पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में आने वाला तिलक नगर कॉमर्शियल हब है। यह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से करीब 20 किलोमीटर और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से करीब 17 किलोमीटर दूर है। तिलक नगर सीट पर 1993 से ही किसी एक पार्टी का कब्जा नहीं रहा है बल्कि बीजेपी और कांग्रेस बारी-बारी से जीतती रही है।
क्या हैं समस्याएं
तिलक नगर विधानसभा क्षेत्र में लोग बाकी दिल्ली की तरह बिजली, पानी और सड़क पर अवैध पार्किंग की समस्या से परेशान हैं।
लोगों का कहना है कि यहां आने वाला गंदा व बदबूदार पानी पीने के लायक नहीं है। वहीं अवैध पार्किंग की समस्या से भी लोगों को रोजाना जूझना पड़ता है।
2020 में थी क्या स्थिति
पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के राजीव बब्बर को हराकर जीत हासिल की। पिछले विधानसभा चुनाव में जरनैल सिंह को 62,436 वोट मिले जबकि राजीव बब्बर को 34,407 वोट मिले। वहां कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस के रामिंदर सिंह को सिर्फ 1807 वोट ही मिले।
क्या है राजनीतिक इतिहास
दिल्ली में 1993 में विधानसभा के गठन के साथ ही भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली। जाहिर है इसके पीछे एक कारण यह भी रहा होगा कि उस समय अयोध्या में राम मंदिर की लहर थी। 1993 में बीजेपी के ओपी बब्बर ने जीत दर्ज की।
इसके बाद हुए 1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जसपाल सिंह को जीत मिली। पर अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने फिर से बाजी पलट दी और ओपी बब्बर फिर से विधायक चुने गए।
इसके बाद आम आदमी पार्टी के उभार के साथ ही कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां जैसे नेपथ्य में चली गईं। 2013 से लेकर 2020 तक इस सीट पर लगातार आम आदमी पार्टी के जरनैल सिंह विधायक चुने गए।
क्या है जातिगत समीकरण
तिलक नगर विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा संख्या क्षत्रियों की है। ब्राह्मणों की बात करें तो करीब 5 प्रतिशत हैं जबकि मुस्लिम करीब साढ़े तीन प्रतिशत हैं।
2025 में किसको मिला टिकट
तिलक नगर से इस बार आम आदमी पार्टी ने फिर से जरनैल सिंह पर भरोसा जताया है। वहीं बीजेपी कैंडीडेट श्वेता सैनी हैं जबकि कांग्रेस ने पीएस बावा को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है।
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