अमेरिका ने सोमवार को घोषणा की कि अब सभी H-1B और H-4 वीजा आवेदकों की ऑनलाइन प्रोफाइल (सोशल मीडिया) की जांच की जाएगी। यह नियम पूरी दुनिया के सभी देशों के लोगों पर लागू होगा। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, 'यह जांच H-1B प्रोग्राम के दुरुपयोग को रोकने के लिए की जा रही है, लेकिन साथ ही अमेरिकी कंपनियों को सबसे अच्छे विदेशी टैलेंट को हायर करने की अनुमति भी रहेगी।'
अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावास H-1B और H-4 वीजा के आवेदन लेते और प्रोसेस करते रहेंगे। लेकिन आवेदकों से कहा गया है कि वे जितनी जल्दी हो सके आवेदन करें, क्योंकि इन वीजाओं की प्रक्रिया में अब ज्यादा समय लग सकता है।
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वीजा पर बढ़ी सख्ती
ट्रंप प्रशासन के समय से ही H-1B, F-1 और J-1 जैसे नॉन-इमिग्रेंट वीजा पर बहुत सख्ती बढ़ गई है। कई वीजा धारक अपने दस्तावेज़ रिन्यू करवाने भारत या दूसरे देश गए थे लेकिन वहां कान्सुलेट ने अचानक उनके इंटरव्यू कैंसल कर दिए। नए इंटरव्यू की तारीखें कई महीनों बाद दी गईं।
भारत में फंस गए सैकडों लोग
दिसंबर में सैकड़ों भारतीय H-1B वीजा धारक भारत में ही अटक गए, क्योंकि उनके अपॉइंटमेंट कैंसल हो गए और नई तारीखें देर की मिलीं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह सब अमेरिका की नई वीजा जांच नीति की वजह से हुआ है, जिसमें अब आवेदकों के सोशल मीडिया अकाउंट की गहराई से जांच की जा रही है। अमेरिका का कहना है कि इस ऑनलाइन जांच से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले लोगों को रोका जा सकेगा।
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ट्रंप प्रशासन ने बढ़ाई है सख्ती
ट्रंप प्रशासन ने प्रवासियों पर सख्ती बढ़ाई है, जिससे H-1B प्रोग्राम पर बुरा असर पड़ा है। यह प्रोग्राम पहले अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण था, जिसमें कुशल लोग काम कर सकते थे। भारत के लोग इस वीजा के 70% से ज्यादा हिस्से का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ट्रंप और उनके समर्थकों ने इस प्रोग्राम के खिलाफ आवाज़ उठाई है।
