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अत्री विधानसभा: RJD के गढ़ में सिर्फ एक बार जीती JDU, क्या है समीकरण?

अतरी विधानसभा सीट पर राजेंद्र प्रसाद यादव के परिवार का सियासी दबदबा है। अब उनके बेटे अजय यादव पारिवारिक विरासत संभाल रहे हैं। 2015 में अजय की मां कुंती देवी अतरी से दूसरी बार विधानसभा जीती थीं।

Atri Vidhan sabha.

अतरी विधानसभा। (Photo Credit: Khabargaon)

बिहार की अतरी विधानसभा सीट गया जिले में पड़ती है। 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी का गांव गहलौर भी अतरी विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। अगर लोकसभा की बात करें तो अतरी सीट जहानाबाद में आती है। ऐसी मान्यता है कि यह जगह अतरी ऋषि का स्थान है। ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र होने के कारण यहां सड़क, पानी, बिजली और शिक्षा से जुड़े मुद्दे प्रमुख हैं। इलाके के लोगों का जीवन ज्ञापन खेती-किसानी पर निर्भर है। उद्योग धंधों का अभाव होने की वजह से अधिकांश लोगों को अन्य प्रदेश जाना पड़ता है। मौजूदा समय में विधानसभा क्षेत्र में नीमचक बथानी, मोहड़ा और खिजरसराय और अतरी प्रखंड का इलाका आता है।

मौजूदा समीकरण 

अतरी विधानसभा सीट पर 3,10,443 कुल वोटर्स हैं। अगर जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां लगभग 31.03 फीसद अनुसूचित जाति के मतदाता हैं। भूमिहार, ब्राह्मण और राजपूतों की हिस्सेदारी करीब 15 फीसद है। करीब 20 फीसद यादव और 6.3 प्रतिशत मुस्लिम वोटर्स सियासी समीकरण बदलने की ताकत रखते हैं।   

 

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2020 चुनाव का रिजल्ट

पिछले विधानसभा चुनाव में अतरी विधानसभा सीट पर कुल 11 प्रत्याशी मैदान में थे। आरजेडी ने अजय कुमार को मैदान में उतारा। उनके सामने जेडीयू ने दो बार की एमएलसी मनोरमा देवी को टिकट दिया। एलजेपी से अरविंद कुमार सिंह चुनाव लड़े। अजय यादव को कुल 62,658 वोट मिले। मनोरमा देवी के हिस्से में 54,727 मत आए। उन्हें 7,931 वोट के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। एलजेपी प्रत्याशी अरविंद कुमार को कुल 25,873 वोट मिले। 

मौजूदा विधायक का परिचय

अतरी विधानसभा सीट पर राजेंद्र यादव के परिवार का दबदबा है। 1995 से 2005 तक राजेंद्र यादव तीन बार विधायक रहे। उनकी पत्नी कुंती देवी 2005 और 2015 में दो बार विधायक रहीं। मौजूदा विधायक अजय यादव कुंती और राजेंद्र यादव के बेटे हैं। विधायक बनने से पहले अजय यादव नीमचक बथानी से प्रमुख रह चुके हैं।

 

2020 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक अजय यादव के पास एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और 2 लाख रुपये का कर्ज है। साल 2002 में बिहार बोर्ड से 12वीं की परीक्षा पास की। उनके खिलाफ 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

 

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विधानसभा सीट का इतिहास

अतरी विधानसभा सीट का गठन साल 1951 में हुआ। इसे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का गढ़ माना जाता है। अब तक के कुल 17 चुनाव में से छह बार आरजेडी को जीत मिली। कांग्रेस ने चार बार अपना विधायक बनाया। हालांकि पार्टी को 1990 के बाद से कोई जीत नहीं मिली। अतरी की जनता ने तीन बार निर्दलीय प्रत्याशियों पर भी भरोसा जताया। भारतीय जनसंघ, जनता पार्टी, कांग्रेस(यू) और जेडीयू को एक-एक बार जीत मिली। यहां से राजेंद्र प्रसाद यादव तीन बार विधानसभा चुनाव जीते। शिवरतन सिंह, रणजीत सिंह और कुंती देवी यादव दो-दो बार चुनाव जीते। 

 

अतरी विधानसभा: कब-कौन जीता
वर्ष     विजेता     दल
1952 रामेश्वर प्रसाद यादव निर्दलीय
1957 शिवरतन सिंह कांग्रेस
1962   शिवरतन सिंह कांग्रेस
1967   किशोरी प्रसाद   निर्दलीय
1969 बाबू लाल सिंह भारतीय जनसंघ
1972 माहेश्वरी प्रसाद सिंह निर्दलीय
1977 मुंद्रिका सिंह जनता पार्टी
1980 सुरेंद्र प्रसाद कांग्रेस (यू)
1985 रणजीत सिंह कांग्रेस
1990 रणजीत सिंह कांग्रेस
1995 राजेंद्र प्रसाद यादव आरजेडी
2000 राजेंद्र प्रसाद यादव आरजेडी
2005 (फरवरी) राजेंद्र प्रसाद यादव आरजेडी
2005 (नवंबर) कुंती देवी यादव   आरजेडी
2010 कृष्ण नंदन यादव जेडीयू
2015 कुंती देवी यादव     आरजेडी
2020 अजय कुमार यादव आरजेडी


                          

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