अमेरिका में इस समय एच-1 वीजा को लेकर नहीं बल्कि ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (OPT) प्रोग्राम को लेकर विवाद छिड़ गया हैं। अमेरिकी इस प्रोग्राम को लेकर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। दरअसल, ओपीटी एक ऐसा प्रोग्राम है जिसकी मदद से अंतरराष्ट्रीय छात्र अस्थायी तौर पर अमेरिका में रहकर काम कर सकते हैं।

 

ऐसे में अमेरिकी टेक वर्कर्स ओपीटी प्रोग्राम के खिलाफ खुलकर लिख रहे हैं और इस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। बता दें कि अमेरिका आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बीच यह प्रोग्राम काफी लोकप्रिय है और इसे पाने वालों में सबसे ज्यादा संख्या भारतीयों की है। 

क्या यह प्रोग्राम अमेरिकी युवाओं की नौकरियां खत्म कर रहा? 

अमेरिकी टेक वर्कर्स का कहना है कि ओपीटी, एच-1 वीजा से भी ज्यादा खराब है। इससे अमेरिकी युवाओं की नौकरियां खत्म हो रही है। ओपीटी के तहत काम करने वाले छात्रों को सैलरी में टैक्स छूट भी दी जा रही जिसको लेकर अमेरिकियों ने सवाल उठाए है। भारत में अमेरिकी दूतावास के मुताबिक, वर्ष 2023-24 में 3.31 लाख भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ने के लिए आए जिसमें से 29.42 प्रतिशत छात्रों को ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत चुना गया है। 

क्या है ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग?

उच्च शिक्षा के लिए हर साल दुनियाभर से हजारों की संख्या में छात्र अमेरिका जाते हैं। ऐसे में ओपीटी ऐसा प्रोग्राम है जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को पढ़ाई के बाद एक सीमित समय के लिए काम सीखने का मौका देता है। इस प्रोग्राम के जरिए छात्रों को एक सीमित समय के लिए रोजगार का अवसर प्रदान होता है। इस प्रोग्राम की मदद से छात्र एक साल तक अमेरिका में काम कर सकते हैं। ओपीटी के लिए वही छात्र आवेदन कर सकते हैं जिनके पास स्टडी वीजा है। इस प्रोग्राम के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ाई के बाद आवेदन कर सकते हैं। ओपीटी के जरिए अतंरराष्ट्रीय छात्र अपने पढ़ाई से संबंधित सेक्टर में काम कर सकता है। 

दो तरह के होते है ओपीटी

बता दें कि ओपीटी दो तरह का होता है। एक प्री-कम्पीलशन और दूसरा पोस्ट-कम्पीलशन। प्री- कम्पीलशन में छात्र पढ़ाई के दौरान इस प्रोग्राम में अप्लाई कर सकता है। वहीं, पढ़ाई पूरी होने के बाद छात्र पोस्ट कम्पीलशन ओपीटी के लिए अप्लाई कर सकते हैं। ऐसा करने से छात्र एक साल बिना स्टडी वीजा के अमेरिका में रहकर काम कर सकते हैं। 

ओपीटी खत्म हुआ तो क्या होगा?

बता दें कि ओपीटी वाले छात्रों को एच-1 बी वीजा मिलना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि नौकरी देने वाली कंपनी ऐसे शख्स को रखना नहीं चाहेगी जिसके पास सालभर काम करने का ही वीजा हो। वहीं, एच-1बी वीजा की संख्या बहुत सीमित है। अगर ओपीटी खत्म हो गया तो स्टडी वीजा पर आए छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने देश लौटना होगा। छात्र अमेरिका में काम नहीं कर सकते। या तो छात्रों को किसी यूनिवर्सिटी में दोबारा दाखिला लेना पड़ेगा या वापस अपने देश लौटना पड़ेगा। 

ट्रंप की सत्ता में एंट्री से क्यों डर रहे अतंरराष्ट्रीय छात्र?

वैसे तो यह बात किसी से नहीं छिपी की ट्रंप ने बार-बार इस बात को दोहराया हैं कि अमेरिकी नौकरियों पर पहला अधिकार अमेरिका के लोगों का है। अगर ओपीटी के तहत मिलने वाले वीजा को लेकर नियम कड़े हुए तो हजारों की संख्या में बच्चों को अपने देश वापस लौटना पड़ेगा।