बिहार का समस्तीपुर जिला। यहां 10 विधानसभा सीटें हैं। 2 आरक्षित विधानसभाएं हैं। उन्हीं में से एक है कल्याणपुर विधानसभा। कल्याणपुर विधानसभा की सीट संख्या 131 है। दूसरी आरक्षित विधानसभा रोसड़ा है। दोनों विधानसभाएं, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। कल्याणपुर विधानसभा के विधायक महेश्वर हजारी हैं। माहेश्वर हजारी, लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के मुखिया चिराग पासवान के चाचा लगते हैं। यह विधानसभा, बिहार की सबसे VIP विधानसभाओं में से एक है। 

कल्याणपुर ब्लॉक और पूसा ब्लॉक इस विधानसभा का हिस्सा है। पूसा में स्थित राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय है। इस विधानसभा की सबसे चर्चित जगह वही है। यह विश्वविद्यालय नई कृषि तकनीकों और फसलों की किस्मों पर काम करता है। यहां पहुंचना बेहद आसान है। यहां से सिर्फ 12 किलोमीटर दूर समस्तीपुर है, दलसिंहसराय शहर सिर्फ 25 किलोमीटर दूरी पर है।   दरभंगा 38 किलोमीटर दूर तो पटना 142 किलोमीटर की दूरी पर हैं। 

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विधानसभा का परिचय

राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय यहां की क्षेत्रीय पहचान है। यह देश का प्रमुख कृषि संस्थान है। चावल की एक किस्म पूसा राइस DST1 यहीं से दुनियाभर में फैसला है। यहां खेती की स्थिति बेहतर है। किसानों तक बेहतर बीज, आधुनिक तकनीक, कीट नियंत्रण और मिट्टी प्रबंधन से जुड़ी सलाहें, विश्वविद्यालय की वजह से आसानी से पहुंचती हैं। यह इलाका, जैविक खेती के लिए मशहूर है। यहां कमला और बाया नदी होकर गुजरती है। मैदानी हिस्सा होने की वजह से यहां खेती अच्छी होती है। धान-गेंहू प्रमुख फसले हैं। दाल और गन्ना की भी खेती होती है। यहां पशुपालन और मछली उद्योग भी फल-फूल रहा है।

सामाजिक ताना बाना 

कल्याणपुर विधानसभा में कुल वोटरों की संख्या 335714 है। पुरुष मतदाताओं की संख्या 175522 है, वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 160181 है। इस विधानसभा में अनुसूचित जाति के अलवा, कोइरी जाति के वोटरों की संख्या निर्णायक स्थिति में है। मौर्य-कुशवाहा समाज के वोटर, जीत-हार तय करते हैं। अनुसूचित जाति की आबादी करीब 20 प्रतिशत है, वहीं मुस्लिम वर्ग के मतदाताओं की संख्या 10.60 प्रतिशत है। यहां की ज्यादातर आबादी ग्रामीण है।

मुद्दे क्या हैं?

कल्याणपुर विधानसभा में शिक्षा की स्थिति बेहतर है लेकिन ग्रामीण इलाकों में और आधुनिक स्कूलों की मांग उठी है। यहां सिंचाई सुविधाओं की कमी है। दो नदियां हैं तो बाढ़ का भी खतरा रहता है। स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे की जरूरत है। कोई बड़ा उद्योग न होने से रोजगार अवसर सीमित हैं, जिससे युवाओं का पलायन बढ़ा है। सड़क संपर्क और बिजली आपूर्ति में सुधार की मांग उठती है। सामाजिक न्याय और विकास का मुद्दा भी उठ रहा है। 

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साल 2020 का चुनाव कैसा था?

2020 के विधानसभा चुनाव में महेश्वर हजारी को जीत मिली थी। उन्हें कुल 72279 वोट पड़े थे। उन्हें कुल 38.46 फीसदी वोट पड़े थे। दूसरे नंबर पर रंजीत कुमार राम थे। उन्हें 62028  वोट पड़े थे। तीसरे नंबर पर लोक जनशक्ति पार्टी के मोना प्रसाद थे। उन्हें करीब 12163 वोट पड़े। 

2025 में क्या समीकरण बन रहे हैं?

