दुनियाभर में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी Oracle के CEO लैरी एलिसन ने AI की मदद से 48 घंटे में कैंसर की वैक्सीन बन जाने का दावा किया है। एलिसन ने कहा कि कैंसर डिटेक्ट होने के 48 घंटे के भीतर ही AI की मदद से इसकी वैक्सीन बनाई जा सकेगी।
एलिसन ने कहा, 'AI की मदद से हम कैंसर को जल्दी डिटेक्ट कर सकते हैं। इसके लिए ब्लड टेस्ट करना होगा और जब एक बार जीनोम सिक्वेंसिंग हो जाएगी तो कैंसर पीड़ित को वैक्सीनेट किया जा सकेगा। हर व्यक्ति के लिए कैंसर की वैक्सीन तैयार कर सकते हैं।'
उन्होंने कहा, 'आप AI का उपयोग करके 48 घंटे में mRNA वैक्सीन तैयार कर सकते हैं। तो जरा कल्पना कीजिए कि कैंसर को जल्दी डिटेक्ट कर लिया जाए और उसके लिए 48 घंटे में वैक्सीन भी मिल जाए तो क्या होगा।'
कैंसर वैक्सीन पर पहले भी हो चुके हैं दावे
इससे पहले पिछले महीने ही रूस ने कैंसर की वैक्सीन बनाने का दावा किया था। रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया था कि उसने रूस की वैक्सीन बना ली है और 2025 से इसे फ्री में लगाया जाएगा।
सिर्फ रूस ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देश कैंसर की वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। पिछले साल मई में फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कैंसर के 4 मरीजों पर पर्सनलाइज्ड वैक्सीन का ट्रायल किया था। ट्रायल के बाद वैज्ञानिकों का दावा था कि वैक्सीन लगने के 2 दिन बाद ही मरीजों में कैंसर के खिलाफ जबरदस्त इम्युनिटी पाई गई थी।
कैंसर की वैक्सीन कितनी बड़ी चुनौती?
कैंसर की वैक्सीन बनाना पहाड़ तोड़ने से भी ज्यादा मुश्किल है। वो इसलिए क्योंकि दुनियाभर में 200 तरह के कैंसर हैं। ऐसे में एक कोई वैक्सीन सभी तरह के कैंसर पर असरदार नहीं हो सकती। इसलिए अलग-अलग कैंसर के लिए अलग-अलग वैक्सीन की जरूरत होगी। इसलिए दुनियाभर के वैज्ञानिक mRNA वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। इस तरह की वैक्सीन में मरीज के ट्यूमर में मौजूद RNA का इस्तेमाल किया जाता है।
कितनी जरूरी है वैक्सीन?
कैंसर की वैक्सीन इसलिए जरूरी है, क्योंकि एक बार इसकी चपेट में आने पर बच पाना मुश्किल हो जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनिया में होने वाली हर 6 में से 1 मौत का कारण कैंसर होता है।
WHO के मुताबिक, 2022 में दुनियाभर में कैंसर के 2 करोड़ से ज्यादा नए मामले सामने आए थे। जबकि 97 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इतना ही नहीं, दुनियामें 5.35 करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जो 5 साल से कैंसर से जूझ रहे हैं। हर 5 में से 1 शख्स को जीवन में कभी न कभी कैंसर होता है। कैंसर से महिलाओं की तुलना में पुरुषों की मौत ज्यादा होती है। हर 9 में से 1 पुरुष और हर 12 में से 1 महिला की मौत कैंसर से हो जाती है।
दुनिया में सबसे ज्यादा आम लंग कैंसर है। 2022 में लंग कैंसर के 25 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे। वहीं, महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के 23 लाख मामले सामने आए थे।
भारत में भी कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। WHO का डेटा बताता है कि 2022 में भारत में कैंसर के 14 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए थे। जबकि 9.16 लाख लोगों की मौत हो गई थी। सबसे ज्यादा मौतें ब्रेस्ट कैंसर की वजह से हुई थी। ब्रेस्ट कैंसर से 98,337 मौतों हुई थीं। ओरल कैंसर से 79,979 तो सर्विकल कैंसर से 79,906 और लंग कैंसर से 75,031 लोगों की मौत हो गई थी।
25 साल में 1.5 करोड़ बढ़ जाएंगे नए मामले
कैंसर के मामले साल दर साल बढ़ते ही जा रहे हैं। WHO का अनुमान है कि 2050 में कैंसर 3.53 करोड़ से ज्यादा नए मामले सामने आ सकते हैं, जबकि 1.85 करोड़ लोगों की मौत हो सकती है। भारत को लेकर WHO का कहना है कि 2025 में 27 लाख नए मामले सामने आ सकते हैं। 2050 में 18 लाख से ज्यादा मौतें भी हो सकती हैं।
अभी क्या है कैंसर का इलाज?
जितनी जल्दी कैंसर का पता चलता है, सर्वाइवल रेट उतना ही ज्यादा होता है। अगर कैंसर का इलाज समय रहते शुरू कर दिया जाए तो इससे बचने की संभावना बढ़ जाती है।
हर कैंसर का इलाज अलग होता है। इसमें सर्जरी, रेडियोथैरेपी और कीमोथैरेपी शामिल है। जब कोई कैंसर की चपेट में आता है तो उसे तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, हड्डियों में दर्द और वजन कम होने की शिकायत हो सकती है। सही समय पर इलाज शुरू कर देने से न सिर्फ सर्वाइवल रेट बढ़ जाता है, बल्कि खर्च भी कम होता है और थैरेपी में दर्द भी कम होता है।