शरणार्थी संकट, पूरी दुनिया के लिए एक उभरती समस्या है। कुछ लोग वैध तरीके से किसी देश में शरण लेते हैं, कुछ भागकर आते हैं। हिंदुस्तान से लेकर अमेरिका तक, 'घुसपैठ' एक बड़ी समस्या है। अमेरिका में घुसने का डंकी रूट, आए दिन सुर्खियों में रहता है। संयुक्त राष्ट्र संघ से लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) तक, शरणार्थी संकट पर चिंता जता चुके हैं। शरणार्थियों की एक बड़ी आबादी, बेहतर भविष्य की तलाश में अमेरिका जैसे देश में डंकी रूट के जरिए आती है। इस रूट से वे अवैध तरीके से आते हैं। इन्हें शरणार्थी का दर्जा चाहिए होता है लेकिन ये घुसपैठ करके आते हैं।
शरणार्थी पुनर्वास को लेकर वैश्विक कवायद जो भी हो, वे अपना सबकुछ बेचकर जिस देश में पहुंचते हैं, वहां से उनके वापस लौटने की संभावनाएं खत्म हो चुकी हैं। वे सहज तरीके से अपने देश वापस नहीं लौट सकते हैं। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रुख, घुसपैठियों के खिलाफ है। वे घुसपैठियों को न तो शरणार्थी मानेंगे, न ही उन्हें अपने देश में रहने देंगे।
अमेरिका में हाल ही में चुनाव संपन्न हुए हैं और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शानदार जीत मिली है। ट्रंप ने चुनावों में शरणार्थियों को अमेरिका से बाहर करने की बात कही है। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में शरणार्थी का दर्जा कैसे मिलता है? आइए हम बताते हैं कि अमेरिका में शरणार्थी का दर्जा किस तरह से मिलता है और इसकी प्रक्रिया क्या होती है।
अमेरिका में शरणार्थी का दर्जा कैसे मिलता है?
अमेरिका शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम (USRAP) उन शरणार्थियों के लिए रेफरल स्वीकार (ऐसा व्यक्ति जिसे सूचना, सहायता या कार्रवाई के लिए संबंधित एजेंसी के पास भेजना) करता है जो विशेष रूप से कमजोर होते हैं और जिन्हें तीसरे देश के पुनर्वास द्वारा दी गई सुरक्षा की जरूरत है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की बेबसाइट के मुताबिक, यह कार्यक्रम आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम (INA) के तहत अमेरिका में पुनर्वास के लिए एक आसान रास्ता प्रदान करता है। आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम शरणार्थियों को ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित करता है जो अपने देश से बाहर हैं या किसी देश की नागरिकता नहीं है। ऐसे लोगों को अमेरिका अपने देश में जगह देता है।
अमेरिका कैसे शरणार्थी स्टेटस देता है?
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की बेबसाइट पर बताया गया है कि जो व्यक्ति अपने देश से बाहर है और जो अपनी जाति, धर्म, राष्ट्रीयता, किसी विशेष सोशल ग्रुप की सदस्यता या राजनीतिक राय की वजह से उत्पीड़न का शिकार है। वह व्यक्ति उस देश में लौटने में असमर्थ या अनिच्छुक है और उस देश की सुरक्षा का लाभ उठाने के लिए अनिच्छुक या असमर्थ है उसे अमेरिका शरणार्थी मानता है।
अमेरिका की सरकार आधिकारिक तौर पर कहती है कि हम विशिष्ट जरूरतों वाले लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें महिलाएं और लड़कियां, बच्चे, वृद्ध व्यक्ति, जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के सदस्य, LGBTQI+ व्यक्ति, विकलांग व्यक्ति, राज्यविहीन व्यक्ति, मानवाधिकार कार्यकर्ता और असंतुष्ट व्यक्ति को अमेरिका शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम (USRAP) के माध्यम से शरणार्थी मानता है।
दुनियाभर में कितने विस्थापित शरणार्थी?
बता दें कि दुनियाभर में वर्तमान समय में लगभग 110 मिलियन यानी 10.10 करोड़ लोग जबरन विस्थापित हो चुके हैं, जो इतिहास में किसी भी समय से अधिक है। शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (UNHCR) के मुताबिक, 2.4 मिलियन शरणार्थियों को अब तीसरे देश में पुनर्वास के जरिए सुरक्षा की ज़रूरत है। विस्थापित होने के कारणों में युद्ध, आंतरिक टकराव, सूखा, बाढ़, असुरक्षा और गरीबी शामिल हैं।
हालांकि ऐसे शरणार्थियों के लिए अमेरिका आधिकारिक तौर पर पुनर्वास हिंसा या उत्पीड़न के डर के बिना सुरक्षा और सम्मान के साथ जीवन जीने के लिए नए सिरे से शुरुआत करने का अवसर देता है। इसके बावजूद भी ट्रंप प्रवासियों को देश से निकालने की बात कर रहे हैं।
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में अपनी आक्रामक नीतियों को लागू करेंगे। वे जो बाइडन प्रशासन के कई फैसलों को पलटने की तैयारी में हैं। इकोनॉमी, विदेश नीति और महंगाई को लेकर ट्रंप बड़ा फैसला लेंगे। ट्रंप के प्लान में प्रवासियों का बड़े पैमाने पर निर्वासन, विदेशी वस्तुओं पर भारी टैरिफ शामिल है। डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगी इन दिनों आदेश तैयार करने में व्यस्त हैं।
किन्हें भगाने की बात कर रहे हैं ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप सबसे पहले आव्रजन और उर्जा नीति में बदलाव करने की योजना बना रहे हैं। ट्रंप ने चुनाव में भारी संख्या में अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकालने का वादा किया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि ट्रंप सबसे पहले इसी पर काम करेंगे। डोनाल्ड ट्रंप 2015 से ही आव्रजन पर सख्त रुख अपनाए हुए हैं।
उन्होंने अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले 13 मिलियन से अधिक अप्रवासियों को सामूहिक रूप से निर्वासित करने की बात कही है। आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों को ट्रंप सबसे पहले डिपोर्ट करेंगे। डोनाल्ड ट्रंप मेक्सिको के साथ लगने वाली अमेरिकी सीमा को भी बंद करेंगे।
डंकी रूट क्या है?
डंकी रूट एक अवैध तरीका है जिसके जरिए कोई व्यक्ति एक देश से दूसरे देश में प्रवेश करता है। इसे डंकी ट्रैवल भी कहा जाता है। डंकी रूट का इस्तेमाल अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में अनधिकृत प्रवेश के लिए किया जाता है।
दुनिया का सबसे बड़ा शरणार्थी देश कौन सा है?
सीरिया में लंबे समय से संघर्ष चल रहा है। 2022 के अंत तक सीरिया दुनिया में 6.5 मिलियन शरणार्थियों का सबसे बड़ा मूल देश बना रहा। इजरायल और हमास की जंग के बीच गाजा से लाखों की संख्या में लोग शरणार्थी शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं।