बॉलीवुड निर्देशक शशांक खेतान ने अपने करियर की शुरुआत 'हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया' से की थी। इस फिल्म में वरुण धवन और आलिया भट्ट लीड रोल में हैं। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट हुई थी। पहली फिल्म के लिए शशांक को लोगों ने खूब पसंद किया था। इसके बाद उन्होंने 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया', 'धड़क' समेत कई हिट फिल्मों का निर्देशन किया है। ज्यादातर लोग उन्हें एक निर्देशक के तौर पर जानते हैं लेकिन कैमरे के पीछे उनका क्या स्ट्रगल रहा है इसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं।
शशांक ने अपने इंटरव्यू में बताया कि वह हमेशा से फिल्म इंडस्ट्री में आना चाहते थे उन्हें नहीं पता था कि वो क्या काम करेंगे। उन्होंने उस समय में सुभाष घई का एक्टिंग स्कूल ज्वाइन कर लिया। उनके पैनल ने उनसे कहा कि तुम अच्छा डांस वैगरह कर लेते हो तुम्हें एक्टर बनना चाहिए। मुझे लगा ये लोग कह रहे होंगे सही होगा। जबकि मैं वहां सारे कॉम्पिटिशन राइटिंग और डायरेक्शन में जीता था। फिर भी मैंने कई ऑडिशन दिए क्योंकि मैंने पढ़ाई उस चीज की थी।
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इस एक्टर की वजह से शशांक ने बदला अपना फैसला
उन्होंनें आगे बताया, 'कोई रिलायंस की एड थी उसमें मेरे सामने राजकुमार राव थे। जब मैंने उन्हें एक्टिंग करते देखी तो मैं समझ गया कि कभी एक्टर नहीं बन सकता हूं। मैं ये मान चुका था कि मुझे असिस्टेंट डायरेक्टर बनना है। मुझे इसके बाद 'इश्कजादे' मिली। इस फिल्म में मैं एक्टर और ऐसिस्टेंट डायरेक्टर भी था। यहां मैंने पहली बार देखा कि सेट पर लोग कैसे काम करते हैं। जब मैं एडी था तो समझ गया कि फिल्म मेकिंग में जाना है। मुझे उसी समय यशराज की दूसरी फिल्म 'शुद्ध देसी रोमांस' मिली थी बतौर एसिस्टेंट डायरेक्टर। मैं उस फिल्म को नहीं कर पाया क्योंकि मुझे स्लिप डिस्क हो गया।
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इस दौरान मैंने 'हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया' की दुल्हनिया की स्क्रिप्ट लिखनी शुरू कर दी थी। मुझे ढ़ाई साल लग गए। करण जौहर से मैं पहली बार 15 मिनट के लिए मिला। मैंने उन्हें फिल्म की कहानी सुनाई और वो इंप्रेस हो गए। मुझे उस पल लगा कि 13 साल का स्ट्रगल एकदम से खत्म हो गया।