2024 के लोकसभा चुनाव में यहां एनडीए के पक्ष में समीकरण और मजबूत बने। यहां से लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की शांभवी चौधरी सांसद हैं। 2020 में एलजेपी ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था। अब एलजेपी की एनडीए का हिस्सा है। यहां दोबारा जेडीयू, महेश्वर हजारी को उतार सकती है। जेडीयू यह सीट बरकरार रख सकती है, बशर्ते कोई बड़ा उलटफेर न हो। 

विधायक का परिचय

महेश्वर हजारी, चकमाही मुजरी गांव के रहने वाले हैं। वह समस्तीपुर जिले से ही आते हैं। वह जेडीयू के कद्दावर नेता हैं। बिहार विधानसभा में डिप्टी स्पीकर भी रह चुके हैं। साल 2015 से लेकर 2020 तक, उनके पास उद्योग विभाग और योजना-विकास विभाग रहा है। 9 अक्तूबर 1962 को जन्मे महेश्वर हजारी ने शहरी विकास और आवास विभाग भी संभाला है। उन्होंने पटना मेट्रो और न्यू पटना मैप प्लान जैसे प्रोजेक्ट शुरू किए। उन्हें भवन निर्माण विभाग की जिम्मेदारी भी मिली।

 

महेश्वर हजारी ने समस्तीपुर के कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र से 52,000 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। उन्होंने राम विलास पासवान के भतीजे , जिसमें उन्होंने राम विलास पासवान के भतीजे प्रिंस राज को साल 2015 के विधानसभा चुनाव में हराया था। तब नीतीश कुमार की जेडीयू, महागठबंधन का हिस्सा थी।

 

महेश्वर हजारी, विधायक, कल्याणपुर (SC) विधानसभा।

 

महेश्वर हजारी समस्तीपुर लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं। 15वीं व 16वीं लोकसभा में वह सांसद रहे हैं। वह बिहार विधानसभा में तीन बार विधायक रह चुके हैं। महेश्वर हजारी, राम विलास पासवान के चचेरे भाई हैं। उनके पिता, रामसेवक हजारी, एक समाजवादी नेता थे। वह बिहार विधानसभा में आठ बार विधायक रहे और छठी लोकसभा में सांसद भी चुने गए। महेश्वर हजारी की कुल संपत्ति 6 करोड़ रुपये से ज्यादा है। उन पर 1 करोड़ रुपये का कर्ज है। वह ग्रेजुएट हैं। वह बीआरबी कॉलेज समस्तीपुर से पढ़े-लिखे हैं। उन्होंने एलएनएम विश्वविद्यालय दरभंगा से भी साल 1983 में पढ़ाई की है। 

 

विधानसभा सीट का इतिहास

कल्याणपुर विधानसभा सीट साल 1967 में अस्तित्व में आई। 2008 में परिसीमन के बाद इसे अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित किया गया। कल्याणपुर में अब तक 16 विधानसभा चुनाव हुए हैं। JDU ने 5 बार जीत हासिल की। कांग्रेस ने 3 बार, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल ने 2-2 बार जीत हासिल की। जबकि जनता पार्टी, लोक दल और जनता दल ने 1-1 बार जीत दर्ज की।  

  • 1967 विधानसभा चुनाव: ब्रह्मदेव नारायण सिंह, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
  • 1969 विधानसभा चुनाव: ब्रह्मदेव नारायण सिंह, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
  • 1972 विधानसभा चुनाव: राम नरेश त्रिवेदी, कांग्रेस
  • 1977 विधानसभा चुनाव: बशिष्ठ नारायण सिंह, जनता पार्टी
  • 1980 विधानसभा चुनाव: राम सुखमारी देवी, कांग्रेस
  • 1985 विधानसभा चुनाव: बशिष्ठ नारायण सिंह, लोकदल
  • 1990 विधानसभा चुनाव: दिलीप कुमार राय, कांग्रेस
  • 1995 विधानसभा चुनाव: सीता सिन्हा, जनता दल
  • 2000 विधानसभा चुनाव: अश्वमेध देवी, समता पार्टी
  • 2005 विधानसभा चुनाव (फरवरी): अशोक प्रसाद वर्मा, आरजेडी
  • 2005 विधानसभा चुनाव (अक्टूबर): अश्वमेध देवी, जेडीयू
  • 2009 विधानसभा चुनाव(उपचुनाव): अशोक प्रसाद वर्मा, आरजेडी
  • 2010 विधानसभा चुनाव: राम सेवक हजारी, जेडीयू
  • 2013 विधानसभा चुनाव(उपचुनाव): मंजू कुमारी, जेडीयू
  • 2015 विधानसभा चुनाव: महेश्वर हजारी, जेडीयू
  • 2020 विधानसभा चुनाव: महेश्वर हजारी, जेडीयी