दिल्ली के विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी की ऐसी आंधी चली, जिसमें आम आदमी पार्टी की 'झाड़ू' साफ हो गई। 2015 में 67 और 2020 में 62 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी इस बार 22 सीटों पर सिमटकर रह गई। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन और सोमनाथ भारती जैसे पार्टी के तमाम बड़े नेता चुनाव हार गए।  

'बेरोजगार हुए नेताजी'

चुनाव में हार के बाद सौरभ भारद्वाज ने 'बेरोजगार नेताजी' के नाम से यूट्यूब चैनल शुरू किया है। सौरभ भारद्वाज ग्रेटर कैलाश सीट से तीन बार से जीतते आ रहे थे। इस बार बीजेपी की शिखा रॉय ने उन्हें 3,188 वोटों से हरा दिया।


सौरभ भारद्वाज दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री थे। तीन बार से विधायक थे। मगर अब कुछ नहीं हैं। भारद्वाज अब 'बेरोजगार' हो गए हैं। इसलिए यूट्यूब पर चैनल भी शुरू किया है। इस चैनल पर भारद्वाज एक बेरोजगार नेता की जिंदगी के बारे में बताएंगे और लोगों के सवालों के जवाब भी देंगे।

 

जो कुछ नहीं रहे, अब उनका क्या?

सौरभ भारद्वाज समेत तमाम बड़े नेता चुनाव हार गए हैं, इसलिए अब उनके पास कोई पद नहीं है। हालांकि, इसका मतलब ये नहीं है कि उनकी कमाई पूरी तरह से बंद हो जाएगी। जो विधायक और मंत्री चुनाव हारे हैं, उन्हें अब पूर्व विधायक के तौर पर हर महीने पेंशन मिलेगी।

 

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कितनी पेंशन मिलेगी?

दिल्ली के पूर्व विधायकों को हर महीने 15 हजार रुपये पेंशन मिलती है। 15 हजार की पेंशन एक बार के विधायक को मिलती है। अगर कोई दो बार का विधायक है तो उसे 1 हजार रुपये ज्यादा यानी 16 हजार रुपये पेंशन मिलेगी। अरविंद केजरीवाल, सौरभ भारद्वाज, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन तीन बार विधायक बने। इसलिए इन्हें हर महीने 17 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी। दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री या मंत्री को भी उतनी ही पेंशन मिलती है, जितनी पूर्व विधायक को मिलती है। 

 

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पहले क्या-क्या मिलता था?

दिल्ली में आखिरी बार फरवरी 2023 में मुख्यमंत्री-मंत्रियों और विधायकों की सैलरी-भत्ते बढ़ाए गए थे। दिल्ली में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और स्पीकर को हर महीने 1.25 लाख रुपये सैलरी और भत्ते मिलते हैं। वहीं, विधायकों को हर महीने 90 हजार रुपये सैलरी और भत्ते के रूप में मिलते हैं।


इसके अलावा, विधायकों को 1,500 रुपये का डेली अलाउंस भी मिलता है। हालांकि, ये डेली अलाउंस साल में सिर्फ 40 दिन का ही मिलता है। विधायक बनने के बाद ऑफिस के लिए 1 लाख रुपये मिलते हैं। गाड़ी खरीदने के लिए 8 लाख रुपये का लोन मिलता है। फ्री मेडिकल की सुविधा मिलती है। हर विधायक एक महीने में 4 हजार रुपये तक का बिजली और पानी इस्तेमाल कर सकता है। सालभर में 1 लाख रुपये तक की यात्रा फ्री रहती है। इसके अलावा विधायक अपने ऑफिस में दो डेटा एंट्री ऑपरेटर भी रख सकते हैं। इसके लिए उन्हें 30 हजार रुपये हर महीने मिलते हैं।