पॉप सिंगर कैटी पेरी समेत 6 महिलाएं अंतिरक्ष की सैर कर लौट आईं हैं। कैटी पेरी के साथ अंतरिक्ष की सैर करने वालों में जेफ बेजोस की मंगेतर लॉरेन सांचेज भी शामिल थीं।
अंतरिक्ष की सैर करना चाहते हैं? अगर यह सवाल किसी से पूछा जाए तो शायद ही कोई हो जो इसका जवाब 'न' में दे। उसकी वजह यह है कि अंतरिक्ष को लेकर हम सबके अंदर बचपन से ही कई तरह के सवाल होते हैं। आज से कुछ साल पहले तक अंतरिक्ष जाने लिए आपका एस्ट्रोनॉट होना जरूरी था, मगर अब यह सारी 'सीमाएं' खत्म सी हो गईं हैं। अब अगर कोई अंतरिक्ष की सैर करना चाहता है तो पैसे देकर ऐसा कर सकता है। इसे ही 'स्पेस टूरिज्म' कहा जाता है।
यह सारी बातें इसलिए क्योंकि पॉप सिंगर कैटी पेरी समेत 6 महिलाएं अंतरिक्ष की सैर कर लौट आई हैं। कैटी पेरी के साथ अंतरिक्ष की सैर करने वालों में अमेरिकी अरबपति जेफ बेजोस की मंगेतर लॉरेन सांचेज भी शामिल थीं। इन महिलाओं को जेफ बेजोस की स्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन ने ही अंतरिक्ष की सैर करवाई है। इन महिलाओं ने 'न्यू शेफर्ड' रॉकेट में बैठकर अंतरिक्ष की सैर की।
अंतरिक्ष के इस सफर में कैटी पेरी और लॉरेन सांचेज के अलावा नासा की पूर्व रॉकेट साइंटिस्ट आयशा बोवे, बायोएस्ट्रोनॉटिक्स रिसर्च साइंटिस्ट अमांडा गुयेन, जर्नलिस्ट गेल किंग और फिल्म प्रोड्यूसर केरिएन फ्लिन भी साथ थीं।
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क्या हुआ इस सफर में?
6 महिलाओं की अंतरिक्ष की यह यात्रा सोमवार को शुरू हुई थी। यह पूरा सफर 11 मिनट का था। इस सफर में सभी महिलाएं एक कैप्सूल में थीं। इस मिशन में इन महिलाओं को कार्मन लाइन यानी अंतरिक्ष की सीमा तक ले जाया गया। यह धरती से करीब 100 किलोमीटर ऊंचाई पर है।
सफर के दौरान 4 मिनट के लिए क्रू को जीरो ग्रेविटी का फील हुआ। इस दौरान क्रू को ठीक वैसा ही महसूस हुआ, जैसा स्पेस में अंतरिक्ष यात्रियों को होता है। 11 मिनट बाद यह क्रू वापस पृथ्वी पर लौट आया।
सफर से लौटने के बाद गेल किंग ने बताया कि कैटी पेरी ने नील आर्मस्ट्रॉन्ग का 'व्हाट अ वंडरफुल वर्ल्ड' गाना गाया। इस सफर में कैटी पेरी अपने साथ डेजी का फूल भी लेकर गई थीं। कैटी इसे अपनी बेटी डेजी की याद में अंतरिक्ष में ले गई थीं।
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बाकी यात्रा से कितना अलग है यह?
कैटी पेरी और लॉरेन सांचेज के साथ गईं 6 महिलाओं की यात्रा बाकी बाकी अंतरिक्ष यात्राओं से काफी अलग है। ब्लू ओरिजिन के रॉकेट से होने वाली यह यात्रा कार्मन सीमा तक जाती है और फिर वापस आ जाती है। कार्मन सीमा एक तरह से पृथ्वी और अंतरिक्ष के बीच की काल्पनिक बॉर्डर है।
जेफ बेजोस जो यात्रा करवाते हैं, उसमें यात्रियों को धरती से 100 किलोमीटर की ऊंचाई तक ले जाया जाता है। जबकि, नासा या दूसरी अंतरिक्ष एजेंसियों की तरफ से जाने वाले यात्री 400 किलोमीटर से ज्यादा की ऊंचाई तक जाते हैं।
यानी, ब्लू ओरिजिन वाले सफर में यात्री वहां तक जाते हैं, जहां से अंतरिक्ष शुरू होता है। जबकि, सुनीता विलियम्स जैसे अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में कुछ दिन, हफ्ते या महीने बिताते हैं।
मगर इसकी जरूरत क्यों?
दरअसल, इस सबका मकसद 'स्पेस टूरिज्म' को बढ़ावा देना है। इसमें सब-ऑर्बिटल फ्लाइट होती हैं। ऐसे मिशन में क्रू को पृथ्वी की कक्षा में नहीं ले जाया जाता, बल्कि कार्मन लाइन तक ले जाया जाता है।
स्पेस टूरिज्म को लेकर दुनिया की कई कंपनियां काम कर रही हैं। इसमें लोगों से पैसे लिए जाते हैं और अंतरिक्ष की सैर करवाई जाती है। जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन 2021 से ऐसा कर रही है। ब्लू ओरिजिन अपने न्यू शेफर्ड रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष तक भेजता है। 2021 में जब ब्लू ओरिजिन ने इसे शुरू किया था, तब पहली क्रू में जेफ बेजोस भी शामिल थे। उनकी कंपनी अब तक करीब 60 लोगों को अंतरिक्ष की सैर करवा चुकी है।
ब्लू ओरिजिन के अलावा एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स भी लोगों को अंतरिक्ष तक ले जा रही है। सितंबर 2021 में स्पेसएक्स ने 'इंस्पिरेशन 4' मिशन लॉन्च किया था। इस मिशन में अरबपति जेरेड इसाकमैन समेत 4 यात्रियों ने 3 दिन तक अंतरिक्ष में सफर किया था। इन्होंने स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में बैठकर अंतरिक्ष का सफर किया था।
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इस सबमें कितना खर्च आता है?
