दो दिनों तक भीषण आगजनी, हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ के बाद नेपाल की सेना ने शांति व्यवस्था कायम करने की अपील की है। हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों नेताओं के घर जला दिए गए हैं। अब सेना ने कहा है कि बुधवार शाम 5 बजे से गुरुवार सुबह 6 बजे तक के लिए कर्फ्यू लगाया जा रहा है। बुधवार को दिन में भी सेना ने सड़क पर पहरा दिया, जिसके चलते नेपाल की राजधानी काठमांडू की सड़कों पर कमोबेश शांति देखी गई। नेपाल के प्रधानमंत्री रहे के पी शर्मा ओली इस्तीफा दे चुके हैं। फिलहाल, यह नहीं पता है कि वह देश में ही हैं या किसी और देश के लिए रवाना हो चुके हैं।
देशभर में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद मंगलवार रात से सुरक्षा अभियानों की कमान संभालने वाली सेना ने कहा है कि प्रतिबंधात्मक आदेश बुधवार शाम 5 बजे तक प्रभावी रहेंगे और उसके बाद गुरुवार सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा। सेना ने लोगों को घर पर ही रहने का आदेश दिया जिससे नेपाल की राजधानी काठमांडू में सन्नाटा पसरा रहा। इससे एक दिन पहले प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, सुप्रीम कोर्ट, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी थी।
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सेना ने दी चेतावनी
सेना ने कहा कि प्रदर्शन की आड़ में लूटपाट, आगजनी और अन्य विनाशकारी गतिविधियों की संभावित घटनाओं को रोकने के लिए ये कदम जरूरी हैं। सेना ने चेतावनी दी कि प्रतिबंधात्मक अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी या व्यक्तियों और संपत्ति पर हमले को आपराधिक कृत्य माना जाएगा और उचित तरीके से उससे निपटा जाएगा। बयान में कहा गया है, 'बलात्कार और हिंसक हमलों का भी खतरा है। देश की सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, प्रतिबंधात्मक आदेश और कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।'
बयान में साफ किया गया है कि एम्बुलेंस, दमकल, हेल्थ वर्कर्स और सुरक्षा बलों सहित आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों और कर्मियों को प्रतिबंधात्मक आदेशों और कर्फ्यू के दौरान काम करने की अनुमति होगी। सेना ने एक बयान में कुछ समूहों की कार्रवाइयों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि जो कठिन परिस्थितियों का गलत फायदा उठा रहे हैं और आम नागरिकों के साथ-साथ सार्वजनिक संपत्ति को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं, वह ठीक नहीं है। नेपाल सेना मुख्यालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने लूटपाट और तोड़फोड़ सहित किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अपने सैनिकों को तैनात किया है।’
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सेना ने अनुरोध किया है कि मौजूदा स्थिति के कारण फंसे विदेशी नागरिक बचाव या किसी अन्य सहायता के लिए निकटतम सुरक्षा चौकी या कर्मियों से संपर्क करें। सेना ने होटलों, पर्यटन क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों और संबंधित एजेंसियों से भी अनुरोध किया है कि वे जरूरतमंद विदेशी नागरिकों की मदद करें। उन्होंने बताया कि स्थानीय निवासियों को आदेश जारी किए गए हैं कि वे बेहद जरूरी होने पर ही घर से निकलें ताकि आगे अशांति को रोका जा सके।
अब कैसा है नेपाल का हाल?
बता दें कि सुबह से ही काठमांडू की चहल-पहल वाली सड़कें वीरान दिखीं। कुछ ही लोग घरों से बाहर निकले और वह भी रोजमर्रा की जरूरत की चीजें खरीदने के लिए। सड़कों पर सुरक्षाकर्मियों की कड़ी गश्त है और मंगलवार को प्रदर्शनकारियों की ओर से जलाई गईं सरकारी और निजी इमारतों में लगा दी गई आग को बुझाने के लिए दमकल की गाड़ियां देखी गईं। सेना ने लोगों से छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान लूटी गई या मिली बंदूकें, हथियार और गोलियां नज़दीकी पुलिस चौकी या सुरक्षाकर्मियों को लौटाने का भी आग्रह किया है।
सेना ने एक अन्य बयान में कहा, 'लूटे गए हथियारों के दुरुपयोग की आशंका है, इसलिए कृपया अधिकारियों को सूचित करें और उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षा एजेंसियों को लौटा दें।’ सेना ने चेतावनी जारी की है कि अगर किसी के भी पास ऐसे हथियार या गोला-बारूद बरामद किए गए तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सेना ने नागरिकों से इस संवेदनशील अवधि में सेना की वर्दी न पहनने की भी अपील की, क्योंकि ऐसा करना गैरकानूनी है।
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बुधवार शाम से खुलेगा एयरपोर्ट
त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (टीआईए) ने बुधवार शाम 6 बजे से उड़ान सेवाएं बहाल करने की घोषणा की है। टीआईए ने सरकार के खिलाफ जारी हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर मंगलवार को सभी विमानों का परिचालन रोक दिया था। यह घोषणा टीआईए अधिकारियों के उस बयान के कुछ घंटे बाद की गई है, जिसमें कहा गया था कि नेपाल में बड़े पैमाने पर हिंसक विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर हवाई अड्डा अगली सूचना तक बंद रहेगा। इस घोषणा से सैकड़ों विदेशी नागरिक काठमांडू में फंस गए थे। बुधवार शाम जारी नोटिस में टीआईए प्रबंधन ने यात्रियों से कहा कि वे अपनी उड़ानों की फिर से पुष्टि के लिए संबंधित विमानन कंपनियों से संपर्क करें।
इस नोटिस के मुताबिक, 9 सितंबर से निलंबित सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को परिचालन की अनुमति दे दी गई है। समाचार पत्र ‘द हिमालयन टाइम्स’ की खबर के अनुसार, 'यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे उड़ान कार्यक्रम, टिकट की स्थिति और सामान संबंधी व्यवस्था की जानकारी के लिए संबंधित विमानन कंपनी से संपर्क करें।' बता दें कि मंगलवार को प्रदर्शनकारियों के टीआईए परिसर में घुसने की कोशिश करने के बाद हवाई अड्डे पर सभी उड़ान सेवाएं आंशिक रूप से स्थगित कर दी गई थीं।
27 गिरफ्तार, 31 हथियार बरामद
इस बीच अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने काठमांडू के विभिन्न हिस्सों से लूटपाट, आगजनी और तोड़फोड़ में शामिल 27 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस अभियान के दौरान काठमांडू के चाबाहिल, बौद्ध और गौशाला इलाकों में व्यक्तियों के पास से 3.37 लाख रुपये नकद, 31 हथियार, मैगजीन और गोलियां बरामद की गईं। सेना ने जनता से शांति बहाल करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग करने की अपील की है।
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने नेपाल के घटनाक्रम पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि वह स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और लोगों की जान जाने से उन्हें गहरा दुख हुआ है। उन्होंने मौतों की गहन एवं स्वतंत्र जांच का आह्वान किया और अधिकारियों से मानवाधिकार कानून का पालन करने, संयम बरतने और वार्ता को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है।
दरअसल, भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को ‘जेन-जी’ की ओर से किए गए प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 25 लोगों की मौत के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के पी ओली के इस्तीफे की मांग को लेकर उनके कार्यालय में घुस गए थे। ओली ने इसके तुरंत बाद मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध सोमवार रात हटा लिया गया था। हालांकि, ओली के इस्तीफे के बाद भी प्रदर्शन जारी रहा।
