बिहार की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में चल रहे पारिवारिक घमासान के बारे में सब जगजाहिर है। लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे को पार्टी से बेदखल कर दिया। पार्टी से आधिकारिक तौर पर बाहर निकलने के बाद तेज प्रताप ने अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) बनाने की घोषणा कर दी और इस बार के होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी के 43 प्रत्याशी उतार दिए। अब सवाल यह है कि उनके 43 उम्मीदवार क्या राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का खेल बिगाड़ पाएंगें?
तेजस्वी यादव ने 2 नवंबर को महुआ विधानसभा क्षेत्र में अपने भाई तेज प्रताप के खिलाफ और RJD के प्रत्याशी मुकेश रौशन के लिए रैली की थी। यहां तेजस्वी यादव ने कहा कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं होता है, इसलिए पार्टी के चुनाव चिह्न पर वोट कीजिए। तेजस्वी ने अपने बड़े भाई का नाम लिए बिना उनके खिलाफ वोट डालने की अपील कर दी। मुकेश रौशन महुआ से मौजूदा विधायक हैं।
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तेज प्रताप की रैली
किसी ने भी उम्मीद नहीं की थी कि तेजस्वी अपने भाई के खिलाफ प्रचार करेंगे पर जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ा, स्थिति काफी बदली है। तेज प्रताप ने भी राघोपुर में रैली की और अपने कैंडिडेट प्रेम कुमार के लिए वोट मांगा। राघोपुर RJD का गढ़ रहा है और यह सीट भी यादवों के दबदबे वाली है। अगर यहां यादवों का वोट बैंक बंटता है तो तेजस्वी की राह आसान नहीं होगी।
तेज प्रताप ने बिहार में कुल 43 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इनमें से ज्यादातर सीटें यादव बहुल हैं और इन सीटों पर RJD का दबदबा रहा है। जैसे बख्तियारपुर से गुलशन यादव JJD से उम्मीदवार हैं जबकि RJD के अनिरुद्ध यादव 2020 में जीत मिली थी और इस बार भी वही उम्मीदवार हैं। तेज प्रताप की पार्टी में इस बार ऐसे कई उम्मीदवारों को टिकट दिया है जिन्हें RJD या जनसुराज से टिकट नहीं मिला।
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इसका क्या होगा असर?
तेज प्रताप RJD से टिकट नहीं मिलने के कारण पार्टी से नाराज होकर अलग हो गए। उनका कहना है कि महुआ से RJD के उम्मीदवार मुकेश रौशन को हर हाल में हराना चाहते हैं। महुआ से असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी अपना उम्मीदवार उतारा है। इससे मुस्लिमों का वोट बंटने की पूरी आशंका जताई जा रही है जिसका सीधा नुकसान RJD को हो सकता है।
राघोपुर से तेज प्रताप के मौसेरे भाई के लड़के को JJD से टिकट मिला है। प्रेम कुमार के उतरने से यादव वोटों के बंटने की उम्मीद जताई जा रही है। सबका ऐसा मानना है कि लालू के बड़े बेटे के लिए लोगों के मन से सहानुभूति है जिसका नुकसान RJD उम्मीदवार तेजस्वी यादव को हो सकता है।
समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर विधानसभा से तेज प्रताप ने अजय कुमार बुल्गानिन को अपना उम्मीदवार बनाया है। अजय यहां से तीन बार विधायकी का चुनाव जीत चुके हैं। यादव जाति से ताल्लुक रखने वाले अजय फरवरी 2005 में RJD के टिकट पर चुनाव जीत चुके थे।
कुल मिलाकर तेज प्रताप ने जहां भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं उनका अपना कोई वोट बैंक नहीं है। इससे यह हो सकता है कि RJD के वोट बैंक में सेंध लग जाए। महुआ सीट से 2015 में तेज प्रताप चुनाव जीत चुके थे। बाद में उन्हें 2020 में समस्तीपुर जिले के हसनपुर सीट पर भेज दिया था। तेज प्रताप हसनपुर नहीं जाना चाहते थे पर पार्टी के दबाव में जाना पड़ा था।