अंतरिक्ष तक होने वाली यह यात्रा काफी महंगी होती है। इसलिए अभी तक सिर्फ अरबपति ही अंतरिक्ष का सफर कर रहे हैं। कुछ मिनटों की इस यात्रा पर लाखों डॉलर खर्च होता है। हालांकि, किसी भी कंपनी ने इसकी टिकट का कोई खर्चा सार्वजनिक नहीं किया है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने ब्लू ओरिजिन की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के हवाले से बताया था कि अगर कोई अंतरिक्ष की यात्रा करना चाहता है तो उसे 1.50 लाख डॉलर (करीब 1.28 करोड़ रुपये) जमा कराने होंगे। यह रिफंडेबल होगा। यानी, अगर आप यात्रा नहीं करना चाहते हैं तो आपको पैसे वापस कर दिए जाएंगे। हालांकि, यह सिर्फ शुरुआती खर्च है।
साल 2021 में ब्लू ओरिजिन ने अपने न्यू शेफर्ड रॉकेट की एक सीट की नीलामी की थी। इसके लिए सबसे ज्यादा बोली 2.8 करोड़ डॉलर यानी लगभग 230 करोड़ रुपये की बोली लगी थी। इससे समझा जा सकता है कि अंतरिक्ष की यात्रा करने के लिए लोग कितनी मोटी रकम खर्च करने के लिए तैयार हैं।
इससे पहले 2018 में रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया था कि ब्लू ओरिजिन एक सीट के लिए 2 लाख डॉलर (करीब 1.71 करोड़ रुपये) चार्ज करने की योजना बना रहा था। हालांकि, कंपनी ने कभी इसकी कीमत का खुलासा नहीं किया। ब्लू ओरिजिन का कहना है कि उसके रॉकेट से अंतरिक्ष तक जाने की लागत कम है, क्योंकि इसके रॉकेट को कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
ब्रिटेन के वारविक बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर लोइजोस हेराक्लियस का अनुमान है कि ब्लू ओरिजिन के न्यू शेफर्ड की लॉन्चिंग पर 10 से 30 लाख डॉलर तक का खर्च आता होगा। इस एयरक्राफ्ट में 6 सीटें हैं, इसलिए एक यात्री को कम से कम 5 लाख डॉलर (करीब 4.28 करोड़ रुपये) खर्च करना ही होता होगा।
अमेरिकी अरबपति डेनिस टीटो दुनिया के पहले ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने पैसे देकर अंतरिक्ष की यात्रा की थी। उन्होंने अप्रैल-मई 2001 में 7 दिन तक ISS में बिताए थे। इसके लिए उन्होंने 2 करोड़ डॉलर खर्च किए थे। ऐसे लोगों को 'स्पेस टूरिस्ट' कहा जाता है।
अभी सिर्फ स्पेस एडवेंचर ही एकमात्र कंपनी है, जो प्राइवेट यात्रियों को अंतरिक्ष की यात्रा करवाती है। यह अमेरिकी कंपनी है, जो रूस के साथ मिलकर अरबपतियों को अंतरिक्ष का सैर करवाती है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, 2001 से 2009 के बीच 8 यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर करवाई थी। इस सफर के लिए हर यात्री ने 2 से 4 करोड़ डॉलर खर्च किए थे।
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भारत की क्या है तैयारी?
अब दुनियाभर में स्पेस टूरिज्म तेजी से बढ़ रहा है। दुनियाभर के कई अरबपति और सेलेब्रिटीज अंतरिक्ष का सफर करने के लिए करोड़ों डॉलर खर्च कर रहे हैं।
फ्यूचर मार्केटिंग इनसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 तक दुनियाभर में स्पेस टूरिज्म का मार्केट 75 करोड़ डॉलर से ज्यादा का था। इस साल यह मार्केट करीब 90 करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा। 2035 तक इंटरनेशनल टूरिज्म मार्केट 5.1 अरब डॉलर से ज्यादा होने की उम्मीद है।
स्पेस टूरिज्म भारत पीछे न छूट जाए, इसकी तैयारी भारत भी कर रहा है। भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO 2030 तक स्पेस टूरिज्म शुरू करने की तैयारी कर रही है। इसमें अंतरिक्ष की सैर करने वाले यात्री को 6 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। ब्लू ओरिजिन की तरह ही यह भी एक सब-ऑर्बिटल यात्रा होगी। यह पूरा सफर 15 मिनट का होगा।
वहीं, अंतरिक्ष में कमर्शियल स्पेस स्टेशन बनाने के लिए NASA ने 41.5 करोड़ डॉलर का फंड जारी किया है। यह फंड तीन कंपनियों को मिला है। इनमें 13 करोड़ डॉलर ब्लू ओरिजिन, 16 करोड़ डॉलर नैनोरैक्स और 12.56 करोड़ डॉलर नॉर्थरोप ग्रूमैन सिस्टम को दिया गया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि स्पेस टूरिज्म को बढ़ावा मिल सके।