तुगलकाबाद दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से एक है। 2008 में परिसीमन के बाद इस सीट का नए सिरे से गठन हुआ था। इसका नाम तुगलकाबाद इसलिए है, क्योंकि यहां मशहूर तुगलकाबाद किला है। इस किले का निर्माण दिल्ली सल्तनत के गयासुद्दीन तुगलत ने 1321 में करवाया था। तुगलकाबाद सीट साउथ दिल्ली लोकसभा के अंतर्गत आती है।
तुगलकाबाद से पिछले दो चुनाव में आम आदमी पार्टी जीतती आ रही है। इससे पहले तक बीजेपी का यहां दबदबा था। तुगलकाबाद सरिस्का टाइगर रिजर्व के लिए भी जाना जाता है।
इस बार कौन-कौन मैदान में?
आम आदमी पार्टी की ओर से मौजूदा विधायक सही राम को ही टिकट मिला है। बीजेपी ने रोहतास बिधूड़ी तो कांग्रेस ने वीरेंद्र बिधूड़ी को उम्मीदवार बनाया है।
तुगलकाबाद में क्या हैं मुद्दे?
वैसे तो गर्मियों में पूरी दिल्ली में ही पानी की समस्या हो जाती है लेकिन तुगलकाबाद के लोगों को थोड़ी ज्यादा परेशानी का समस्या का सामना करना पड़ता है। टैंकर न आना और पानी की चोरी की शिकायतें यहां आम हैं। लोगों का कहना है कि पाइपलाइन तो बिछा दी गई है, लेकिन पानी नहीं आता है।
2020 में क्या हुआ था?
पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी सहीराम ने जीत दर्ज की थी। उन्हें 58,905 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी के विक्रम बिधूड़ी को 45,147 वोट मिले थे। जबकि, कांग्रेस के शुभम शर्मा सिर्फ 1,342 वोट ही ले पाए थे।
क्या है इसका इतिहास?
1993 में जब पहली बार यहां चुनाव हुए थे, तब निर्दलीय उम्मीदवार शीश पाल यहां से जीते थे। बाद में शीश पाल कांग्रेस में शामिल हो गए और 1998 का चुनाव कांग्रेस की टिकट पर जीता। 2003, 2008 और 2013 में यहां से बीजेपी के रमेश बिधूड़ी ने जीत हासिल की। 2015 और फिर 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के सही राम यहां से जीते।