चुनाव में उतरने वाले उम्मीदवारों को हर बार एक एफिडेविट देना पड़ता है। इस एफिडेविट में उन्हें अपनी चल-अचल संपत्ति, अपनी शैक्षणिक योग्यता, अपनी कमाई और आपराधिक मामलों तक की जानकारी देनी होती है। उम्मीदवार इसमें अपनी और अपने पति-पत्नी की आय और उनकी संपत्ति का ब्योरा देते हैं। इसके जरिए यह भी पता चलता है कि जिन नेताओं को हम चुन रहे हैं वे कितने पढ़े-लिखे हैं, कितने अमीर हैं और उनके खिलाफ आपराधमिक मामले चल रहे हैं या नहीं। अब अगर किसी एक नेता के कई चुनावों के एफिडेविट का विश्लेषण किया जाए तो यह भी पता चल जाता है कि किसी नेता की संपत्ति में कितना इजाफा हो रहा है। अब असोसिएशन फॉर डिमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने उन विधायकों की संपत्ति की तुलना की है जो इस बार भी चुनावी मैदान में हैं।
ADR ने अपनी इस रिपोर्ट में बताया है कि 2020 में जीते 70 में से 48 विधायक ऐसे हैं जो 2020 में भी चुनाव में उतरे हैं। कुछ नेता ऐसे जरूर हैं जिनकी पार्टी इस बार बदल गई है, कुछ की सीट भी बदल गई है लेकिन ये 48 लोग फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी या सीट बदलने वालों में कैलाश गहलोत, धर्मपाल लाकड़ा, करतार सिंह तंवर, राजकुमार आनंद और अब्दुल रहमान जैसे नेता शामिल हैं। ये सभी नेता पिछली बार AAP के टिकट पर चुनाव जीते थे। इसमें से राजकुमार आनंद और कैलाश गहलोत तो दिल्ली सरकार में मंत्री भी रहे हैं। आइए जानते है कि दिल्ली के ये दिग्गज नेता पांच साल में कितने अमीर या गरीब हुए हैं?
CM आतिशी की संपत्ति बढ़ी या घटी?
दिल्ली की मौजूदा सीएम आतिशी एक बार फिर से कालकाजी सीट से चुनावी मैदान में हैं। 2020 के चुनाव में उन्होंने अपने पति की संपत्ति का ब्योरा भी दिया था। दोनों को मिलाकर कुल संपत्ति 1.41 करोड़ रुपये थी। इस बार आतिशी ने पति के नाम का कॉलम खाली छोड़ दिया है। इसके चलते आतिशी की संपत्ति कम होकर सिर्फ 76.93 लाख पर आ गई है। ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह से आतिशी की संपत्ति में 46 पर्सेंट की कमी आई है।
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केजरीवाल और सिसोदिया
AAP के मुखिया और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की संपत्ति पिछली बार 3.44 करोड़ थी जो इस बार 23 पर्सेंट बढ़कर 3.44 करोड़ रुपये हो गई है। वहीं, डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया की संपत्ति में 53 पर्सेंट का इजाफा हुआ है। पिछली बार उनकी संपत्ति 93.50 लाख थी जो इस बार 1.42 करोड़ रुपये हो गई है।
नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता
दिल्ली विधानसभा में विपक्षी दल बीजेपी के नेता विजेंद्र गुप्ता एक बार फिर रोहिणी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार यानी 2020 के चुनाव में उनकी कुल संपत्ति 10.89 करोड़ थी जो इस बार 48 पर्सेंट बढ़कर 16.10 करोड़ रुपये पहुंच गई है।
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कैलाश गहलोत
दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत इस बार पार्टी और सीट दोनों बदल चुके हैं। अब वह BJP के टिकट पर बिजवासन सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार वह AAP के टिकट पर नजफगढ़ से चुनाव जीते थे। 2020 में कैलाश गहलोत की संपत्ति 46.07 करोड़ थी। कैलाश गहलोत की संपत्ति में 5 साल में 30 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है और अब उनकी संपत्ति 59.91 करोड़ रुपये हो गई है।
अन्य मंत्रियों की संपत्ति कितनी बढ़ी?
दिल्ली सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन की संपत्ति में 9 पर्सेंट, इमरान हुसैन की संपत्ति में 152 पर्सेंट, गोपाल राय की संपत्ति में 58 पर्सेंट, सौरभ भारद्वाज की संपत्ति में 35 पर्सेंट, मुकेश कुमार अहलावत की संपत्ति में 79 पर्सेंट और कुछ समय पहले ही मंत्री बने रघुविंदर शौकीन की संपत्ति में 93 पर्सेंट का इजाफा हुआ है।
सबसे ज्यादा इजाफा राजौरी गार्डन की विधायक धनवंती चंदेला की संपत्ति में हुआ है। 2020 में उनकी संपत्ति 56.90 करोड़ थी। इस बार यह संपत्ति बढ़कर 109 करोड़ रुपये हो गई है। इसी तरह राजकुमारी ढिल्लों की संपत्ति 48 करोड़ से बढ़कर 72 करोड़ हो गई है। आंबेडकर नगर सीट से विधायक अजय दत्त की संपत्ति में तीन गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। 2020 में उनकी संपत्ति 2.83 करोड़ थी जबकि इस बार उनकी संपत्ति 11.92 करोड़ हो गई है।