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2024 के '240 के झटके' के बाद कैसे मजबूत हुआ 'ब्रांड मोदी'? समझिए

2024 के लोकसभा चुनाव में जब बीजेपी ने 240 सीटें जीतीं तो इससे सबसे बड़ा झटका 'ब्रांड मोदी' को लगा। मगर उसके बाद इसी 'ब्रांड मोदी' के दम पर बीजेपी एक के बाद एक चुनाव जीतने में कामयाब रही।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (Photo Credit: PTI)

2024 की 4 जून को जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो 400 पार का नारा देने वाली बीजेपी 240 सीटों पर सिमट गई। एनडीए 300 के पार भी नहीं जा सका और 293 सीटों पर सिमट गया। 


लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने 'अबकी बार, 400 पार' का नारा दिया था। मगर जब नतीजे आए तो मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने वाली बीजेपी का ये सबसे खराब प्रदर्शन था। मोदी के चेहरे पर बीजेपी ने 2014 में 282 और 2019 में 303 सीटें जीती थीं। इन नतीजों से सबसे बड़ा झटका 'ब्रांड मोदी' को लगा। दो बार अपने दम पर सरकार बनाने वाली बीजेपी को 2024 में बैसाखी की जरूरत पड़ गई। 2024 के पहले 'मजबूरी' रहे सहयोगी अब 'जरूरत' बन गए थे। इन सबने 'ब्रांड मोदी' को बहुत बड़ा झटका दिया।

फिर चमका 'ब्रांड मोदी'

2024 के लोकसभा चुनाव में 'ब्रांड मोदी' वैसा असर नहीं दिखा पाया, जिसकी बीजेपी को उम्मीद थी। मगर उसके बाद हुए विधानसभा चुनावों में 'ब्रांड मोदी' खूब चमका। 


लोकसभा चुनाव के बाद 5 राज्यों- हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए हैं। इनमें से 2 राज्यों में बीजेपी ने पहले से भी बड़ी जीत हासिल की। जम्मू में भी उसे कुछ सीटों का फायदा हुआ। दिल्ली में तो 70 में से 48 सीटें जीत लीं। इन सब चुनावी नतीजों ने 'ब्रांड मोदी' को एक बार फिर चमका दिया।

 

 

महाराष्ट्र में महायुति ने 288 में से 235 सीटें जीतीं। बीजेपी ने अकेले 132 सीटें हासिल कीं। महाराष्ट्र में बीजेपी की ये अब तक की सबसे ज्यादा सीटें हैं। हरियाणा में भी बीजेपी ने अपना अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 90 में से 48 सीटें जीतीं। इससे पहले बीजेपी ने 2014 में सबसे ज्यादा 47 सीटें जीती थीं।

 

दिल्ली जीतना बीजेपी के लिए इसलिए भी जरूरी था, क्योंकि 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कई राज्यों में पार्टी सत्ता में आई लेकिन यहां दूर रही। 

 

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ब्रांड मोदीः चमका, फीका हुआ और फिर चमका

2014 के लोकसभा चुनाव में जब नरेंद्र मोदी को बीजेपी ने अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किया था, तब शायद पार्टी को भी इसका अंदाजा नहीं होगा कि जो दशकों में हुआ, वो हो जाएगा। बीजेपी ने पहली बार लोकसभा की 282 सीटें जीतीं। उसके बाद बीजेपी एक के बाद एक राज्यों में सरकार बनाने लगी।


2014 में सत्ता में आने के बाद जब महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में चुनाव हुए तो सभी राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी। महाराष्ट्र और हरियाणा में तो पहली बार बीजेपी का मुख्यमंत्री बना। झारखंड में भी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनी। जम्मू-कश्मीर में भी बीजेपी का डिप्टी सीएम बना। 


मोदी के सत्ता में आने के बाद मार्च 2021 तक बीजेपी और उसके सहयोगियों की सरकारें थीं। यही बीजेपी का पीक था। मार्च 2018 तक हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, असम और त्रिपुरा में बीजेपी का मुख्यमंत्री था। इनके अलावा 10 राज्यों- जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, सिक्किम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार थी।

 

हालांकि, इसके बाद बीजेपी का ग्राफ गिरना शुरू हुआ। मई 2018 में कर्नाटक नहीं जीत पाई। दिसंबर 2018 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ता गंवाई। अक्टूबर-नवंबर 2019 में महाराष्ट्र और झारखंड भी गंवा दिया। 

 

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अब फिर 21 राज्यों में BJP+

मार्च 2018 में बीजेपी और उसके सहयोगियों की 21 राज्यों में सरकार थी। उसके बाद बीजेपी का ग्राफ गिरा। एक के बाद एक राज्यों में बीजेपी की सत्ता जाती रही। कहीं सहयोगियों ने साथ छोड़ा तो कहीं विपक्ष की हवा ले डूबी।


मगर, अब फरवरी 2025 में बीजेपी और उसके सहयोगियों की फिर 21 राज्यों में सरकार हो गई है। अभी का सियासी नक्शा देखें तो बीजेपी अपने दम पर 15 राज्यों- हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में सरकार में हैं। इनके अलावा 6 राज्यों- महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, मेघालय, नागालैंड और पुडुचेरी में बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ सत्ता में बैठी है। 

 

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अब बिहार में सत्ता बचाना चुनौती

इस साल अक्टूबर और नवंबर में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। बिहार की सत्ता बचाए रखना और नीतीश कुमार को अपने साथ रख पाना सबसे बड़ी चुनौती हैं। बिहार की 243 विधानसभा सीटों में अभी एनडीए के पास 128 सीटें हैं। इनमें बीजेपी के पास 78 और नीतीश कुमार की जेडीयू के पास 45, जीतन राम मांझी की हम के पास 5 सीटें हैं। एक निर्दलीय विधायक भी एनडीए के साथ है। वहीं, विपक्ष के पास 115 सीटें हैं। आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19, लेफ्ट के 16 और एक AIMIM विधायक हैं।

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