साल 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई विधानसभा सीट मुंडका पर कुल 4 चुनाव हुए हैं और एक भी बार कांग्रेस को जीत नहीं मिली है। दो बार आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की है और एक बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जीत हासिल की है। एक बार साल 2013 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार रामबीर शौकीन ने जीत हासिल की थी। एक और रोचक बात है कि पिछले तीन चुनाव के बाद AAP ने इस बार भी अपना उम्मीदवार बदला है। ऐसे में मौजूदा विधायक धर्मपाल लाकड़ा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर गए हैं। धर्मपाल लाकड़ा वही शख्स हैं जो पिछली बार सबसे अमीर विधायक थे। उनके उतरने से यहां की लड़ाई रोमांचक हो गई है।
मुंडका विधानसभा में जौनती गांव, तातेसर गांव, लाडपुर गांव, कंझावला गांव, महावीर विहार, गढ़ी रंधाला, निजामपुर रशीदपुर गांव, कराला गांव, मदनपुर डबास और टीकरी कलां जैसे ग्रामीण क्षेत्र आते हैं। इसके अलावा, नांगलोई एक्सटेंशन के कुछ हिस्सों के साथ-साथ कई जेजे कॉलोनी भी इसी विधानसभा में आती हैं। विधायक धर्मपाल लाकड़ा टिकट कटने के बाद कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं। बीजेपी ने दो बार हार चुके आजाद सिंह की जगह पर गजेंद्र दराल को टिकट दिया है तो AAP ने इस बार जसबीर कराला को चुनाव में उतारा है।
बीजेपी इस सीट को जीतने के लिए पूरा दम झोंक रही है। अभी तक राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पहलवान योगेश्वर दत्त जैसे नेता इस सीट पर बीजेपी का प्रचार करने आ चुके हैं। हालांकि, अंदरखाने चर्चा भी है कि आपसी कलह बीजेपी को भारी पड़ सकती है। रोचक बात यह है कि इस सीट पर धर्मपाल लाकड़ा मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में त्रिकोणीय होने की वजह से इस सीट के नतीजे रोचक हो सकते हैं। 2013 में इस सीट से निर्दलीय चुनाव जीतने वाले रामवीर शौकीन भी इस बार चुनावी मैदान में उतर गए हैं।
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मुंडका की समस्याएं क्या हैं?
खराब सड़कें, टूटी नालियां और सड़क पर पानी और कीचड़, यह हर विधानसभा की समस्या है तो मुंडका भी इससे अछूता नहीं है। निलोठी और बाकी के दूसरे गांवों के लोग सड़क पर पड़ी गंदगी से परेशान हैं। बिना बारिश के भी आपको इन इलाकों की सड़कों पर कीचड़ ही मिलेगा। 10 साल से इस सीट पर जीतती आ रही AAP के उम्मीदवार जसबीर कराला खुद अपनी पहली प्राथमिकता जल जमाव से निजात दिलाने और खराब सड़कें ठीक कराने को बता रहे हैं। यही दिखाता है कि पिछले 10 साल में इस विधानसभा में इन मुद्दों पर कितना काम हुआ है।
2020 में क्या हुआ था?
2020 के विधानसभा में AAP ने अपने विधायक का टिकट काटकर धर्मपाल लाकड़ा को टिकट दिया था। वहीं, बीजेपी ने एक बार फिर से आजाद सिंह को मौका दिया था। कांग्रेस ने 2013 में चुनाव हार चुके नरेश कुमार को एक बार फिर मौका दिया था। हालांकि, AAP का जादू बरकरार रहा और धर्मपाल लाकड़ा इस सीट पर उसे जिताने में कामयाब रहे। आजाद सिंह 71 हजार वोट पाकर नंबर 2 पर रहे और नरेश कुमार सिर्फ 5 हजार वोट पाकर नंबर 3 पर रह गए।
विधानसभा का इतिहास
2008 में पहली बार चुनाव हुए बीजेपी के मनोज कुमार ने कांग्रेस के प्रेम चंद्र कौशिक को चुनाव हरा दिया। 2013 में बीजेपी ने आजाद सिंह को, कांग्रेस ने नरेश कुमार को और AAP ने कृष्ण कुमार को टिकट दिया था। हालांकि, बाजी मारी निर्दलीय उम्मीदवार रामबीर शौकीन ने। 2015 में AAP के सुखबीर सिंह दलाल ने बीजेपी के आजाद सिंह को बंपर वोटों के अंतर से हरा दिया। 2020 में AAP ने सुखबीर दलाल का टिकट काटकर धर्मपाल लाकड़ा को चुनाव लड़ाया। एक बार फिर AAP को जीत मिली और आजाद सिंह फिर दूसरे नंबर पर रह गए।
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मुंडका का समीकरण
दिल्ली देहात के वोट इस सीट पर काफी ज्यादा संख्या में हैं। किसी भी पार्टी की ओर से दिल्ली देहात के मुद्दों पर कोई बड़ा वादा न होने से ग्रामीण मतदाताओं में हताशा है। कुल 5 एमसीडी वार्ड में से 4 पर AAP को जीत मिली थी और 1 पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली थी। ऐसे में AAP थोड़ा कॉन्फिडेंस में जरूर है। इस सीट पर 23 पर्सेंट जाट, 23 पर्सेंट SC और लगभग 8 पर्सेंट मुस्लिम हैं। ऐसे में यहां बहुकोणीय मुकाबला होने पर किसकी लॉटरी लग जाए कुछ कहां नहीं जा सकता है।