किरण राव की ऑस्कर-नॉमिनेट फिल्म 'लापता लेडीज' फिल्म से कांग्रेस कुछ ज्यादा ही प्रेरित हो गई है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस पार्टी ने 'लापता लेडीज' अभियान की शुरुआत की थी, जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की महिला सुरक्षा पर विफलता को उजागर किया गया। इस अभियान का मकसद राज्य में लापता महिलाओं की चिंताजनक संख्या की ओर ध्यान आकर्षित करना था।

महाराष्ट्र की 'लापता लेडीज'!

कांग्रेस ने इस अभियान के लिए एक पोस्टर भी तैयार किया जिसमें जानकारी दी गई कि पूरे महाराष्ट्र में ‘एक साल में 64,000 महिलाएं लापता’ हो चुकी हैं। इस पोस्टर में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की तस्वीरें भी लगाई हुई है। 20 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले कांग्रेस का यह अभियान साफ-साफ शिंदे सरकार के महिला सुरक्षा पर प्रहार करना है। आपको जानकार हैरानी होगी, लेकिन पिछले साल अगस्त में खुद देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा सत्र के दौरान माना था कि महाराष्ट्र में हर साल 64,000 महिलाएं लापता हो रही हैं।

 

 

कांग्रेस के इन आकंड़ों में कितनी सच्चाई?

कांग्रेस ने यह आंकड़े ऐसे समय पर जारी किए जब बदलापुर में दो स्कूली लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न किया गया था। यह कह सकते है कि विपक्ष ने इस अवसर का पूरा फायदा उठाते हुए भाजपा, शिवसेना और अजीत पवार के एनसीपी गुट के सत्तारुढ़ महायुति गठबंधन पर जमकर हमला बोला है। कांग्रेस ने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।

क्या कहती है NCRB की रिपोर्ट?

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े बताते हैं कि महाराष्ट्र में लगातार महिलाएं असुरक्षित हो रही हैं। साल 2018 से लेकर साल 2022 तक महाराष्ट्र से गायब हुई महिलाओं में 18 साल की उम्र की लड़कियों का आंकड़ा 10 फीसदी हैं। इसी को देखते हुए सांगली के एक पूर्व सैनिक साहाजी जगताप ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। दरअसल, 49 वर्षीय साहाजी जगताप की बेटी भी दिसंबर 2021 से लापता थी। उन्होंने याचिका दायर कर महाराष्ट्र पुलिस को निर्देश देने की मांग की है कि वह 2019 और 2021 के बीच राज्य से लापता हुई लगभग एक लाख महिलाओं का पता लगाए।

2019 में 35,990 महिलाएं ऐसी जिनका अब तक नहीं चला पता

 

हालांकि, जगताप को पता चलता है कि उनकी बेटी ने इस्लाम धर्म अपना लिया है और एक व्यक्ति से शादी भी कर चुकी है। उनकी याचिका में कहा गया है कि वह अपनी बेटी से केवल दो मिनट के लिए ही मिल पाए और आज तक उन्हें नहीं पता कि आखिर किस वजह से उनकी बेटी ने परिवार से सारे रिश्ते तोड़ लिए। इसी दौरान उन्होंने गृह मंत्रालय का डेटा पता किया, जिसमें बताया गया कि महाराष्ट्र में 18 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं का कई सालों से कोई अता-पता नहीं है। NCRB के डेटा के मुताबिक, 2019 में 35,990 महिलाएं ऐसी थीं जिनका अब तक पता नहीं चल पाया। वहीं, 2020 में 30,089 और 2021 में 34,763 महिलाएं लापता हो गई हैं।

 

क्या कहते है आंकड़े?

केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस साल पिछले 8 महीनों में महिलाओं के गायब होने के मामले में महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले 8 महीनों में अकेले महाराष्ट्र से 26000 महिलाएं गायब हो चुकी हैं। इसकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

 

  • जनवरी- 2833 महिलाएं गायब हुईं
  • फरवरी में यह आंकड़ा बढ़कर 2940 हो गया
  • मार्च में 3262
  • अप्रैल में 3382
  •  मई में 3933
  • जून में 3784
  • जुलाई 3340
  • अगस्त में 24 अगस्त तक 2613 महिलाएं गायब हो चुकी हैं।

महाराष्ट्र महिलाओं के गायब होने के मामले में देश में दूसरे नंबर का सबसे डरावना प्रदेश बनकर उभरा है।

 

  • इस साल 1 से 27 अगस्त तक मुंबई से 291,
  • ठाणे से 146,
  • पुणे से 117,
  • पिंपरी चिंचवड़ से 109,
  • कोल्हापुर से 97,
  • नागपुर से 91,
  •  जलगांव से 77,
  • नवी मुंबई से 64,
  • छत्रपति संभाजी नगर से 59
  • नासिक से 55 महिलाएं महज 27 दिनों में गायब हई है।

चुनाव सिर पर, क्या कर रही महाराष्ट्र सरकार?

  • महिला पुलिस सेल (महिला हेल्प डेस्क)

मुंबई के पुलिस महानिदेशक ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों को संभालने के लिए प्रत्येक पुलिस स्टेशन में महिला पुलिस सेल बनाने के निर्देश जारी किए हैं।

 

  • महिला सुरक्षा समिति

ये समितियां राज्य भर की सभी 49 पुलिस यूनिट और सभी पुलिस थानों में स्थापित की गई हैं। ये समितियां संकट में फंसी महिलाओं को कानूनी सहायता प्रदान कर रही हैं। समिति में महिला डॉक्टर, महिला अधिवक्ता, महिला प्रोफेसर और सामाजिक कार्यकर्ता आदि शामिल हैं।

 

  • स्पेशल पुलिस जुवेनाइल पुलिस यूनिट और बाल कल्याण पुलिस अधिकारी

सभी 49 पुलिस यूनिट में स्पेशल पुलिस जुवेनाइल पुलिस यूनिट का गठन किया गया है और पूरे महाराष्ट्र राज्य में प्रत्येक पुलिस स्टेशन में एक पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है।

 

  • महिला हेल्पलाइन

मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 103 और महाराष्ट्र के लिए हेल्पलाइन नंबर 1091 एक्टिव किया गया है।