अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने द हेग में आयोजित नाटो सम्मेलन में हिस्सा लिया। उन्होंने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम करवाने का श्रेय लिया और इसके पीछे व्यापार समझौते का जिक्र किया। ट्रंप ने दावा किया कि हमने ट्रेड पर फोन कॉल की सीरीज के माध्यम से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोका है।

 

ट्रंप के मुताबिक, 'मैंने कहा कि अगर आप एक-दूसरे से लड़ते हैं तो हम कोई व्यापार समझौता नहीं करेंगे। पिछले हफ्ते पाकिस्तान के जनरल मेरे ऑफिस पहुंचे। पीएम मोदी मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं। वह सज्जन और महान शख्सियत हैं। मैंने उन्हें समझाया और कहा कि अगर आप लड़ने जा रहे हैं तो हम कोई ट्रेड डील नहीं करेंगे। उन्होंने कहा नहीं, मैं ट्रेड डील करना चाहता हूं। हमने परमाणु युद्ध रोक है।'

 

डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के प्रति नरमी बरतने के संकेत दिए हैं। ट्रंप का कहना है कि ईरान को पटरी पर लाने की खातिर तेल से होने वाली कमाई की जरूरत पड़ेगी। अगर चीन ईरान से तेल खरीदता है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है। पत्रकारों से डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'देखिए, उन्होंने अभी-अभी युद्ध लड़ा है। इसे बहादुरी से लड़ा। मैं हार नहीं मानूंगा।'

 

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पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि क्या चीन को ईरानी तेल खरीदने की अनुमति मिलेगी? जवाब में ट्रंप ने कहा, 'वे तेल के कारोबार में हैं। अगर मैं चाहूं तो इसे रोक सकता हूं और चीन को खुद तेल बेच सकता हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहता। उन्हें अपने देश को दोबारा पटरी पर लाने की खातिर धन की जरूरत होगी। हम ऐसा होते देखना चाहते हैं। अगर वह तेल बेचने जा रहे हैं तो बेचेंगे। हम तेल पर कब्जा नहीं करेंगे।'

 

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पूरी तरह से नष्ट हो चुके ईरान के परमाणु स्थल: ट्रंप

अमेरिका खुफिया विभाग की रिपोर्ट का दावा है कि ईरान के परमाणु स्थल पूरे तरह से नष्ट नहीं हुए हैं। जब खुफिया विभाग की इस रिपोर्ट के बारे में ट्रंप से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने एक अधूरी रिपोर्ट पेश की है। वह केवल अनुमान लगा रहे हैं। उन्होंने इसे देखा नहीं है। ट्रंप ने दावा किया कि परमाणु संयंत्रों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है। 

 

बाद में ट्रंप ने रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ से हमले के बारे में जानकारी देने को कहा। हेगसेथ का कहना है कि हमले की गंभीरता पर सवाल उठाना ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम का अपमान है। डोनाल्ड ट्रंप ने खुफिया रिपोर्ट प्रकाशित करने वाले मीडिया संस्थानों की आलोचना की और दावा किया कि ऑपरेशन के पायलट रिपोर्ट से बेहद परेशान थे।