बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित भारतीय दूतावास तक सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने मार्च निकाला। हालांकि, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया लेकिन भारत ने बांग्लादेश में अपने दूतावास की आसपास की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। इसे लेकर भारत ने बांग्लादेश के राजदूत रियाज हमीदुल्ला को तलब किया और अपना विरोध जताया। 


'जुलाई ओइक्या' यानी जुलाई यूनिटी के बैनर तले मार्च कर रहे प्रदर्शनकारी भारत विरोधी नारे लगा रहे थे और कई मांगें उठा रहे थे। इन मांगों में पिछले साल देश छोड़कर गईं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग भी शामिल थी।


एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार दोपहर एक जुलूस रामपुरा ब्रिज से शुरू हुआ और उसे नॉर्थ बड्डा में हुसैन मार्केट के सामने रोक दिया गया, जहां दूतावास स्थित है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के कारण डिप्लोमैटिक एरिया के साथ-साथ मेन रोड पर गाड़ियों की आवाजाही घंटों तक बंद रही।

 

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प्रदर्शनकारियों का क्या है कहना?

भारतीय दूतावास की ओर मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि भारतीय प्रॉक्सी राजनीतिक पार्टियां, मीडिया और सरकारी अधिकारी बांग्लादेश के खिलाफ साजिशें रच रहे हैं।


स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जैसे ही विरोध मार्च आगे बढ़ा, पुलिस ने बैरिकेड लगा दिया। उन्होंने बैरिकेड तड़ दिया लेकिन आगे की नाकाबंदी ने उन्हें रोक दिया। प्रदर्शनकारियों ने वहीं पर भारत के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए और शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की।

 

 

एक प्रदर्शनकारी ने स्थानीय मीडिया से कहा, 'हम डरे हुए नहीं हैं और हम भारतीय दूतावास पर हमला नहीं करेंगे लेकिन अगर कोई बांग्लादेश पर अपना दबदबा बनाए रखने की कोशिश करेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।'

 

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प्रदर्शन किसने बुलाया था?

ढाका ट्रिब्यून अखबार ने बताया कि इस मार्च की अगुवाई ढाका यूनिवर्सिटी सेंट्रल स्टूडेंट्स यूनियन (DUCSU) के सोशल वेलफेयर सेक्रेटरी एबी जुबैर कर रहे थे। यह मार्च 'जुलाई यूनिटी' के बैनर तले निकाला जा रहा था। यह कई संगठनों का एक मोर्चा है। पिछले साल शेख हसीना की सरकार के खिलाफ जो विद्रोह हुआ था, उसे 'जुलाई विद्रोह' नाम दिया गया था। इसके बाद 5 अगस्त को शेख हसीना इस्तीफा देकर भारत आ गई थीं।


अखबार ने बताया कि पुलिस के रोकने के बाद प्रदर्शनकारी नॉर्थ बड्डा में हुसैन मार्केट के सामने सड़क पर बैठ गए और 'दिल्ली या ढाका, ढाका ही ढाका है' और 'मेरा भाई हादी-हादी को क्यों मरना पड़ा?' जैसे नारे लगाने लगे। 


ढाका पुलिस के डिप्टी कमिश्नर नूर-ए-आलम सिद्दीकी ने बताया कि डिप्लोमैटिक एरिया की सुरक्षा मजबूत करने के लिए अलग-अलग इलाकों से टुकड़ियों को बुलाया गया था। हालांकि, देर शाम 5 बजे मार्च खत्म हो गया।

 

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भारत ने जताई चिंता, बांग्लादेश के राजदूत तलब

ढाका में भारतीय दूतावास की सुरक्षा को लेकर भारत ने चिंता जताई है। बुधवार को भारत ने नई दिल्ली में बंग्लादेश उच्चायुक्त रियाज हमीदुल्ला को तलब किया। भारत ने सुरक्षा पर चिंता जताई। साथ ही स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव कराने की अपील भी की। बांग्लादेश में 12 फरवरी को संसदीय चुनाव होने हैं।

 

 

इससे पहले भारत ने ढाका के जमुना फ्यूचर पार्क में इंडियन वीजा एप्लीकेशन सेंटर (IVAC) ने मौजूदा सुरक्षा हालात को देखते हुए अपना ऑफिस बंद कर दिया था। बांग्लादेश के राजदूत से भारत ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि अंतरिम सरकार अपने राजनयिक दायित्वों के अनुसार बांग्लादेश में मिशन और पोस्ट की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।'


कुछ घंटों बाद ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में विदेश मामलों के सलाहकार एम तौहीद हुसैन ने कहा कि हमें अपने पड़ोसियों से सलाह नहीं चाहिए कि चुनाव कैसे होने चाहिए। उन्होंने कहा, जब शेख हसीना की सरकार में 'मजाकिया चुनाव' हुए थे, तब भारत चुप रहा था। अब जब हम एक अच्छे चुनाव की ओर बढ़ रहे हैं तो सलाह दी जा रही है।