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लालू हों या CM नीतीश, जेल में बंद प्रत्याशियों के लिए मांग रहे वोट

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कई प्रत्याशी जेल में रहते हुए भी चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें RJD और NDA दोनों के उम्मीदवार शामिल हैं। पार्टियां इनके लिए सक्रिय रूप से प्रचार कर रही हैं।

Candidates in Jail

जेल में उम्मीदवार, Photo Credit- Social Media

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान कुछ ऐसे प्रत्याशी हैं जो जेल में रहते हुए चुनाव लड़ रहे हैं या चुनाव प्रचार के दौरान गिरफ्तार हुए हैं। इनके जेल जाने से पार्टियों पर इसका कुछ खासा असर नहीं हो रहा। पार्टियां अपने कैंडिडेट के लिए जोर-शोर से प्रचार कर रही है। इस लिस्ट में नेशनल डेमाक्रेटिक अलायंस (NDA) के साथ-साथ महागठबंधन भी शामिल है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रत्याशी रीतलाल यादव जो जेल में बंद है उनके लिए चुनाव प्रचार करने खुद पार्टी सुप्रीमो लालू यादव ने रोड शो किया। अनंत सिंह के जेल जाने के बावजूद NDA उनके लिए प्रचार कर रहा है। सवाल उठता है कि बिहार में जेल में बंद कोई प्रत्याशी राजनीति का हिस्सा इतनी आसानी से कैसे बन जाता है?

 

भारत के कानून के तहत कोई भी व्यक्ति जेल में रहते हुए चुनाव लड़ सकता है, अगर उसे किसी क्राइम के लिए दोषी ठहराया न गया हो। इसके साथ ही उसे दो साल या उससे अधिक की सजा न मिली हो। अनंत सिंह, रीतलाल यादव और सतेंद्र साह हो सभी जेल में बंद है और इनके लिए चुनाव प्रचार इनकी पार्टी या परिवार के लोग कर रहे हैं।

 

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प्रत्याशी जो जेल में बंद

रीतलाल यादव-  दानापुर से  RJD के प्रत्याशी रीतलाल यादव रंगदारी मामले में भागलपुर की जेल में बंद है। वह जेल से ही चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव लड़ने के लिए पटना हाईकोर्ट में याचिका भी दी थी लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। उन पर बिल्डर कुमार गौरव से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने और धमकी देने के आरोप है। इसमें उन्होंने 17 अप्रैल 2025 को दानापुर कोर्ट में संरेडर किया था। उनके लिए उनकी पत्नी, बेटी समेत पूरा परिवार प्रचार में जुटा है। लालू प्रसाद यादव ने भी इस प्रचार में हिस्सा लिया। आपको बता दें कि इनका मुकाबला NDA के प्रत्याशी रामकृपाल यादव से है।

 

अनंत सिंह-  मोकामा से NDA के प्रत्याशी बाहुबली अनंत सिंह  दुलारचंद यादव की हत्या के आरोप में बेऊर जेल में बंद है। प्रचार के दौरान हुए इस हत्याकांड में पुलिस ने इन्हें मुख्य आरोपी मानकर केस दर्ज किया है। उनके जेल में जाने के बाद उनकी पत्नी नीलम देवी प्रचार कार्य में जुट गई है। गठबंधन दल भी अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। पार्टी फिलहाल इस प्रयास में हैं कि किसी तरह अगड़ों का वोट बैंक इनसे कहीं न खिसके। 6 नवंबर को होने वाले पहले चरण का चुनाव  जिसमें मोकामा शामिल है। अनंत सिंह के खिलाफ मैदान में बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी और जन सुराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी मैदान में हैं।

 

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सत्येंद्र साह- सासाराम से महागठबंधन के उम्मीदवार सत्येंद्र साह को नामांकन दाखिल करने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। इनकी गिरफ्तारी झारखंड पुलिस ने 21 साल पुराने डकैती मामले में दर्ज केस के सिलसिले में किया। इनके लिए उनकी पत्नी और मां चुनाव प्रचार में लगी हुई है। पार्टी भी इनको पूरी तरह से मदद कर रही है। इनके खिलाफ NDA की प्रत्याशी स्नेह लता (उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी) और बहुजन समाज पार्टी से डॉ. अशोक कुमार खड़े हैं।

 

यह सभी उम्मीदवार जेल में बंद है इसलिए उनके चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी मुख्य रूप से उनके परिवार के सदस्यों और पार्टी के बड़े नेता संभाल रहे हैं। बिहार में बहुत बड़ी संख्या में नेता इस चुनाव में मौजूद है जिन पर किसी न किसी तरह का आपराधिक मामला चल रहा है और पार्टी ने इन लोगों को टिकट दिया है।

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