नवादा विधानसभा सीट बिहार के दक्षिणी हिस्से में स्थित है। झारखंड बॉर्डर के पास बसा यह इलाका खुरी और पंचाने नदियों के किनारे बसा है। नवादा का नाम फारसी शब्द 'नौ-आबाद' से आया है, जिसका अर्थ है नया नगर। नवादा बिहार से सबसे पिछड़े इलाकों में से आता है। यही वजह है कि यहां विकास कहीं दूर अटका हुआ है।
बिहार के अन्य हिस्सों में दिखने वाला विकास नवादा में नहीं पहुंचा है। नवादा में शहरी और ग्रामीण मतदाता दोनों हैं। नवादा में आज भी मूलभूत सुविधाओं की कमी के साथ में यहां उच्च शिक्षा के लिए ढांचे की मांग होती रही है।
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सामाजिक समीकरण
नवादा विधानसभा सीट पर 1995 से 2020 तक निर्दलीय, आरजेडी और जेडीयू के उम्मीदवार बारी-बारी से जीतते आ रहे हैं। पिछले चार चुनावों की बात करें तो यहां दो बार आरजेडी और दो बार जेडीयू ने जीत हासिल की है। नवादा में अनुसूचित जाति के मतदाता 21.38 फीसदी हैं, जबकि मुस्लिम 14.8 फीसदी और राजपूत 11 फीसदी हैं।
2020 में क्या हुआ था?
नवादा विधानसभा सीट पर 2020 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने जीत दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा रहे थे, जबकि जेडीयू खिसक कर तीसरे स्थान पर चली गई थी। 2020 में आरजेडी की विभा देवी ने निर्दलीय प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा को बड़े वोटों के मार्जिन से हराया था। हार का अंतर 26,310 वोटों का था। जेडीयू के कौशल यादव तीसरा स्थान पाते हुए आरजेडी से 37,868 वोटों के मार्जिन से हार गए थे। विभा देवी ने 40.06 फीसदी वोट पाते हुए 72,435 वोट हासिल किया था, जबकि निर्दलीय श्रवण कुशवाहा को 46,125 वोट मिले थे।
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वहीं, नवादा में जेडीयू के कौशल यादव को महज 34,567 मत ही मिले थे। इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार धीरेंद्र कुमार सिन्हा मुन्ना को 9,684 वोट मिले थे।
विधायक का परिचय
मौजूदा विधायक विभा देवी नवादा नवादा की मानी-जानी नेत्री हैं। वह इससे पहले नवादा लोकसभा सीट से 2019 को चुनाव लड़ चुकी हैं। इस चुनाव में वह आरजेडी की उम्मीदवार थीं, लेकिन उन्हें जेडीयू के चंदन सिंह ने हरा दिया था।
विभा देवी की पढ़ाई की बात करें तो वह साक्षर हैं। उनकी स्कूली शिक्षा की ज्यादा कुछ जानकारी नहीं है। 2020 के उनके चुनावी हलफनामों के मुताबिक, उनकी आय का मुख्य स्रोत विधायकी रूप में उनका वेतन, कृषि और सामाजिक कार्य है। पिछले हलफनामों के मुताबिक उनके पास 29 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
विधानसभा सीट का इतिहास
नवादा विधानसभा में सबसे पहली बार साल 1952 में चुनाव हुए थे। राम किशुन सिंह कांग्रेस के टिकट पर नवादा के पहले विधायक चुने गए थे। इसके बाद कांग्रेस ने 1967, 1972 और 1985 का चुनाव जीता। नवादा से भारतीय जनसंघ दो बार और एक बार 1990 में बीजेपी ने जीत दर्ज की है। 1990 के बाद से बीजेपी नवादा में संघर्ष करती रही है। इस पर अभी तक कुल 18 चुनाव हुए हैं। नवादा विधानसभा सीट नवादा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है।
1952- राम किशुन सिंह (कांग्रेस)
1959- एम. अहमद (कांग्रेस)
1962- गौरीशंकर केशरी (भारतीय जनसंघ)
1967- आर.एस.पी.यादव (कांग्रेस)
1969- गौरीशंकर केशरी (भारतीय जनसंघ)
1972- गायत्री देवी यादव (कांग्रेस)
1977- गणेश शंकर विद्यार्थी (सीपीआई)
1980- गणेश शंकर विद्यार्थी (सीपीआई)
1985- नरेंद्र कुमार (कांग्रेस)
1990- किशन प्रसाद यादव (बीजेपी)
1995- राज वल्लभ यादव (निर्दलीय)
2000- राज वल्लभ यादव(आरजेडी)
2005- पूर्णिमा यादव (निर्दलीय)
2005- पूर्णिमा यादव (निर्दलीय)
2010- पूर्णिमा यादव (जेडीयू)
2015- राज वल्लभ यादव (आरजेडी)
2019- कौशल यादव (जेडीयू)
2020- विभा देवी (आरजेडी)
