यमन के हूती विद्रोही समूह ने कहा है कि उनके प्रधानमंत्री अहमद घालेब नसर अल-रहावी की इस हफ्ते इजरायली हवाई हमले में मौत हो गई। ईरान समर्थित इस समूह ने बताया कि गुरुवार को इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने यमन की राजधानी सना में हमला किया, जिसमें कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मारे गए। अब फिर इजरायल के इस हमले के बाद जंग के भड़कने के आसार लगाए जा रहे हैं।
इजरायली सेना ने कहा कि इजरायली लड़ाकू विमानों ने सना में एक जनसभा को निशाना बनाया, जिसमें अहमद घालेब नासर अल-रहावी और अन्य हूती अधिकारियों को मार गिराया गया। इजरायल ने जहां हमला किया है, उस इलाके पर 2014 से ही हूतियों का कब्जा है। हूती, इजरायल के लिए लगातार चुनौती बने हुए हैं।
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हूतियों के लिए कितना बड़ा झटका?
हूती विद्रोहियों के लिए यह बड़ा झटका है। रहावी, उनके लिए इजरायल के खिलाफ रणनीति तैयार करते थे। जब-जब हमास के हमले तेज होते हैं, हूती विद्रोही इजरायल को दूसरे मोर्च पर जंग में उलझाते हैं। इस रणनीति को तैयार करने में अहमद घालेब नासर अल-रहावीर का बड़ा हाथ होता था। अब वह मारे जा चुके हैं।

हूतियों के कई नेता मारे गए
हूतियों ने कहा कि अहमद घालेब नसर अल-रहावी के साथ कई हूती मंत्री भी मारे गए। उनके नाम अभी तक हूती ने सार्वजनिक नहीं किए हैं। सऊदी अरब की न्यूज साइट अल-हदथ के अनुसार, हूतियों के विदेश मंत्री, न्याय मंत्री, युवा और खेल मंत्री, सामाजिक मामलों और श्रम मंत्री भी मारे गए।
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हूती विद्रोहियो के नए पीएम होंगे मुहम्मद अहमद मिफ्ताह
हूतियों के राष्ट्रपति महदी अल-मशात के कार्यालय ने बताया कि कई अन्य मंत्री इस हमले में जख्मी हुए हैं। उन्होंने कहा कि हूती उप-प्रधानमंत्री मुहम्मद अहमद मिफ्ताह, अब रहावी की जगह लेंगे। रहावी अगस्त 2024 से इस पद पर थे और उन्हें हूती आंदोलन का प्रतीक माना जाता था।
कौन थे अहमद अल-रहावी?
अहमद अल-रहावी, यमन की हूती-नियंत्रित सरकार के प्रधानमंत्री थे। वह यमन के अबयान प्रांत के रहने वाले थे। उनके पिता भी हूती राजनीति में सक्रिय थे। साल 1970 में उनकी हत्या हो गई थी। रहावी खानफर, अल-महवित और अबयान जैसे प्रांतों में अलग-अलग भूमिकाएं निभाईं थीं। 2019 में हूती सुप्रीम पॉलिटिकल काउंसिल में नियुक्त हुए थे। 2024 में प्रधानमंत्री बने। अब इस जंग के और तेज होने के आसार हैं।
बाल-बाल बचे हूतियों के सर्वोच्च नेता
हूतियों के सर्वोच्च नेता अब्दुल-मलिक अल-हूती, रक्षा मंत्री और चीफ ऑफ स्टाफ इस हमले में बच गए हैं। IDF ने शनिवार देर रात एक बयान में कहा कि हमला कुछ घंटों के भीतर हुआ, जैसे ही सटीक जानकारी मिले, सेना ने हमला बोल दिया। अभी इस हमले में और कितना नुकसान हुआ है, इसका आंकलन किया जा रहा है।
लाल सागर को लाल कर रहे हैं हूती
इजरायल और हमास के बीच गाजा में जंग शुरू होने के बाद से ही हूतियों ने नियमित रूप से इजरायल पर मिसाइलें दागीं है। हूती लाल सागर और अदन की खाड़ी में व्यावसायिक जहाजों को निशाना बनाते हैं। हूती, आजाद फिलिस्तीन चाहते हैं और इजरायल को अपना दुश्मन मानते हैं। इजरायल ने हूती-नियंत्रित यमन के हिस्सों में हवाई हमले किए हैं, जिससे हूती हमले रोके जा सकें।
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इजरायल की मुश्किलें बढ़ाते हैं हूती
हूतियों ने 2014 से उत्तर-पश्चिमी यमन के बड़े हिस्से पर कब्जा किया है। यहां हूतियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को सना से बेदखल कर दिया है। तब से ही यमन में विनाशकारी गृह युद्ध शुरू हुआ है, जो अब तक नहीं खत्म हो सका है। यमन, इसी वजह से इजरायल के निशाने पर रहता है। ईरान समर्थित विद्रोही, इजरायल के लिए मुश्किलें पैदा करते हैं।
हूती और इजरायल की दुश्मनी क्यों है?
हूती यमन का एक शिया विद्रोही गुट है। हूतियों का असली नाम अंसार अल्लाह है। यह समूह जायदी शिया मुस्लिमों से जुड़ा है। 2004 से ही हूतियों ने यमन सरकार के खिलाफ विद्रोह छेड़ा है। हूतियों की सबसे बड़ी ताकत ईरान है। इजरायल से उनकी दुश्मनी ईरान-इजरायल संघर्ष की वजह से है। हूती मानते हैं कि इजरायल पश्चिमी साम्राज्यवाद फैला रहा है, फिलिस्तीन में आम मुसलमानों का उत्पीड़न कर रहा है। हूती चाहते हैं कि इजरायल गाजा छोड़कर चला जाए।