पटना जिले के मोकामा विधानसभा क्षेत्र से जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के दिग्गज प्रत्याशी अनंत सिंह को जन सुराज पार्टी समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद बिहार की राजनीति में चुनावी माहौल काफी गरम हो गया है। पुलिस ने अनंत सिंह को मुख्य आरोपी बनाया है, जबकि उनके दो साथी मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी हिरासत में लिया गया। अनंत सिंह को बिहार के बाहुबली नेताओं में गिना जाता है और स्थानीय स्तर वह 'छोटे सरकार' के नाम से प्रसिद्ध हैं।
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्तिकेय के शर्मा ने बताया कि यह गिरफ्तारी सबूतों, प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और शव परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर की गई। एसएसपी के मुताबिक, 'घटना अनंत सिंह की मौजूदगी में हुई। मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का स्पष्ट उल्लंघन हुआ है, जो एक गंभीर मामला है।' पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि दुलारचंद की मौत फेफड़े के फटने और पसलियां टूटने से हुई, हालांकि गोली जांघ में लगी थी। चूंकि गोली शरीर के बाहर निकल गई थी, इसलिए रिकवर नहीं हो पाई।
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पीयूष प्रियदर्शी ने किया स्वागत
दुलारचंद के भतीजे और मोकामा के जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी ने गिरफ्तारी का स्वागत किया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, 'यह अच्छा कदम है, लेकिन एफआईआर के बाद तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए थी। आज ही अनंत सिंह 50 गाड़ियों के काफिले के साथ घूम रहे थे और प्रचार कर रहे थे। देर आई, दुरुस्त आई। अब जांच सही होनी चाहिए। परिवार को राहत मिली है।'
पहले फेज में वोटिंग
यह घटना जेडीयू के लिए बड़ा झटका है। अनंत सिंह मोकामा के दबंग नेताओं में से गिने जाते हैं। अब पहले फेज की वोटिंग 6 नवंबर को होनी है, जिसमें मोकामा शामिल है। दूसरा फेज 11 नवंबर को है और मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। चुनाव आयोग ने इस मामले में बिहार डीजीपी से रिपोर्ट मांगी है और दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है। पटना डीएम डॉ. थियागराजन एसएम ने कहा, 'स्थिति पूरी तरह सामान्य है। निष्पक्ष चुनाव होगा। अवैध हथियारों पर छापेमारी चल रही है।'
हालांकि, इस मामले को लेकर विपक्ष बिहार सरकार पर हमलावर रहा है। आरजेडी ने कहा, 'एनडीए का असली चेहरा बेनकाब हो चुका है।' जन सुराज के प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, 'बहुबलियों का अंत जरूरी।' जेडीयू ने चुप्पी साध रखी है, लेकिन अंदरूनी तौर पर राजनीतिक हलचल तेज है। हालांकि, अनंत सिंह का कहना रहा है कि यह सब आरजेडी प्रत्याशी एवं पूर्व सांसद वीणा सिंह के पति सूरजभान सिंह पर आरोप लगाया है।
सभी लाइसेंसी हथियार जमा होंगे
पटना के डीएम डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने कहा कि इस घटना को ‘बहुत गंभीरता’ से लिया गया है। मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का सख्ती से पालन कराया जाएगा, उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सभी लाइसेंसी हथियार चुनाव के दौरान जमा करने होंगे।
पटना एसएसपी कार्तिकेय के. शर्मा ने कहा कि प्रशासन और पुलिस पूरी जांच कर रहे हैं। कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त निगरानी और कार्रवाई के लिए प्रति निर्वाचन क्षेत्र में 50 से अधिक सीएपीएफ-संचालित चेकिंग पॉइंट स्थापित किए गए हैं।
एसएसपी ने घटना से जुड़े हत्या के मामले की पुष्टि की। सबूत और बयानों का हवाला देते हुए तीन गिरफ्तारियां हुई हैं, छापेमारी जारी है। सीआईडी की टीम जांच कर रही है। पोस्टमॉर्टम में प्रवेश और निकास घाव पाए गए, हालांकि कोई गोली बरामद नहीं हुई, उन्होंने जोड़ा।
क्या था मामला
यह सारी घटना 30 अक्टूबर को मोकामा ताल क्षेत्र के बसावनचक गांव की है। जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के चाचा दुलारचंद यादव (उम्र 75 वर्ष) अपने भतीजे के पक्ष में प्रचार कर रहे थे। पीयूष प्रियदर्शी का काफिला अनंत सिंह के वाहन के पीछे-पीछे चल रहा था। संकरी सड़क पर दोनों काफिलों के बीच टकराव हो गया। गुस्से में दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई और फायरिंग शुरू हो गई। इसी बीच कथित तौर पर उन्हें गोली मार दी गई। उसके बाद कथित तौर पर अनंत सिंह के समर्थकों ने दुलारचंद को पीटा और एक वाहन से कुचल दिया। इसके बाद दुलारचंद की मौके पर ही मौत हो गई।
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दुलारचंद के पोते नीरज कुमार ने एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें अनंत सिंह को मुख्य आरोपी बताया। दूसरी तरफ, अनंत सिंह के समर्थकों ने भी पीयूष प्रियदर्शी और उनके चार साथियों पर हमला करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई। कुल चार एफआईआर हुईं। घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया। दुलारचंद का शव अंतिम संस्कार के दौरान भी पथराव और फायरिंग की घटनाएं हुईं। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इसे 'जंगल राज' बताते हुए कहा, 'चुनाव में हथियार जमा करने होते हैं, फिर गोली कैसे चल रही है?'
