ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर के बोंडी बीच में सामूहिक गोलीबारी की घटना में 12 लोगों की जान गई है। पुलिस ने एक हमलावर को भी मार गिराया है। दूसरा हमलावर गंभीर रूप से घायल है। सिडनी का बोंडी बीच पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है। यहां अक्सर पर्यटकों का तांता लगा रहता है। शायद इसी वजह से हमलावरों ने बोंडी बीच को निशाना बनाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दो पुलिस कर्मी समेत 11 लोग घायल हैं। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज गोलीबारी की घटना पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बोंडी बीच के भयावह दृश्य को चौंकाने और विचलित करने वाला बताया। अभी तक यह नहीं पता चला कि गोलीबारी की घटना को क्यों अंजाम दिया गया है?
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने घटनास्थल के आसपास का पूरा इलाका सील कर दिया गया है। संदिग्धों की तलाश की जा रही है। बीच के आसपास स्थित घरों में छापेमारी जारी है। बीच की तरफ जाने वाली सड़कों पर पुलिस की भारी तैनाती की गई। लोगों से वापस घर जाने और बीच न जाने की अपील की गई है। चारों तरफ पुलिस का सख्त पहरा है।
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस का कहना है कि हमले को दो लोगों ने अंजाम दिया है। इनमें से एक आरोपी मारा गया है और दूसरा घायल है। चिली के रहने वाले 25 वर्षीय पर्यटक कैमिलो डियाज ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि 10 मिनट तक सिर्फ धमाकों की आवाज आई। यह एक बेहत ताकतवर हथियार लग रहा था।
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यह यहूदियों पर हमला: इजरायली राष्ट्रपति
सिडनी में हुई गोलीबारी की घटना पर इजरायल से तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इजरायल के राष्ट्रपति इसाक हर्जोग का कहना है कि यह हमला यहूदियों पर हुआ है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया की तरफ से ऐसी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई।
दरअसल, एक स्थानीय न्यूज चैनल से बातचीत में ऑस्ट्रेलियन ज्यूइश एसोसिएशन ने दावा किया कि एक पब्लिक हनुक्का इवेंट में यह गोलीबारी की गई है। इसके बाद इजरायली राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने कहा कि सिडनी में हमारे भाइयों और बहनों पर आतंकवादियों ने हमला किया है। यह उन यहूदियों पर बहुत क्रूर हमला है, जो बोंडी बीच पर हनुक्का की पहली मोमबत्ती जलाने पहुंचे थे।
इजरायल में गुस्सा, निशाने पर ऑस्ट्रेलियाई सरकार
ऑस्ट्रेलिया के यहूदी संघ ने एंथनी अल्बनीज सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। संघ का कहना है कि हमले के बारे में पहले ही आगाह किया गया था। यह हमला पूर्वानुमानित है। चेतावनी देने के बावजूद अल्बनीज सरकार यहूदी समुदाय को पर्याप्त सुरक्षा देने में विफल रही। उधर, ऑस्ट्रेलिया में इजरायल के राजदूत अमीर मैमन ने ने कहा कि सिडनी में हुई गोलीबारी में मरने वालों की संख्या रिपोर्ट की गई संख्या से अधिक है। मैं इस सामूहिक नरसंहार से स्तब्ध हूं। यहूदी समुदाय को मिल रही धमकियों के सामने ऑस्ट्रेलियाई सरकार की बेबसी से भी स्तब्ध हूं।
फिलीस्तीन को मान्यता देने से हुई गोलीबारी: इजरायली मंत्री
उधर, इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन गिवीर ने आरोप लगाया कि सिडनी में हुई सामूहिक गोलीबारी की घटना ऑस्ट्रेलियाई के फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने के कारण हुई है। उन्होंने सख्त शब्दों में कहा, यहूदी विरोधी आतंकवाद की कोई सीमा नहीं है। मगर मारे गए लोगों का खून ऑस्ट्रेलियाई सरकार के हाथों में लगा है। इस सरकार ने 'फिलिस्तीनी' राज्य को मान्यता देने की घोषणा की और यहूदियों के खिलाफ आतंकवाद को वैधता प्रदान की।'
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ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने आंख मूंद रखी: नफ्ताली बेनेट
इजरायली में ऑस्ट्रेलियाई सरकार के खिलाफ गुस्सा चरम पर है। इजरायली अधिकारी ऑस्ट्रेलिया को दोषी मानते हैं। इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सा'आर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया को यहूदियों पर संभावित हमलों की जानकारी पहले दी गई थी। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में हनुक्का उत्सव में गोलीबारी से मैं स्तब्ध हूं।
इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में यहूदी-विरोधी भावना पर विफल और कमजोर नेतृत्व के कारण बोंडी में यह घटना हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि हालात साफ थे और सरकार ने इस पर आंखें मूंद रखी थीं। ऑस्ट्रेलियाई सरकार यहूदी समुदायों की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई करे और यहूदी-विरोधी भावना से गंभीरतापूर्वक निपटे।
इमाम काउंसिल ने घटना की निंदा की
ऑस्ट्रेलियन नेशनल इमाम काउंसिल ने गोलीबारी की घटना की निंदा की। अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा, 'हमारे दिल, विचार और प्रार्थनाएं पीड़ितों, उनके परिवारों और उन सभी लोगों के साथ हैं, जिन्होंने इस बेहद दर्दनाक हमले को देखा या इससे प्रभावित हुए हैं। यह ऑस्ट्रेलियाई मुस्लिम समुदाय समेत सभी ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए एकता, करुणा और एकजुटता के साथ खड़े होने का पल है।'
