषणापत्र, पार्टी के नेताओं और पार्टी की तरफ से आ रहे बयान वोटरों पर गहरा प्रभाव डाल रहे हैं। इस बीच हर राजनीतिक दल अपनी पार्टी लाइन और विचारधारा के हिसाब से जनता के बीच जाकर अपनी बात रख रहे हैं।
समाज के हर तबके को साधने की कोशिश
दिल्ली में चुनाव लड़ रही तीनों प्रमुख पार्टियां आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस का चुनाव प्रचार अभियान भी अपने चरम पर है। चुनाव प्रचार अभियान में कोई अपने सरकार दौरान किए गए कामों को गिना रहा है तो कोई हिन्दुत्व से साथ में सरकार को घेर रहा है, तो कोई समाज के सभी लोगों को साधने की कोशिश कर रहा है।
इन सबसे बीच सभी दल अपना-अपना 'नैरेटिव' गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि राजनीति में नैरेटिव के बहुत मायने होते हैं, जो इसे समय रहते सेट कर ले जाता है वह हारी हुई बाजी जीत सकता है और कोई जीती हुई बाजी हार भी सकता है। ऐसे में चुनाव के बीच में कौन सा दल अपना नैरेटिव सेट करने में सफल हो रहा है या फिर कौन पीछे है? आइए जानते हैं।
आम आदमी पार्टी का नैरेटिव क्या है?
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी का दिल्ली विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार आक्रामक है। अपनी कैंपेन में 'आप' अपनी सरकार द्वारा किए गए कामों और आगे की योजनाओं को लेकर जनता के बीच जा रही है। साथ ही पार्टी के शीर्ष नेता अरविंद केजरीवाल, पार्टी के सभी नेता और पार्टी का मीडिया विभाग 'आप' सरकार के पिछले कामों के साथ में अपने किए गए वादों को बखूबी जनना के सामने रख रही है।
हर जगह आम आदमी पार्टी के द्वारा दिल्ली की जनता से किए वादों की बात हो रही है। इसमें मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत 2100 रुपये, संजीवनी योजना के तहत 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को मुफ्त इलाज, पुजारियों और ग्रंथियों को 18 हजार मासिक वेतन, आंबेडकर सम्मान स्कॉलरशिप आदि योजनाओं की बात हो रही है।
अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी लगातार हर रैली, सभा, नुक्कड़, रोड़ शो, मीडिया और सोशल मीडिया में इन योजनाओं के बारे में जनता को बता रही है, जिससे कि लोगों को वोट करते समय ये योजनाएं याद रहें।
क्या होता है नैरेटिव?
दरअसल, नैरेटिव का मतलब होता है कहानी या घटनाओं का वर्णन। नैरेटिव अपने काम और घटनाओं को समझने-समझाने का एक खास तरीका होता है। नैरेटिव के जरिए कोई पार्टी या व्यक्ति अपने विचारों को संगठित करके लोगों को बताता है। जो इस काम को बखूबी कर जाता है तो उसे नैरेटिव सेट करना कहते हैं।
हालांकि, नैरेटिव सेट करना आजकल नकारात्मक रूप से लिया जा रहा है क्योंकि राजनीतिक पार्टियां जो हैं या जो कर रही हैं उससे उलट कुछ और होने या करने का दिखावा करती हैं और इसके लिए कैंपेन चलाती हैं इसी को नैरेटिव सेट करना कहते हैं।
बीजेपी का नैरेटिव क्या है?
दूसरी तरफ दिल्ली में बीजेपी का भी चुनावी अभियान कम आक्रामक नहीं है। पार्टी आम आदमी पार्टी सरकार को भ्रष्टाचार के मोर्चे पर और उसके नेता अरविंद केजरीवाल को हर मौके पर घेर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दिल्ली की पहली ही रैली में 'आप' सरकार को दिल्ली के लोगों के लिए 'आप-दा' बताकर यह संदेश देने की कोशिश कर गए हैं कि यह सरकार राजधानी के लोगों लिए घातक है।
बीजेपी का राष्ट्रीय से लेकर प्रदेश स्तर का हर नेता आम आदमी पार्टी सरकार की योजनाओं की विफल बताते हुए उन्हें केजरीवाल से जोड़ रहा है। साथ ही 'आप' के वादों को भी ख्याली पुलाव बताते की कोशिश की जा रही है।
इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी दिल्ली की सत्ता पाने के लिए सिर्फ 'आप' सरकार पर हमले ही नहीं कर रही है, बल्कि पार्टी अपने वादों के जरिए लोगों को यह बताने की कोशिश कर रही है कि मोदी सरकार के साथ में मिलकर वही दिल्ली और यहां के लोगों का विकास कर सकती है।
बीजेपी ने दिल्ली में सरकार आने पर महिला समृद्धि योजना के तहत हर महीने 2500 रुपये, बुजुर्गों के लिए पेंशन, आयुष्मान योजना को लागू करना और 70 से अधिक उम्र के लोगों को 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा, महिलाओं को 500 सौ रुपये में गैस सिलेंडर देने का ऐलान किया है।
कांग्रेस का नैरेटिव क्या है?
दिल्ली में कांग्रेस का चुनावी अभियान आम आदमी पार्टी और बीजेपी के मुकाबले में थोड़ा फीका दिखाई दे रहा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की राजधानी में एक बड़ी रैली सीलमपुर में हुई है। इसमें विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरा, लेकिन उन्होंने पार्टी प्रमुख केजरीवाल को घरने से बचते हुए नजर आए।
इसके अलावा प्रदेश स्तर पर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव आम आदमी पार्टी की सरकार को हर मोर्चे पर घेर रहे हैं। साथ ही कांग्रेस पार्टी राजधानी में पूर्व सीएम शीला दीक्षित के तर्ज पर दिल्ली का चौतरफा विकास करने की बात कर रही है।
दिल्ली चुनाव में कांग्रेस भी पूरी दमखम के साथ मैदान में उतरी है। वह अपनी खोई जमीन पाने के लिए कई चुनावी घोषणाएं की। पार्टी ने दिल्ली में सरकार आने पर युवा उड़ान योजना के तहत बेरोजगार युवकों को 8500 रुपये हर महीने देने की बात कही।
महाकुंभ के तर्ज पर छठ पूजा का आयोजन और 500 रुपये में महिलाओं को एलपीजी सिलेंडर देने का वादा किया है। कांग्रेस ने दिल्लीवासियों को महंगाई से राहत देने के लिए 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर देने का वादा किया। इसके साथ ही कांग्रेस ने मुफ्त राशन किट और 300 यूनिट तक फ्री बिजली देने का भी वादा किया।
बता दें कि दिल्ली का भाग्य अगले पांच साल के लिए 5 फरवरी को तय हो जाएगा, यानी कि राजधानी में 5 फरवरी को वोटिंग होगी। चुनाव के परिणाम 8 फरवरी को आएंगे।