बिहार की मनिहारी विधानसभा सीट कटिहार जिले में पड़ती है। यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। 2008 से पहले यह एक सामान्य विधानसभा सीट थी। विधानसभा क्षेत्र राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 81 से जुड़ा है। यहां का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण है। मनिहारी और नवाबगंज कस्बाई इलाका हैं। गंगा नदी के किनारे बसे इस विधानसभा क्षेत्र की जमीन काफी उपजाऊ है। यहां लोगों की जीविका खेती पर ही टिकी है। ज्यादातर धान, गेहूं, जूट और मक्का की खेती होती है।
विधानसभा क्षेत्र में बड़े उद्योग नहीं हैं, लेकिन छोटी-छोटी कुछ इकाइयां लगी हैं। मनसाही, मनिहारी और अमदाबाद सामुदायिक विकास खंड का क्षेत्र पड़ता है। अन्य विधानसभा क्षेत्रों की तरह ही मनिहारी में भी पलायन आम बात है। हर साल गंगा नदी में आने वाली बाढ़ से यहां की जनता भी जूझती है।
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मौजूदा समीकरण
बिहार में सिर्फ दो विधानसभा सीटें ही अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। पहली सीट मनिहारी और दूसरी बांका जिले की कटोरिया विधानसभा सीट है। यहां अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की हिस्सेदारी 12.97 फीसदी है। अनुसूचित जाति के वोटर्स 7.30 फीसदी हैं। विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की आबादी अच्छी खासी है। 2020 के आंकड़ों के मुताबिक मनिहारी विधानसभा क्षेत्र में 38.90 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। इस सीट पर मुस्लिम समुदाय किसी भी प्रत्याशी की हार जीत पर अहम भूमिका निभाता है।
2020 चुनाव का रिजल्ट
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मनोहर प्रसाद सिंह ने 21,209 मतों से चुनाव जीता था। दूसरे स्थान पर जेडीयू के शंभू कुमार सुमन रहे। उन्हें कुल 61,823 वोट मिले थे। 20,441 मत पाने वाले लोजपा प्रत्याशी अनिल कुमार को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था। कुल 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, लेकिन कांग्रेस और जेडीयू को छोड़कर किसी अन्य उम्मीदवार की जमानत नहीं बची थी।
मौजूदा विधायक का परिचय
मनिहारी से कांग्रेस विधायक मनोहर प्रसाद सिंह पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उन्होंने 1969 में पटना विश्वविद्यालय से बीए और 1972 में इतिहास विषय में एमए किया था। 2020 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक मनोहर प्रसाद के पास एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है और कोई कर्जा नहीं है। उन्होंने आय का जरिया अपने पेंशन को बता रखा है। उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला भी दर्ज नहीं है। मनोहर प्रसाद सिंह पहली बार 2010 में जेडीयू की टिकट पर विधायक बने थे। इसके बाद मनिहारी विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर 2015 और 2020 विधानसभा चुनाव जीता।
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विधानसभा सीट का इतिहास
मनिहारी विधानसभा सीट पर दल से अधिक चेहरों के दबदबा देखने को मिलता है। अब तक हुए कुल 16 विधानसभा चुनाव में से कांग्रेस सात बार चुनाव जीत चुकी है। यहां से युवराज ने लगातार चार बार विधानसभा चुनाव जीता। जनता पार्टी टिकट पर दो बार राम सिपाही यादव विधायक बने। मो. मुबारक हुसैन भी तीन बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। 2008 में परसीमन के बाद से ही मनिहारी सीट पर मनोहर प्रसाद सिंह का कब्जा है। वह लगातार तीन बार के विधायक हैं।
वर्ष | विजेता | दल |
1957 | पार्वती देवी | कांग्रेस |
1962 | युवराज | प्रजा सोशलिस्ट पार्टी |
1967 | युवराज | प्रजा सोशलिस्ट पार्टी |
1969 | युवराज | प्रजा सोशलिस्ट पार्टी |
1972 | युवराज | संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी |
1977 | राम सिपाही यादव | जनता पार्टी |
1980 | राम सिपाही यादव | जनता पार्टी |
1985 | मो. मुबारक हुसैन | कांग्रेस |
1990 | विश्वनाथ सिंह | जनता दल |
1995 | मुबारक हुसैन | कांग्रेस |
2000 | विश्वनाथ सिंह | जेडीयू |
2005 (फरवरी) | मुबारक हुसैन | कांग्रेस |
2005 (अक्टूबर) | मुबारक हुसैन | कांग्रेस |
2010 | मनोहर प्रसाद सिंह | जेडीयू |
2015 | मनोहर प्रसाद सिंह | कांग्रेस |
2020 | मनोहर प्रसाद सिंह | कांग्रेस |
नोट: आंकड़े भारत निर्वाचन आयोग