चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल को 'यमुना में जहर' मिलाने वाले बयान पर कड़ी नसीहत दी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि यह ऐसा लग रहा है कि दो राज्यों के बीच दुश्मनी हो। चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल से बुधवार रात 8 बजे तक जहर वाले बयान पर सफाई मांगी थी। अब चुनाव आयोग ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई है।
चुनाव आयोग ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल यह भी बताएं कि किन इंजीनियरों ने इसे रोका है, कहां रोका है, जहर कहां पाया गया है, कैसे जहर की पहचान हुई है, दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ मिलकर 11 बजे तक यह जानकारी साझा करें।
चुनाव आयोग ने क्या-क्या कहा?
चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल को अपने आरोपों को साबित करने के लिए एक और मौका दिया है। चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि अरविंद केजरीवाल के ऐसे बयान असहिष्णुता, दो समुदायों के बीच दुश्मनी, अशांति और कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने वाले हैं, ऐसे में उनके खिलाफ एक्शन क्या लेना चाहिए।
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चुनाव आयोग ने कहा है कि अमोनिया के बढ़े स्तर और पानी में जहर मिलाने को मिक्स न करें। ऐसे आरोप बेहद गंभीर हैं। अरविंद केजरीवाल ने नरसंहार जैसे शब्दो का इस्तेमाल किया था। चुनाव आयोग का मानना है कि ऐसे शब्द दो देशों के बीच जब युद्ध के हालात होते हैं, तब इस्तेमाल किए जाते हैं।
चुनाव आयोग ने कहा है साफ पानी की उपलब्धता सरकारी काम-काज का मुद्दा है। संबंधित सरकारों को इसके विषय में हमेशा काम करना चाहिए। चुनाव आयोग ने कहा कि दो राज्यों के बीच पानी और प्रदूषण को लेकर विवाद उन सरकारों का अपना निर्णय है, यहां कानून, समझौते और कानूनी दिशानिर्देश सुप्रीम कोर्ट ने भी दिए हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल भी इस दिशा में काम करता है।
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अरविंद केजरीवाल का आरोप क्या था?
अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि हरियाणा सरकार यमुना में जहर घोल रही है। अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि राज्य की ओर से भेजा जा रहा पानी मानव स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद दूषित और बहुत जहरीला है। चुनाव आयोग को दिए गए 14 पृष्ठों के जवाब में उन्होंने कहा था कि अगर लोगों को इस तरह का जहरीला पानी पीने दिया गया तो इससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरा पैदा होगा और लोगों की मौत होगी।