बिहार की बेलागंज विधानसभा सीट गया जिले के अंतर्गत आती है। इस बार यहां राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और जनता दल (यूनाइटेड) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। विधानसभा क्षेत्र गंगा के उपजाऊ मैदान में पड़ता है। पास में ही फल्गु नदी है। इस लिहाज से बेलागंज की मिट्टी बेहद उपजाऊ है। ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण विधानसभा क्षेत्र की अधिकांश आबादी का जीवन यापन खेती किसानी पर निर्भर है। 2008 के परिसीमन के बाद सदर ब्लॉक और बेलागंज ब्लॉक का अधिकांश हिस्सा इसी निर्वाचन क्षेत्र में आता है।
बेलागंज विधानसभा सीट को आरजेडी का गढ़ कहा जाता है। पार्टी के दिग्गज नेता सुरेंद्र प्रसाद यादव यहां से कुल आठ बार विधायक रहे। उन्होंने 1990 और 1995 में जनता दल व 2000 से 2020 तक लगातार छह बार आरजेडी से विधानसभा चुनाव जीते।
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मौजूदा समीकरण
2011 की जनगणना के मुताबिक बेलांगज की कुल आबादी 2,22,003 है। यहां की आधी से कुछ ज्यादा जनता ही पढ़ी लिखी है। बेलांगज में 52.22 फीसद साक्षरता दर है। 2020 के चुनावी आंकड़ों के मुताबिक यहां कुल 2,67,466 मतदाता हैं। मगर चुनावी समीकरण के लिहाज से मुस्लिम और यादव किसी भी दल की बाजी पलटने की ताकत रखते हैं। विधानसभा क्षेत्र में 15.8 फीसद मुस्लिम और 15.6 फीसद यादव मतदाता हैं। आरजेडी नेता सुरेंद्र प्रसाद यादव की जीत में इनकी भूमिका अहम रही है। बेलागंज में लगभग 29.59 प्रतिशत अनुसूचित जाति के वोटर्स हैं।
पिछले चुनाव का रिजल्ट
2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी नेता सुरेंद्र प्रसाद यादव ने जीत हासिल की थी। 2024 में आरजेडी ने सुरेंद्र यादव को जहानाबाद लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया। उनके जीतने के बाद बेलांगज सीट खाली हुई तो उपचुनाव हुआ। जेडीयू ने मनोरमा देवी को उतारा। उनका मुकाबला आरजेडी प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह से था। मनोरमा देवी को कुल 73334 वोट मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी विश्वनाथ सिंह सिर्फ 51943 वोट ही हासिल कर सकेंगे। 21391 मतों के अंतर से मनोरमा देवी ने बेलागंज विधानसभा सीट पर जेडीयू को पहली जीत दिलाई।
मौजूदा विधायक का परिचय
मनोरमा देवी पहली बार साल 2001 में मोहनपुर ब्लॉक प्रमुख बनीं। इसके बाद 2003 से 2009 तक आरजेडी से एमएलसी रहीं। बाद में जेडीयू ने भी उन्हें एमएलसी बनाया। साल 2020 में गया जिले की अत्री विधानसभा सीट से जेडीयू की टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। मनोरमा देवी के पति बिंदेश्वरी यादव बिहार की सियासत का चर्चित चेहरा रहे हैं। एक जमाने में वे लालू प्रसाद यादव के करीबी थे। 2020 में पटना एम्स में उनका निधन हो गया। 2024 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक मनोरमा देवी के पास 72 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। एक करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। मनोरमा देवी ने साल 1997 में बोधगया की मगध यूनिवर्सिटी से एमए की डिग्री हासिल की। उनके खिलाफ तीन आपराधिक मामले लंबित हैं।
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विधानसभा सीट का इतिहास
साल 1962 में बेलागंज विधानसभा सीट का गठन हुआ। पहले चुनाव में कांग्रेस और दूसरे में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के सच्चिदानंद सिंह को जीत मिली। दो उपचुनाव को मिलाकर बेलागंज की जनता 17 बार विधानसभा चुनाव में हिस्सा ले चुकी है। अगर पार्टी वार जीत की बात करें तो कांग्रेस पांच, आरजेडी सात, जनता दल दो और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी व जेडीयू को एक-एक बार जीत मिली। सुरेंद्र प्रसाद यादव सबसे अधिक आठ बार बेलागंज से विधायक रहे।
बेलागंज विधानसभा: कब-कौन जीता
वर्ष |
विजेता |
दल |
1962 |
रामेश्वर मांझी |
कांग्रेस |
1967 |
सच्चिदानंद सिंह |
संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी |
1969 |
मिथलेश्वर प्रसाद सिंह |
कांग्रेस |
1972 |
जितेंद्र प्रसाद सिंह |
कांग्रेस |
1977 |
शंभू प्रसाद सिंह |
जनता पार्टी |
1980 |
शत्रुघ्न शरण सिंह |
कांग्रेस |
1985 |
अभिराम शर्मा |
कांग्रेस |
1990 |
सुरेंद्र प्रसाद यादव |
जनता दल |
1995 |
सुरेंद्र प्रसाद यादव |
जनता दल |
1998 |
महेश सिंह यादव (उपचुनाव) |
आरजेडी |
2000 |
सुरेंद्र प्रसाद यादव |
आरजेडी |
2005 (फरवरी) |
सुरेंद्र प्रसाद यादव |
आरजेडी |
2005 (नवंबर) |
सुरेंद्र प्रसाद यादव |
आरजेडी |
2010 |
सुरेंद्र प्रसाद यादव |
आरजेडी |
2015 |
सुरेंद्र प्रसाद यादव |
आरजेडी |
2020 |
सुरेंद्र प्रसाद यादव |
आरजेडी |
2024 |
मनोरमा देवी (उपचुनाव) |
जेडीयू |