बिहार के सीतामढ़ी जिले की परिहार विधानसभा सीट खूब चर्चा में हैं। इसका कारण हैं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की नेता ऋतु जायसवाल। ऋतु जायसवाल को RJD ने टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय ही मैदान में उतर गई हैं। अब ऋतु जायसवाल ने तेजस्वी यादव को आगाह किया है कि जिसे टिकट मिला है, उसने नामांकन में गलत जानकारी दी है। ऐसे में ऋतु ने अपील की है कि महागठबंधन उनका समर्थन करे। ऋतु का कहना है कि अगर आरजेडी की प्रत्याशी जीत भी गईं तो मुकदमा चलेगा और बाद में उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। रोचक बात है कि पिछले चुनाव में आरजेडी ने ऋतु जायसवाल को ही टिकट दिया था और वह सिर्फ 1569 वोटों से चुनाव हार गई थीं।

 

इस बार भी ऋतु जायसवाल को उम्मीद थी कि RJD उन्हें मौका देगी। वह पूरे समय आरजेडी नेतृत्व के आसपास ही दिख रही थीं। तेजस्वी यादव जब राघोपुर से पर्चा भरने गए तब भी ऋतु उनके साथ थीं। हालांकि, जब आरजेडी की लिस्ट आई तो ऋतु को झटका लगा। आरजेडी ने इस बार परिहार सीट से अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रामचंद्र पूर्वे को टिकट दे दिया है। अब ऋतु जायसवाल ने लिखा है कि आरजेडी की स्मिता गुप्ता ने अपने नॉमिनेशन फॉर्म में गलती की है।

 

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ऋतु जायसवाल ने क्या लिखा?

 

अब तेजस्वी यादव को संबोधित एक चिट्ठी में लिखा है, 'पार्टी ने मुझे परिहार से दूर भेजना चाहा और मैंने बगावत का रास्ता चुना। गलती दोनों तरफ से हुई परंतु जिस व्यक्ति के कारण यह पूरा विवाद उत्पन्न हुआ, उसने भी एक गंभीर भूल की है। RJD उम्मीदवार ने अपने नामांकन पत्र के साथ संलग्न चारों एफिडेविट में अपनी उम्र 49 वर्ष अंकित की है जबकि मतदाता सूची के अनुसार उनकी वास्तविक आयु 43 वर्ष है। यह स्पष्ट रूप से झूठा एफिडेविट है, जिसके कारण उनका नामांकन निरस्त हो जाना चाहिए था। ऐसे प्रत्याशी अगर जीत भी गए तो कोर्ट में केस चलेगा और कुछ दिनों के बाद उनको सीट गंवानी पड़ेगी।'

 

 

 

 

उन्होंने आगे लिखा है, 'परिहार के विकास के लिए यह आवश्यक है कि यहां के वर्तमान विधायक की हार सुनिश्चित की जाए। यहां वर्तमान विधायक और रितु जायसवाल के बीच सीधी टक्कर है और RJD उम्मीदवार की जीत की संभावना नगण्य है। उनकी मौजूदगी केवल वोटों के बिखराव का कारण बनेगी, जिससे वही लोग फिर से जीत जाएंगे जिन्होंने परिहार को पिछले 15 वर्षों से अंधेरे में रखा है। आज नाम वापसी का अंतिम दिन है। यदि RJD उम्मीदवार अपना नाम वापस ले लें और मुझे महागठबंधन समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार घोषित किया जाए तो यह राजनैतिक रूप से समझदारी भरा निर्णय और परिहार की जनता के प्रति आपकी संवेदनशीलता का प्रमाण होगा। निर्णय आपको करना है। परिहार आपको आशा भरी नज़रों से देख रहा है।'

 

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आपको यह भी बता दें कि ऋतु जायसवाल को आरजेडी ने लोकसभा का चुनाव भी लड़ाया था। 2024 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी ने शिवहर लोकसभा क्षेत्र में लवली आनंद के खिलाफ चुनाव लड़ा था और 29 हजार वोटों से चुनाव हार गई थी। इस बार टिकट न मिलने ऋतु जायसवाल ने कहा था कि पार्टी उन्हें बेलसंड से चुनाव लड़ाना चाहती थी लेकिन वह परिहार नहीं छोड़ना चाहतीं।

टिकट कटने पर क्या बोली थीं ऋतु जायसवाल?

 

टिकट कटने पर उन्होंने लिखा था, 'इस बार तेजस्वी जी ने परिहार से मेरा नाम फाइनल किया था लेकिन दलालों के दबाव के आगे उन्हें झुकना पड़ा है। परिहार में मेरे समर्थक विरोध न करें, इसलिए मुझे बेलसंड का टिकट ऑफर किया गया परंतु मैं यह कैसे स्वीकार करती कि मैं परिहार को बदहाल छोड़कर बेलसंड चली जाऊं और मेरे कारण वर्तमान विधायक संजय गुप्ता जी का टिकट काट दिया जाए? अगर पार्टी ने परिहार से किसी अन्य जमीनी कार्यकर्ता को टिकट दिया होता तो मैं खुशी से पीछे हट जाती और उस उम्मीदवार का समर्थन करती लेकिन बिना जनाधार वाले व्यक्ति को टिकट देना, वह भी ऐसे परिवार को जिसने 2020 विधानसभा चुनाव में मेरे और पार्टी के साथ गद्दारी की थी, यह मुझे स्वीकार नहीं था।'

 

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उन्होंने आगे लिखा, 'परिहार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय मेरे लिए कोई आसान फैसला नहीं था। मैं चाहती तो चुप बैठ जाती। पार्टी ने बहुत कुछ दिया है और आगे चलकर कुछ न कुछ दे ही देती लेकिन पार्टी के अंदर दलालों के बढ़ते वर्चस्व को रोकने के लिए यह कदम जरूरी हो गया था।'