अमेजन प्राइम पर 'पंचायत' का चौथा सीजन स्ट्रीम हो गया है। इस सीरीज में जितेंद्र कुमार, रघुबीर यादव, चंदन रॉय, नीना गुप्ता, संविका, दुर्गेश कुमार और अशोक पाठक समेत कई कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं। इस सीरीज के निर्देशन चंदन कुमार और दीपक कुमार मिश्रा ने किया है। 'पंचायत 3' के आखिरी एपिसोड में दिखाया जाता है प्रधान जी पर हमला हो जाता है और यही पर सीरीज खत्म हो जाती है।
दर्शक इस सीरीज के चौथे सीजन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। इस बात का पता चल जाता है कि प्रधान जी पर हमला विधायक ने करवाया है। इस बार फुलेरा गांव में प्रधान का चुनाव मंजू देवी और क्रांति देवी के बीच में है। दोनों पक्ष चुनाव लड़ते है और जमकर पॉलिटिक्ल ड्रामा दिखाया गया है। शुरुआत के एपिसोड काफी स्लो है। हालांकि सीरीज के आखिरी एपिसोड में दिखाया जाता है कि प्रधान का चुनाव क्रांति देवी 73 वोटों से जीत जाती हैं।
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क्रांति देवी ने जीता चुनाव
क्रांति देवी की जीत से प्रधान जी बहुत दुखी होता है। वह अपनी हार बर्दाशत नहीं कर पाते हैं। वह गांव के सभी लोगों को धोखेबाज कहते हुए कहते हैं कि हमारा दबदबा हैं, दबदबा था और हमेशा दबदबा रहेगा। अब फुलेरा गांव की नई प्रधान क्रांति देवी है। सचिव जी और चंदन प्रधान ऑफिस के बाहर खड़े दिखाई देते हैं और यही पर सीरीज खत्म हो जाता है।
मेकर्स ने सीरीज को दी ओपन एंडिंग
मेकर्स ने सीरीज को ओपन एंडिंग देकर खत्म कर दिया है। इसका मतलब है कि 'पंचायत' का पांचवां सीजन आएगा। पांचवें सीजन में मंजू देवी दोबारा प्रधान बनेंगी क्योंकि प्रधान जी ने आखिर में कहा था दबदबा हमेशा रहेगा। साथ ही रिंकी और सचिव जी की लवस्टोरी को भी अगले पार्ट में दिखाई जाएगी।
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सीरीज को मिली मिली-जुली प्रतिक्रिया
पंचायत 4 के चौथे सीजन की कहानी को लोगों ने स्लो और बोरिंग बताया है। लोगों का कहना है कि सीरीज की कहानी को जबरदस्ती का खींचा गया है। किसी भी तरह का कोई नयापन नहीं है। ना ही कॉमेडी है। कुछ लोगों का कहना है कि सीरीज में रिंकी और सचिव जी की लव स्टोरी को और दिखाना चाहिए था।