रजौली विधानसभा बिहार के नवादा जिले में आती है। यह नवादा का एक अनुमंडल है। रजौली सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। यह मगध डिवीजन के अंतर्गत आता है। झारखंड बॉर्डर से लगा हुआ रजौली क्षेत्र छोटे-बड़े पहाड़ियों से घिरा हुआ है। रजौली प्राकृतिक नजरिए से काफी संमृद्ध है। रजौली के बीचों-बीच से धनार्जय नदी होकर बहती है, जबकि पंचाने नदी इसके पास ही कल-कल प्रवाहित होती है। रजौली में पहाड़ी मंदिरों की भरमार है। यहां 200 साल पुराने भव्य गुरुद्वारा है।

 

इसके अलावा रजौली में शिव मंदिर याज्ञवल्कय पहाड़, देवी मंदिर कचटवा, धनार्जय नदी के किनारे बसा शिव मंदिर, राम मंदिर छपरा, देवी मंदिर नवाडीह आदि प्रसिद्ध धर्मिक स्थल हैं। वहीं, इलाके में इति गवर्नमेंट कॉलेज है। हालांकि, रजौली में मूलभूत सुविधाओं की कमी के साथ में यहां उच्च शिक्षा के लिए ढांचे की मांग होती रही है।

 

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मौजूदा समीकरण?

रजौली विधानसभा सीट 2015 से ही राष्ट्रीय जनता दल के कब्जे में है। यहां से प्रकाश वीर लगातार दो बार से विधायक हैं। 2020 में उन्होंने रजौली से बीजेपी के कन्हैया कुमार को हराया था। रजौली का सामाजिक समीकरण ऐसा है कि यह सीट आरजेडी की मुफीद बन चुकी है।

 

रजौली के आरक्षित सीट होने की सबसे बड़ी वजह यहां मौजूद अनुसूचित जाति समुदाय के मतदाता हैं। रजौली में 30.23 एससी जाति मतदाता हैं। इसके अलावा यहां मुस्लिम मतदाता 10.3 फीसदी और 12 फीसदी यादव हैं। आरजेडी को इन जातियों के एकजुट होने पर फायदा मिलता है, वहीं बीजेपी की रणनीति इन्हें अलग रखने की रही है।

2020 में क्या हुआ था?

रजौली सीट पर 2020 में आरजेडी ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी दूसरे नंबर पर रही थी। आरजेडी से प्रकाश वीर ने बीजेपी के कन्हैया कुमार को बड़े वोटों के मार्जिन से हरा दिया था। हार का अंतर 12,593 वोटों का था। आरजेडी के प्रकाश वीर ने 41.72 फीसदी वोट पाते हुए 69,984 वोट हासिल किया था, जबकि कन्हैया कुमार को 57,391 वोट मिले। वहीं, इस सीट निर्दलीय प्रत्याशी अर्जुन राम ने बेहतरीन चुनाव लड़ते हुए 14,394 वोट हासिल किए थे। इसके अलावा एक और निर्दलीय प्रत्याशी प्रेमा चौधरी को 5,309 वोट मिले थे।

 

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विधायक का परिचय

वर्तमान विधायक प्रकाश वीर नवादा के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं। वह राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य हैं और उसी के टिकट पर दो बार से विधायक हैं। 59 साल के प्रकाश वीर आरजेडी आलाकमान के करीबी माने जाते हैं। प्रकाश वीर की पढ़ाई की बात करें तो वह 12वीं पास हैं। 2020 के उनके चुनावी हलफनामों के मुताबिक, उनकी आय का मुख्य स्रोत विधायकी रूप में उनका वेतन और सामाजिक कार्य हैं। पिछले हलफनामों के मुताबिक उनके पास लगभग 6 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

विधानसभा सीट का इतिहास

रजौली विधानसभा बिहार की सबसे पुरानी सीटों में से एक है। यहां सबसे पहले 1951 में चुनाव हुए थे। कांग्रेस के राधा कृष्ण प्रसाद सिन्हा रजौली के पहले विधायक बने थे। इसके बाद 1957, 1962 और 1967 का चुनाव भी कांग्रेस जीती थी।

 

इस पर अभी तक कुल 17 चुनाव हुए हैं, जिसमें से पांच बार कांग्रेस, चार बार बीजेपी, चार बार आरजेडी और एक-एक बार 2 निर्दलीय प्रत्याशी, जनता पार्टी और जनता दल चुनाव जीत चुके हैंरजौली विधानसभा सीट नवादा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है

 

1951- राधा कृष्ण प्रसाद सिन्हा (कांग्रेस)

1957- रामस्वरूप प्रसाद यादव (कांग्रेस)

1962- रामस्वरूप प्रसाद यादव (कांग्रेस)

1967- शांति देवी (कांग्रेस)

1969- बाबू लाल (भारतीय जनसंघ)

1972- बनवारी राम (कांग्रेस)

1977- बाबू लाल (निर्दलीय)

1980- बनवारी राम (जनता पार्टी)

1985- बनवारी राम (निर्दलीय)

1990- बाबू लाल (बीजेपी)

1995- बाबू लाल (जनता दल)

2000- राजा राम पासवान (आरजेडी)

2005- नंद किशोर चौधरी (आरजेडी)

2005- बनवारी राम (बीजेपी)

2010- कन्हैया कुमार (बीजेपी)

2015- प्रकाश वीर (आरजेडी)

2020- प्रकाश वीर (आरजेडी)