आप और हमारे जैसे कई ऐसे लोग है, जो चश्मा लगाने में हिचकिचाहट महसूस करते है। साथ ही इसे लगाने से निजात पाना चाहते हैं। अगर आपको भी चश्मा नहीं लगाने की अपनी चाहत पूरी करनी है तो आप महज 30 मिनट की एक सर्जरी से छुटकारा पा सकते है। तो आइये जान लेते है कि आखिर 30 मिनट की यह सर्जरी कैसे होती है और इसमें कितना खर्चा आता है।

 

क्या और कैसे होती है लेसिक सर्जरी?

डॉक्टर की सलाह के अनुसार, लोग लेसिक सर्जरी का सहारा लेते हैं। यह एक लेजर प्रक्रिया होती है, जो महज 30 मिनट में हो जाती है। इससे आखों की दृष्टि में सुधार होता है। लेसिक सर्जरी के माध्यम से आंख के कॉर्निया को आकार दिया जाता है, जिससे आंखों पर पड़ने वाली रोशनी सही तरीके से केंद्रित हो सके। इस सर्जरी के बाद आंखों पर लगा चश्मा या लेंस हमेशा के लिए उतर जाता है।

 

कितना आता है खर्चा?

भारत में लेसिक सर्जरी की कीमत सर्जरी के टाइप पर निर्भर करती है। साथ ही भारत के अलग-अलग शहरों में लेजर सर्जरी की कीमत भी अलग है। आमतौर पर, दोनों आंखों के लिए लेसिक सर्जरी की कीमत 30 हजार से 80 हजार के बीच होती है। वहीं, कुछ मामलों में कीमत 1.5 लाख रुपये तक भी हो सकती है।

 

क्या लेसिक सर्जरी कराने के बाद आती है परेशानी?

आमतौर पर लेसिक सर्जरी कराने के बाद कई परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं, जैसे आंखों में सूखापन, हल्का दर्द या आंखों के सफेद हिस्से पर छोटे-छोटे लाल धब्बे पड़ जाना। हालांकि, लेसिक सर्जरी के बाद आंखों में लाल धब्बे का आना सामान्य है। यह समस्या ज्यादातर लोगों में हल्की रहती है और इससे कोई नुकसान भी नहीं होता है। यह अपने समय के साथ पूरी तरह से ठीक हो जाता है।

 

क्या है लेसिक सर्जरी के फायदे?

आंखों की रोशनी बेहतर रूप से काम करने लगती है।

इस सर्जरी में दर्द कम होता है।

सर्जरी के बाद आंखों की रोशनी एक या दो दिन में बेहतर हो जाती है।

लेजर सर्जरी पूरी तरह से सुरक्षित है।

 

किन बातों का रखें ख्याल?

सर्जरी से 1 हफ्ते पहले लेंस न पहनें।

सर्जरी के 2 हफ्तों तक पानी से खुद को बचा कर रखें।

सर्जरी के बाद 2 हफ्तों तक धूल, धूप या धुंए से खुद को दूर रखें।