बिहार की सियासत में परिवारवाद का मुद्दा भारतीय जनता पार्टी खूब उठाती है। बीजेपी का कहना है कि पूरा राष्ट्रीय जनता दल, एक ही परिवार के इर्दगिर्द घूम रहा है। पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट पर जो तस्वीरें लगीं हैं, उन्हें ज्यादातर लालू प्रसाद यादव के परिवार के ही लोग हैं। लालू भी मुख्यमंत्री रहे, उनकी पत्नी राबड़ी और पुत्र तेजस्वी यादव खुद डिप्टी सीएम रहे। तेज प्रताप यादव, निष्कासन झेल रहे हैं लेकिन वह भी दो-दो बार के मंत्री रह चुके हैं।
ऐसा नहीं है कि परिवारवाद सिर्फ आरजेडी में है। कांग्रेस के पोस्टर बॉय राहुल गांधी खुद पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। बीजेपी के सूबे में सबसे बड़े नेता सम्राट चौधरी भी परिवारवाद की देन हैं। उनके पिता शकुनी चौधरी की सियासत को बिहार में शायद ही कोई ऐसा हो, जो न जानता हो।
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किस पार्टी में कितना परिवारवाद?
राष्ट्रीय जनता दल में सबसे ज्यादा परिवारवाद है। मौजूदा विधायकों में से 42 फीसदी से ज्यादा ऐसे विधायक हैं, जिनके पिता या चाचा में से कोई नेता रहा है। सदन के 71 विधायकों में 30 विधायक ऐसे हैं, जिनकी पारिवारिक विरासत रही है। बिहार राजनीतिक भाई-भतीजावाद से अभी बाहर नहीं निकल पाया है। जेडीयू के पास 44 में से 16 विधायकों की पारिवारिक विरासत रही है। बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके 80 में से 17 विधायक हैं, जिनका वंशवादी इतिहास रहा है। यह संख्या 21.25 फीसदी के करीब है।
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आंकड़े क्या कहते हैं?
- RJD का परिवारवाद में दबदबा
कुल विधायक: 71
विरासत वाले नेता: 30
बड़े नाम: तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, यूसुफ सलाहुद्दीन। तेजस्वी और तेज प्रताप को तो सब जानते हैं, यूसुफ सलाहुद्दीन वही हैं, जिनके पिता महबूब अली कैसर सांसद थे, दादा चौधरी सलाहुद्दीन मंत्री थे।
- JDU में कितना परिवारवाद?
कुल विधायक: 44
विरासत वाले नेता: 16
बड़े नाम: विजय कुमार चौधरी, सीनियर मंत्री हैं। उनकी पारिवारिक विरासत रही है। महेश्वर हजारी बड़े मंत्री हैं, वह भी परिवारवादी परंपरा से आते हैं। शीला कुमारी मंत्री हैं, सुमित कुमार सिंह बिहार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हैं। तीसरी पीढ़ी के नेता हैं। उनके पिता और दादा भी विधायक-मंत्री रहे हैं। सुनील कुमार भी मंत्री हैं, राजनीतिक विरासत है। सुदर्शन कुमार के पिता और दादा भी विधायक रहे हैं।
- बीजेपी का परिवारवाद
कुल विधायक: 80
विरासत वाले नेता: 17
बड़े नाम: नितीश मिश्रा मंत्री हैं। वह बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा के बेटे हैं। अमरेंद्र प्रताप सिंह मंत्री हैं, कांग्रेस राज के दौरान सीएम रहे हरिहर सिंह के बेटे हैं। नितिन नवीन भी मंत्री हैं, समृद्ध पारिवारिक विरासत रही है। समता पार्टी के संस्थापक शकुनी चौधरी के बेटे सम्राट चौधरी, बिहार के डिप्टी सीएम हैं, बीजेपी के बड़े नेता हैं।
- कांग्रेस में कितना परिवारवाद?
कांग्रेस के राज्य में 17 विधायक हैं। 4 वंशवादी परंपरा से आते हैं। पार्टी के स्टार प्रचारक राहुल गांधी खुद तीसरी पीढ़ी के राजनेता हैं।
- लोक जनशक्ति पार्टी का परिवारवाद
चिराग पासवान पार्टी के लीडर हैं। विधानसभा में इस पार्टी ने 2020 में हार का स्वाद चखा था। पार्टी के सबसे बड़े नेता चिराग पासवान हैं, वह राम विलास पासवान के बेटे हैं।
- हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (सेक्युलर) का परिवारवाद
जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी से लेकर संतोष कुमार सुमन तक, परिवारवादी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्रियों की राजनीति विरासत कौन संभाल रहा है?
बिहार के 23 मुख्यमंत्रियों में से कम से कम 7 की विरासत उनके परिवार के सदस्यों ने संभाली है। आइए नाम जानते हैं-
- लालू प्रसाद-राबड़ी देवी: तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव विधानसभा में सक्रिय।
- जीतन राम मांझी: बहू दीपा मांझी विधायक।
- जगन्नाथ मिश्रा: नितीश मिश्रा BJP के मंत्री।
- हरिहर सिंह: अमरेंद्र प्रताप सिंह, BJP, मंत्री।