एशियाई देशों में कोरोना के मामले फिर से बढ़ते हुए नगर आ रहे हैं। जहां एक तरफ देश में कोविड-19 वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 250 से अधिक पहुंच चुकी है, वहीं दूसरी ओर सिंगापुर, हॉन्ग कॉन्ग और थाइलैंड में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी देखी गई है। इसी बीच WHO- विश्व स्वास्थ्य संगठन कोविड के ओमिक्रॉन वेरिएंट के JN.1 म्युटेशन को लेकर कई देशों को हिदायत दी है कि वह उचित कदम उठाए और टीकाकरण पर जोर दें।
WHO ने बताए हैं ये फैक्ट्स?
दावा किया जाता है कि बार-बार सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने से एंटी-बायोटिक पैदा कर देता है। हालांकि यह पूरी तरह सच नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार, अल्कोहल-आधारित सैनिटाइजर एंटीबायोटिक प्रतिरोध पैदा नहीं करता है।
लोगों को लगता है कि बार-बार हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने से त्वचा को नुकसान हो सकता है या शरीर में अल्कोहल प्रवेश कर जाएगा। जबकि सच यह है कि अधिकतर अल्कोहल त्वचा के अंदर नहीं जाता और इससे कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं होती। अच्छे सैनिटाइजर में त्वचा को नमी देने वाले तत्व भी होते हैं। कुछ लोगों में हल्की एलर्जी या बालों का रंग उड़ना जैसे साइड-इफेक्ट देखाई दे सकते हैं।
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कुछ धर्मों में शराब प्रतिबंधित होती है लेकिन स्वास्थ्य के लिए बनाई गई औषधीय चीजें, जैसे कि सैनिटाइजर, की अनुमति दी गई है।
कई लोग सोचते हैं कि दस्ताने पहनने से संक्रमण नहीं होगा लेकिन यह सही नहीं है। दस्तानों से एक सतह से दूसरी सतह तक कीटाणु फैल सकते हैं और निकालते समय हाथ भी संक्रमित हो सकते हैं। सबसे बेहतर उपाय बार-बार हाथ धोना या सैनिटाइजर का उपयोग करना है।
अगर आप किसी सार्वजनिक जगह पर रखे सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं, तो हाथों में मौजूद वायरस खत्म हो जाते हैं। इसलिए इससे संक्रमण का खतरा नहीं होता, बल्कि इससे संक्रमण का फैलाव रुकता है।
विटामिन C, D और जिंक जैसी चीजें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती हैं लेकिन वे कोविड-19 का इलाज नहीं हैं। इनका सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, पर इन्हें इलाज समझना गलत है।
कोविड-19 पानी से नहीं फैलता लेकिन यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के पास हैं, तो संक्रमण हो सकता है। इसलिए स्विमिंग पूल में भी सामाजिक दूरी, मास्क और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
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कुछ लोगों को लगता है कि ज्यादा देर मास्क पहनने से ऑक्सीजन की कमी या CO₂ ज्यादा हो जाती है लेकिन यह गलत है। अगर मास्क सही तरीके से पहना जाए तो कोई नुकसान नहीं होता।
शराब पीने से शरीर की प्रतिरक्षा कमजोर होती है और यह कोविड से नहीं बचाता, बल्कि दूसरी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है।
अगर किसी को लगता है कि मेथनॉल, एथनॉल या ब्लीच पीने से वायरस मर जाते हैं तो बता दें कि यह जानलेवा है। ये सभी केमिकल साफ-सफाई के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं लेकिन इन्हें पीने से गंभीर नुकसान या मौत भी हो सकती है।