दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता सतीश शाह का 74 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। सतीश के निजी सहायक रह चुके रमेश कडातला के मुताबिक शाह का शनिवार दोपहर बांद्रा पूर्व स्थित उनके आवास पर निधन हुआ है। उन्होंने आगे बताया कि मौत की असल वजह क्या है? इसका खुलासा डॉक्टरों की अंतिम रिपोर्ट में होगा, लेकिन अभी ऐसा लग रहा है कि दिल का दौरा पड़ने से उनकी जान गई है। बता दें कि रमेश पिछले 30 वर्षों से अधिक समय तक सतीश के निजी सहायक रहे हैं।


सतीश शाह के मैनेजर के मुताबिक अभी शव अस्पताल में है। रविवार को उनका अंतिम संस्कार होगा। कुछ दिनों पहले ही सतीश ने किडनी ट्रांसप्लांट कराया था। उन्होंने चार दशक तक फिल्म और टेलीविजन की दुनिया में काम किया। 'हम साथ-साथ हैं', 'मैं हूं ना', 'कल हो ना हो', 'कभी हां कभी ना', 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'ओम शांति ओम' और 'जाने भी दो यारो' जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय से अपनी अलग पहचान स्थापित की। उन्होंने 'साराभाई वर्सेस साराभाई' में इंद्रवदन साराभाई का रोल निभाया था।

 

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फिल्म भगवान परशुराम से शुरू हुआ फिल्मी करियर

1970 में सतीश को फिल्म भगवान परशुराम में एक छोटा सा रोल मिला था। यही से उनके अभिनय करियर की शुरुआत हुई। उनका जन्म साल 1951 में एक गुजराती परिवार में हुआ। साल 1984 में कुंदन शाह और मंजुल सिन्हा के सिटकॉम 'ये जो है जिंदगी' ने सतीश शाह को घर-घर तक पहुंचा दिया। साल 2004 से 2006 तक चलने वाले सिटकॉम साराभाई वर्सेस साराभाई में सतीश के इंद्रवदन साराभाई की भूमिका आज भी लोगों को याद है। उससे पहले वह 'फिल्मी चक्कर' और 'घर जमाई' में भी काम कर चुके थे।

 

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कई हिट फिल्मों में किया काम

दर्शकों को 'उमराव जान' और 'अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है' में भी सतीश की झलक दिखी। उनकी शानदारी कॉमेडी को आज भी लोग याद करते हैं। 90 के दशक में सतीश शाह ने 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'हम आपके हैं कौन', हीरो नंबर-1, 'मैं हूं ना' और 'फना' जैसी हिट फिल्मों में बेहतरीन अभिनय से सबका ध्यान खींचा। साल 2014 में आई फिल्म 'हमशकल्स' उनकी आखिरी फिल्म थी।