अमेरिका के राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप एक्शन मोड में आ गए है। अपने कार्यकाल के पहले दिन ही उन्होंने सीबीपी वन ऐप को आधिकारिक तौर पर बंद कराने के आदेश दे दिए है। इस ऐप का इस्तेमाल अवैध अप्रवासियों द्वारा शरण के लिए अपॉइंटमेंट शेड्यूल करने के लिए किया जाता था। 2023 में इस ऐप के लॉन्च होने के बाद से, 900,000 से अधिक अपॉइंटमेंट की सुविधा दी गई लेकिन इसके बंद होने से अब हजारों अवैध अप्रवासी अधर में लटके हुए हैं।
सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (CBP) ने सोमवार को ऐप के बंद होने की पुष्टि करते हुए घोषणा की, 'आठ दक्षिण-पश्चिमी सीमा बंदरगाहों पर अपॉइंटमेंट अब उपलब्ध नहीं हैं और मौजूदा अपॉइंटमेंट भी रद्द कर दी गई हैं।' दरअसल, 20 जनवरी को दिए गए आदेश के बारे में शरणार्थियों को कोई सूचना नहीं दी गई थी। सवाल है कि अब इन शरणार्थियों का क्या होगा?
CBP One ऐप क्यों था अवैध अप्रवासियों का सहारा?
- CBP One ऐप अवैध अप्रवासियों (migrants) का सहारा इसलिए बना क्योंकि इसने अमेरिकी सीमा पर प्रवेश की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सुव्यवस्थित और डिजिटल बना दिया था।
- यह ऐप विशेष रूप से शरण चाहने वाले (asylum seekers) अवैध अप्रवासियों के लिए मददगार साबित हुआ था।
- CBP One ऐप अवैध अप्रवासियों को अमेरिकी सीमा पर कानूनी और लीगल एंट्री के लिए एक आधिकारिक प्लेटफॉर्म प्रदान करता था।
- यह अवैध अप्रवासियों को अपॉइंटमेंट बुक करने और बिना अवैध सीमा पार किए, उचित तरीके से प्रवेश की प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर देता था।
- ऐप के जरिए शरण चाहने वाले अपनी अपॉइंटमेंट बुक कर सकते थे और अपनी शरण आवेदन प्रक्रिया को ट्रैक कर सकते थे।
- इस प्रक्रिया से प्रवासियों को यह सुनिश्चित करने का मौका मिला कि वे वैध दस्तावेजों और उचित प्रक्रियाओं के तहत प्रवेश कर रहे थे।
- प्रवासियों के लिए ग्रीन कार्ड और वीजा से जुड़ी प्रक्रियाओं को डिजिटल और तेज बनाया गया।
- दस्तावेज जमा करने और सत्यापन के लिए सीमा पर लंबा इंतजार करने की जरूरत कम हो गई।
- प्रवासियों को यह पता था कि ऐप के जरिए उनकी जानकारी सीधे अमेरिकी सीमा शुल्क और सुरक्षा विभाग (CBP) तक पहुंचेगी, जिससे धोखाधड़ी की संभावना खत्म हो गई।
- ऐप ने प्रक्रिया को तेज और सुविधाजनक बनाया। प्रवासी अपनी स्थिति की जानकारी ऐप के जरिए देख सकते थे, जिससे उन्हें अनावश्यक रूप से सीमा पर इंतजार नहीं करना पड़ा।
- CBP One ऐप ने प्रवासियों को यह भरोसा दिलाया कि उन्हें संविधान और मानवाधिकारों के तहत न्यायपूर्ण प्रक्रिया मिलेगी।
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CBP One ऐप बंद होने से क्या होगा?
अब CBP One ऐप बंद हो गया है जिससे इसका सीधा असर प्रवासियों पर पड़ेगा। इससे सीमा प्रबंधन पर कई तरह का प्रभाव पड़ सकता है। इसके बंद होने से क्या-क्या हो सकता हैं, आइये जाने:
CBP One ऐप के जरिए शरण चाहने वाले आसानी से अपॉइंटमेंट बुक कर सकते थे। ऐप बंद होने पर, यह सुविधा खत्म हो जाएगी, जिससे प्रवासियों को अधिक समय और प्रयास लगाना पड़ेगा। सीमा पर प्रवासियों की संख्या बढ़ने से अधिकारियों को प्रक्रिया संभालने में कठिनाई हो सकती है। जैसे अगर शरण चाहने वाले अपॉइंटमेंट बुक नहीं कर पाते, तो वे सीमा पर अनियंत्रित रूप से इकट्ठा हो सकते हैं। ऐप का उपयोग प्रवासियों को कानूनी प्रक्रिया अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता था। इसके बंद होने से लोग अवैध तरीके जैसे मानव तस्करी या खतरनाक रास्तों का सहारा ले सकते हैं।
सीमा अधिकारियों पर प्रभाव
- ऐप की मदद से अधिकारियों को प्रवासियों की जानकारी पहले से मिल जाती थी। ऐप बंद होने से मैन्युअल प्रक्रिया पर निर्भरता बढ़ेगी, जिससे उनका काम जटिल हो सकता है।
- ऐप का उपयोग प्रवासियों के दस्तावेज़ों और अपॉइंटमेंट को डिजिटल रूप से मैनेज करने के लिए किया जाता था। मैन्युअल प्रक्रिया से देरी की संभावना बढ़ सकती है।
प्रवासियों के लिए सुरक्षा संबंधी खतरे
- प्रवासी जो ऐप के जरिए अपॉइंटमेंट बुक कर सकते थे, अब अपनी बारी का इंतजार नहीं कर पाएंगे। इससे वे अवैध तस्करों या खतरनाक रास्तों का सहारा ले सकते हैं।
- ऐप बंद होने पर प्रवासी वैध प्रक्रियाओं का इंतजार छोड़कर रेगिस्तानों या नदी पार करने जैसे खतरनाक रास्तों का सहारा ले सकते हैं, जिससे उनकी जान जोखिम में पड़ सकती है।
प्रवासियों के अधिकारों पर प्रभाव
- CBP One ऐप प्रवासियों को उनकी आवेदन प्रक्रिया की स्थिति की जानकारी देता था। इसके बंद होने से यह पारदर्शिता खत्म हो जाएगी।
- ऐप के जरिए प्रवासी अपनी प्रक्रिया को ट्रैक कर सकते थे, जिससे वे मानसिक रूप से शांत रहते थे। ऐप बंद होने से यह सुविधा खत्म हो जाएगी, और प्रवासी अधिक तनाव महसूस करेंगे।
अव्यवस्था और प्रशासनिक चुनौती
- बिना ऐप के प्रवासियों को मैन्युअल प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा, जिससे सीमा पर अव्यवस्था और भीड़ बढ़ सकती है।
- CBP One ऐप जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से प्रक्रियाओं में स्वचालन (automation) आता था। इसके बंद होने से अधिकारियों को वापस कागजी काम पर निर्भर होना पड़ेगा, जो समय लेने वाला है।
अवैध गतिविधियों में वृद्धि
- ऐप के बंद होने से प्रवासियों को वैध प्रक्रिया का सहारा लेने में मुश्किल होगी, और वे तस्करों के जाल में फंस सकते हैं।
- महिलाएं, बच्चे, और अन्य कमजोर समूह, जिन्हें ऐप के जरिए सहायता मिल रही थी, अब असुरक्षित महसूस कर सकते हैं।