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वजीरगंज विधानसभा: बीजेपी के गढ़ में क्या कांग्रेस हासिल कर सकेगी दूसरी जीत?

वजीरगंज विधानसभा सीट पर कांग्रेस को अपनी दूसरी जीत की तलाश है। बीजेपी नेता बीरेंद्र सिंह से उसे कड़ी टक्कर मिल रही है। अबकी बार कांग्रेस ने अवधेश सिंह को टिकट दिया है। पिछले चुनाव में उनके बेटे को हार का सामना करना पड़ा था।

Wazirganj Vidhan Sabha.

वजीरगंज विधानसभा। (Photo Credit: Khabargaon)

बिहार की वजीरगंज लोकसभा सीट गयाजी जिले में पड़ती है। साल 2010 में यहां पहला चुनाव हुआ। 2008 से पहले यह क्षेत्र शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र में पड़ता था। विधानसभा क्षेत्र में वजीरगंज सामुदायिक विकास खंड, मानपुर सामुदायिक विकास खंड और गया नगर निगम के कुछ वार्ड आते हैं। अगर लोकेशन की बात करें तो वजीरगंज गया-नवादा राजमार्ग पर बसा है। गया शहर से इसकी दूरी करीब 25 किमी है।

 

वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र की अधिकांश आबादी ग्रामीण है। सिर्फ 18.43 प्रतिशत लोग शहरी क्षेत्र में रहते हैं। यहां की साक्षरता दर 62.17 फीसद है। ग्रामीण आबादी का जीवन यापन खेती-किसानी पर निर्भर है। स्थानीय स्तर पर रोजगार के व्यापक साधन नहीं है। इस कारण लोगों को अन्य प्रदेशों का रुख करना पड़ता है।

मौजूदा समीकरण

वजीरगंज विधानसभा सीट हिंदू बहुल है। यहां 92.87 फीसद हिंदू आबादी है। अगर सीट के समीकरण की बात करें तो कुल 2,80,347 वोटर्स हैं। यहां 30 फीसदी से अधिक अनूसूचित जाति के मतदाता निर्णायक होते हैं। मुस्लिम मतदाताओं की हिस्सेदारी करीब 6 फीसद है। 

 

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2020 चुनाव का रिजल्ट

पिछले चुनाव में वजीरगंज सीट से कुल 22 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई थी। कांग्रेस ने शशि शेखर सिंह को टिकट दिया। उनके सामने बीजेपी ने अपने पूर्व विधायक बीरेंद्र सिंह को उतारा। शशि शेखर को कुल 48,283 वोट मिले। वहीं बीरेंद्र सिंह को 70,713 मत मिले। 22,430 मतों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा। निर्दलीय प्रत्याशी शीतल प्रसाद यादव को 14,173 वोट मिले।

मौजूदा विधायक का परिचय

बीरेंद्र सिंह वजीरगंज से दो बार के बीजेपी विधायक हैं। अबकी बार बीजेपी ने तीसरी बार उन पर भरोसा जताया है। 2020 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक बीरेंद्र सिंह के पास एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। तीन लाख रुपये का कर्ज भी है। उन्होंने साल 1974 में बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री हासिल की। उनके खिलाफ अटारी और वजीरगंज पुलिस थाने में दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। बीरेंद्र सिंह ने खेती-किसानी को अपना पेशा बता रखा है।

 

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विधानसभा सीट का इतिहास

वजीरगंज विधानसभा सीट पहली बार साल 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। पहला चुनाव 2010 में हुआ तो यहां की जनता ने बीजेपी प्रत्याशी बीरेंद्र सिंह पर भरोसा जताया। हालांकि पांच साल बाद वजीरगंज की जनता ने अपना विधायक बदल दिया। 2015 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अवधेश कुमार सिंह को जीताकर विधानसभा भेजा। पिछले चुनाव में बीरेंद्र सिंह ने वापसी की और बीजेपी को दूसरी जीत दिलाई।

 

वजीरगंज विधानसभा: कब-कौन जीता
वर्ष विजेता दल
2010 बीरेंद्र सिंह बीजेपी
2015 अवधेश कुमार सिंह   कांग्रेस
2020 बीरेंद्र सिंह बीजेपी

 

                                       
       

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