बिहार की तरारी विधानसभा सीट, भोजपुर जिले में पड़ती है। भोजपुर जिले में 7 विधानसभाएं हैं। संदेश, बरहरा, आरा, अगिआंव, तरारी, जगदीशपुर और शाहपुर। तरारी विधानसभा, यहां की ग्रामीण विधानसभाओं में शुमार है। इस विधानसभा की सीट संख्या 196 है। यहां के लोकसभा क्षेत्र का नाम आरा है।

तरारी विधानसभा, तरारी और शहर ब्लॉक को मिलाकर बनी है। अमई, बचारी, भारसर, नोनार, कटार, नरायणपुर और सुखरौली ग्राम पंचायतें इस ब्लॉक के अंतर्गत आती हैं। साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह विधानसभा अस्तित्व में आई थी।  यहां जेडीयू, लेफ्ट और बीजेपी को अब तक जीत मिली है। इस बार समीकरण बदल सकते हैं। 

तरारी में कुल 310753 वोटर हैं। महिला मतदाताओं की संख्या 146978 है, वहीं पुरुष मतदाताओं की संख्या 163771 है। ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या 4 है। यह विधानसभा बिहार की ग्रामीण विधानसभाओं में आती है, इसलिए रोजगार, पलायन और शिक्षा आज भी बड़ा मुद्दा है। यहां भूमिहार और यादव वोटर अहम भूमिका निभाते हैं।

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तरारी के लोग क्या चाहते हैं?

तरारी के कई इलाके विकास की बाट जोह रहे हैं। यहां बेहतर सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य केंद्रों की मांग उठ रही है। बड़े उद्योग नहीं है, युवा पलायन को मजबूर हैं। भ्रष्टाचार के भी मुद्दे उठते हैं। 

कैसा था साल 2020 का विधानसभा चुनाव?

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से CPI (ML) से सुदामा प्रसाद को जीत मिली थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में सुदामा प्रसाद ने विधायक पद से इस्तीफा दिया था। वह आरा से लोकसभा सांसद हैं। उनके जाने के बाद 2024 उपचुनाव हुए, जिसमें लेफ्ट ने यह सीट गंवा दी और भारतीय जनता पार्टी के युवा प्रत्याशी विशाल प्रशांत ने यह सीट अपने नाम कर ली। 

2024 के चुनाव में CPI (ML) के सुदामा प्रसाद ने बीजेपी के कौशल कुमार विद्यार्थी को हराया था। सुदामा प्रसाद को 73945 वोट पड़े थे। दूसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी नरेंद्र कुमार पांडे थे। तीसरे नंबर पर बीजेपी के कौशल कुमार विद्यार्थी थे, उन्हें सिर्फ 13833 वोट पड़े। हार-जीत का अंतर 11015 रहा। तरारी में कुल 55.63 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। 

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2025 में क्या समीकरण बन रहे हैं?

बीजेपी ने विशाल प्रशांत को एक बार फिर मौका दिया है। तरारी पर महागठबंधन ने मदन चंद्रवंशी को उतारने का फैसला किया है। अब यहां लेफ्ट अपनी पकड़ खो रहा है। एकजुट एनडीए बीते उपचुनाव में ज्यादा मजबूत नजर आया था। 

विधायक का परिचय

विशाल प्रशांत यहां से विधायक हैं। 13 नवंबर 2024 को दायर चुनावी हलफनाम के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति 5 करोड़ रुपये से ज्यादा है। उन पर 32 लाख रुपये का कर्ज भी है। वह 12वीं पास हैं। उन्होंने बताया है कि कृषि और व्यापार उनकी आमदनी होती है। साल 2023-24 के बीच उन्होंने अपनी आय 22 लाख रुपये बताई है।  

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विधानसभा सीट का इतिहास

तरारी विधानसभा, बिहार की सबसे नई विधानसभाओं में से एक है। साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई थी। साल 2010 में पहली बार यहां चुनाव हुआ। 2010 में पहली बार जेडीयू नेता नरेंद्र कुमार पांडेय चुनाव जीते। साल 2015 और 2020 दोनों चुनावों में सुदामा प्रसाद यहां से जीते। वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के बड़े नेताओं में शुमार हैं। 

  • विधानसभा चुनाव 2010: नरेंद्र कुमार पांडे, जेडीयू
  • विधानसभा चुनाव 2015: सुदामा प्रसाद, CPI (ML) (L)
  • विधानसभा चुनाव 2020: सुदामा प्रसाद, CPI (ML) (L)
  • विधानसभा उपचुनाव 2024: विशाल प्रशांत, बीजेपी

चुनाव कब है?

भोजपुर जिले की सभी 7 विधानसभा सीटों पर 6 नवंबर को मतदान होगा। मतों की गिनती 14 नंवबर को होगी। नामांकन की आखिरी तारीख 18 अक्टूबर है। प्रत्याशी 20 अक्टूबर तक अपना नाम वापस ले सकते हैं।